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आज है तुलसी विवाह, जानिए मुहूर्त और विवाह की आसान विधि…..

वर्तमान भारत

इरफान सिद्धिकी उप संपादक

आपके विवाह में अड़चन आ रही है, रिश्ता पक्का नहीं हो रहा है, या शादी बार-बार टूट रही है तो तुलसी विवाह कराने से लाभ मिलेगा. मान्यता है कि जिन दंपत्ति को कन्या सुख नहीं मिलता है, उन्हें जीवन में एक बार तुलसी विवाह कर तुलसी कन्यादान का भी पुण्य मिलता है. इतना ही नहीं, माता लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए तुलसी विवाह का विशेष महत्व है.

तुलसी विवाह की विधि

तुलसी विवाह शाम को कराया जाता है. तुलसी के गमले पर गन्ने का मंडप बनाकर तुलसी पर लाल चुनरी, सुहाग सामग्री चढ़ानी चाहिए. इसके बाद गमले में शालिग्रामजी को रखकर रस्में शुरू की जाती हैं. इस दौरान विवाह के सभी नियमों का पालन करना चाहिए. साथ ही इन बिन्दुओं के आधार पर विवाह कर्म संपन्न कराएं.

– जिनको तुलसी विवाह कराना है, वह स्नान कर साफ कपड़े पहन लें.
– जिन लोगों को तुलसी कन्यादान करना है, उन्हें आज व्रत रखना चाहिए.
– शुभ मुहूर्त में तुलसी पौधे को आंगन या छत पर चौकी पर स्थापित करें.
– एक दूसरी चौकी लें, जिस पर शालिग्राम को स्थापित करें.
– चौकी पर अष्टदल कमल बनाकर कलश स्थापित करें.
– कलश पर स्वास्तिक बनाएं और ऊपर आम के पांच पत्ते रखें.
– एक साफ कपड़े में नारियल लपेटकर कलश के ऊपर रखें.
– तुलसी के गमले पर गेरू लगाएं और समक्ष घी का दीपक जलाएं.
– तुलसी के गमले के पास भी रंगोली बनाएं.
– तुलसी-शालिग्राम जी पर गंगाजल से छिड़काव करें. ध्यान रखें कि शालिग्राम की चौकी की दाएं तरफ तुलसी का गमला रखें.
– तुलसी को रोली और शालिग्राम को चंदन का टीका लगाएं.
– तुलसी के गमले की मिट्टी पर गन्ने का मंडप बनाएं उस पर सुहाग का प्रतीक लाल चुनरी चढ़ाएं.
– फिर तुलसी गमले को साड़ी लपेटकर चूड़ी पहना कर दुल्हन की तरह श्रृंगार करें.
– शालिग्राम जी को पीले वस्त्र पहनाएं, तुलसी-शालिग्राम को हल्दी लगाएं.
– पहले कलश-गणेश जी की पूजा कर कर तुलसी-शालिग्राम को धूप, दीप, फूल, वस्त्र, माला अर्पित करें.
– तुलसी मंगाष्टक का पाठ करें और हाथ में आसन समेत शालिग्रामजी को लेकर तुलसीजी की सात बार परिक्रमा करें.
– भगवान विष्णु और तुलसी जी की आरती उतार कर भोग लगाएं.

तुलसी विवाह मुहूर्त

तुलसी विवाह मुहूर्त 15 नवंबर 2021: दोपहर 1 बजकर 02 मिनट से दोपहर 2 बजकर 44 मिनट तक. 15 नवंबर 2021: शाम 5 बजकर 17 मिनट से 5 बजकर 41 मिनट तक.

विवाह सामग्री लिस्ट
पूजा में मूली, आंवला, बेर, शकरकंद, सिंघाड़ा, मूली, सीताफल, अमरुद और अन्य ऋतु, मंडप के लिए गन्ने, भगवान विष्णु की प्रतिमा, तुलसी का पौधा, चौकी, धूप, दीपक, वस्त्र, माला, फूल, सुहाग का सामान, सुहाग का प्रतीक लाल चुनरी, साड़ी, हल्दी.

तुलसी मंत्र

‘महाप्रसाद जननी सर्व सौभाग्यवर्धिनी, आधि व्याधि हरा नित्यं तुलसी त्वं नमोस्तुते’
इस मंत्र का जाप नियमित रूप से तुलसी पत्ते या पौधे को छूते हुए करना चाहिए.

स्तुति मंत्र

देवी त्वं निर्मिता पूर्वमर्चितासि मुनीश्वरैः
नमो नमस्ते तुलसी पापं हर हरिप्रिये।।

तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी।
धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया।।
लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्।
तुलसी भूर्महालक्ष्मी: पद्मिनी श्रीर्हरप्रिया।