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छत्तीसगढ़ :कांग्रेस का अंतर्कलह थाने तक पहुंचा , दो गुटों के बीच हुई मारपीट के बाद दोनो पक्षों ने एक दूसरे के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई

अम्बिकापुर । वर्तमान भारत ।

छत्तीसगढ़ कांग्रेस का अंतर्कलह पर आज प्रदेश ही नहीं बल्कि देश के तमाम राजनीतिज्ञों , विद्वानों ,चिंतकों , एवम जागरूक नागरिकों की नजर है ।दबे जुबान ही सही पर आज पूरे भारत में यह चर्चा का विषय बना हुआ है।इसे प्रदेश की जनता का यह दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि इतने बड़े बहुमत के साथ कॉन्ग्रेस को सत्तारूढ़ किए जाने के बावजूद उसे दिन – प्रतिदिन अनपेक्षित बातें सुनने को मिलते रहती हैं।लगता है जैसे अंदर ही अंदर ज्वालामुखी सुलग रहा हो और कभी भी वह अपने विकराल रूप में प्रकट हो सकता है। हालाकि प्रदेश के शीर्षस्थ नेताओं ने समय – समय पर पार्टी के अंदर किसी प्रकार के अंतर्कलह की बात को नकारते हुए पार्टी के अंदर पूर्णतः शांति और स्थिर सरकार की बात कही है , लेकिन जनता अब उतनी भोली भी नही है जितना की ये राजनेता समझते हैं।

यद्यपि ,कांग्रेस के अंतर्कलह को सत्ता की गलियारों तक ही सीमित रखने का कांग्रेस नेताओं ने पुरजोर कोशिश की,मगर अपने वर्चस्व की लड़ाई में अंधे होकर उनके द्वारा कुछ ऐसे भी कदम उठाए गए को एक राष्ट्रीय पार्टी की प्रतिष्ठा के बिलकुल प्रतिकूल थी और पार्टी की छवि धूमिल हुई ।स्थानीय स्तर पर कांग्रेस की गुटबाजी उभरकर उस समय पहली बार आम जनता के सामने आई थी जब नवनिर्मित राजीव भवन ( कांग्रेस भवन ) का उद्घाटन एक ही दिन दो अलग – अलग मंत्रियों ने दो बार फीता काटकर किया था । दूसरी घटना से तो सरगुजा की जनता पूरी तरह से स्तब्ध है। जिले के प्रभारी मंत्री के सामने ही कांग्रेस के दो गुटों के बीच मारपीट हो गई और मामला थाने तक पहुंच गया ।

पूरा मामला इस प्रकार है कि जिला अस्पताल अम्बिकापुर में बच्चो की सिलसिलेवार हो रही मौतों के सिलसिले में जिले के प्रभारी मंत्री शिव डहरिया सोमवार को अम्बिकापुर प्रवास पर थे। अस्पताल का जायजा लेने के बाद वे सर्किट हाउस में ठहरे हुए थे। शाम का समय था। उनके साथ कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रदेश सह संयोजक आदर्श बंसल और कुछ अन्य लोग भी थे। वहीं पर युवक कांग्रेस के विकल झा , शुभम जायसवाल , मिथुन सिंह एवम विकास केसरी भी थे । किसी बात को लेकर इनका आदर्श बंसल से विवाद हो गया जिस पर इन लोगों ने आदर्श बंसल की पिटाई कर दी। आदर्श बंसल ने उन्हें पीटने वाले गुट के खिलाफ गांधी नगर थाने में एफआईआर दर्ज करा दी। उधर दूसरा गुट भी आदर्श बंसल के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने पहुंचा , लेकिन पुलिस ने उनका एफआईआर दर्ज करने से मना कर दिया । तब वे लोग वही धरने पर बैठ गए और नारेबाजी करते हुए एफआईआर दर्ज करने की मांग करने लगे। घटना की जानकारी होने पर रात 11.30, बजे जिला कांग्रेस अध्यक्ष राकेश गुप्ता ,श्रम कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष सफी अहमद तथा अन्य वरिष्ठ कांग्रेस नेता थाने पहुंचे जिनके पहल से आदर्श बंसल गुट के विरुद्ध भी एफआईआर दर्ज किया गया ।

गांधीनगर थाने पहुंचे कांग्रेसजन

ऊपरी तौर पर देखने से यह एक सामान्य घटना प्रतीत होती है। मगर कांग्रेस के गुटीय संघर्ष का यह एक जीता जागता उदाहरण है। थाने पहुंचे कांग्रेस के नेता दोनो पक्षों में समझौता करा सकते थे या कांग्रेसी जन आपस में बैठकर मसले का हल ढूंढ सकते थे । आदर्श बंसल से उनकी शिकायत उनसे वापस करवा सकते थे । मगर अंतर्कलह और गुटीय संघर्ष की यह पराकाष्ठा थी कि विद्वजनों ने दूसरे गुट के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के मार्ग का चयन किया ।