जांगू बारगाह प्रकरण को धर्मांतरण से जोड़कर देखा जाना गलत….न्यायालय के समक्ष धर्मांतरण संबंधी कभी कोई बात सामने नही आई..
अंबिकापुर से लगे लुंड्रा विकासखण्ड के देवरी ग्राम के ग्रामवासियों के आवेदन पर न्यायालीन प्रकरण में अनावेदक जंगू आत्मज बंधु जाति बरगह निवासी दुन्दु द्वारा शासकीय भूमि पर घर बनाकर एव फसल लगाकर अतिक्रमण किया गया था,तहसीलदार से प्राप्त जानकारी के अनुसार उक्त अतिक्रमण पर न्ययालय के द्वारा स्थगन आदेश जारी किया गया था जिसमे अनावेदक हमेशा उपस्थित भी हुवा और कोई जबाब प्रस्तुत नही किया और नही धर्मांतरण से संबंधित कोई बात कभी न्यायालय के समक्ष बताया , तहसीलदार ने इस सम्बंद में बताया की पूरे प्रकरण के दौरान धर्मांतरण की कोई बात नही आई ,ज्ञात हो कि अनावेदक जंगू बरगाह जो कि ग्राम दुन्दु का निवासी है जंहा उसका मकान भी निर्मित है संबंधित परिवार के पैतृक समिलात खाते रकबा 2.205 हे. भूमि दर्ज है एव अनावेदक का ग्राम देवरी स्थित शा. भूमि में अतिक्रमित मकान एव फसल के रूप में था को मुक्त करते हुवे जप्ती बनाकर देवरी ग्राम के ग्राम पंचायत छेरमुंडा के सुपुर्द में सौपा गया है,संबंधित प्रकरण एक सामान्य प्रक्रिया के तहत है जिसमे शासकीय प्रयोजन हेतु शासकीय भूमि से अतिक्रमण हटाया गया है