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समिति प्रबंधकों ने चालू सत्र में धान नही खरीदने के संबंध में कलेक्टर सहित अन्य विभागीय अधिकारियों को दिया ज्ञापन …. अपने आवेदन में धान नही खरीदने का बताया ये कारण ….

अम्बिकापुर । वर्तमान भारत ।

इरफान सिद्दीकी ( उप संपादक )

छत्तीसगढ़ प्रदेश सहकारी कर्मचारी संघ के बैनर तले सरगुजा संभाग के समस्त समिति प्रबंधक ,आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित ने सत्र 2021- 22 में किसानों से धान नही खरीदने के संबंध में कलेक्टर सहित अन्य विभागीय अधिकारियों को आज ज्ञापन सौंपा । अपने ज्ञापन में उन्होंने लिखा है कि धान का मुख्य खरीददार विपणन संघ है जो सहकारी समितियों के माध्यम से धान खरीदी का काम करता है और सहकारी समितियां एक एजेंट के रूप में काम करती हैं और समिति शासन को शून्य प्रतिशत शॉर्टेज देती आ रही है । लेकिन समिति ने इस वर्ष निम्न कारणो से धान खरीदना नही चाहती –

1.धान खरीदी का उठाव कभी भी समय सीमा में नही किया गया और आगामी वर्ष में भी धान खरीदी का उठाव समय सीमा में होने की संभावना नजर नहीं आ रही है।

2. धान खरीदी के रख रखाव का खर्च 25/- प्रति क्विंटल है जबकि शासन द्वारा मात्रा सुरक्षा भंडारण व्यय 3/- प्रति क्विंटल एवम प्रासंगिक व्यय 09/- प्रति क्विंटल दिया जाता है जो अपर्याप्त है ।

3. धान खरीदी की मॉनिटरिंग विभिन्न विभागों द्वारा की जाती है जबकि धान उठाव में किसी भी विभाग द्वारा किसी भी प्रकार से नहीं किया जाता है ।

4.धान खरीदी के समय आकस्मिक वर्षा ,धूप ,कीट प्रकोप आदि से एवम देरी से उठाव के कारण धान में आई सुखत के लिए शासन द्वारा किसी भी प्रकार की कमी को मान्य नहीं किया जाता है ।

5.sसमितियों में बफर लिमिट मनमाने तौर पर तय किया जाता है जबकि उपार्जन केन्द्र में 10%रखने का ही प्रावधान है ।बफर लिमिट ज्यादा होने के कारण समय पर धान का परिवहन नही हो पाता है और नुकसान / सुखत की भारपाई केंद्र प्रभारी से की जाती है।

6. धान खरीदी का अनुबंध मुख्य रूप से समिति और विपणन संघ के मध्य किया जाता है जो कभी भी समय पर नहीं किया जाता है एवम अनुबंध हमेशा एक पक्षीय होता है ,जबकि अनुबंध दो पक्षीय होना हितकर है।समिति को अपनी बातों को अनुबंध में जोड़ने की अनुमति दिया जाना न्यायोचित होगा।

7. उपरोक्त समस्त कारणो का जबावदार सिर्फ समिति प्रबंधक को माना जाता है जो समिति प्रबंधकों को मान्य नहीं है।