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जुर्मधोखाधड़ी

366 करोड़ का मामला : षड्यंत्रकारी रिटायर्ड जिला शिक्षा अधिकारी और उसके दो अन्य साथी गिरफ्तार …..शिक्षा मंत्री और अन्य अधिकारियों को फंसाने की थी साजिश…..

रायपुर । वर्तमान भारत ।

अशोक सिंह ( संपादक )

छत्तीसगढ़ में पिछले कुछ दिनों से चल रहे शिक्षा विभाग की घोटाले के मामले का आज पटाक्षेप हो गया।विदित हो कि कुछ दिनों पहले लोक शिक्षण संचालनालय ,रायपुर के उप संचालक आशुतोष चावरे के नाम एवम हस्ताक्षर से जिला शिक्षा अधिकारी ए. एन.बंजारा , संयुक्त संचालक के सी काबरा , तत्कालीन ओएसडी आर एन सिंह , ए बी ओ प्रदीप शर्मा और मंत्री के निज सचिव अजय सोनी सोनी के विरुद्ध शिक्षा विभाग के हजारों कर्मचारियों से ट्रांसफर और पोस्टिंग में 366 करोड़ के लेन – देन की शिकायत की गई थी। इस शिकायत पत्र में शिक्षा मंत्री प्रेम साय सिंह के ऊपर भी गंभीर आरोप लगाए गए थे । यह शिकायत पत्र मुख्यमंत्री सहित अन्य राजनेताओं और मीडिया को भी प्रेषित किया गया था। इतने बड़े घोटाले ,जिसमे शिक्षा मंत्री पर ही आरोप लगाए गए थे , से राज्य में अचानक भूचाल आ गया था । लेकिन मामले में एक नया मोड़ तब आ गया जब उप संचालक आशुतोष चावरे ने राखी थाने में अज्ञात के विरुद्ध यह शिकायत दर्ज कराई कि किसी ने उनके नाम , सील और उनके फर्जी हस्ताक्षर से शिकायत की गई है तथा शिकायत पत्र पर उनके हस्ताक्षर नहीं हैं ।उप संचालक चावरे की शिकायत के बाद जांच की सुई भ्रष्टाचार से हटकर उस व्यक्ति को ओर घूम गई जिसने यह फर्जी शिकायत की थी और अंततः आज इस पूरे षड़यंत्र के मास्टर माइंड पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी गेंद राम चंद्राकर और उनके साथियों संजय सिंह तथा कपिल कुमार देवदास को पुलिस ने पकड़ लिया ।

इस वजह से रची थी साजिश

प्रशांत अग्रवाल एसएसपी रायपुर से प्राप्त जानकारी के अनुसार पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी गेंद राम चावरे रिटायरमेंट के बाद संविदा नियुक्ति चाहते थे । जब उन्हे अपने मकसद में कामयाबी नहीं मिली तो उन्होंने ऐसी साजिश रची और योजना के मुताबिक उन्होंने एक डायरी तैयार की । इस डायरी में उन्हों यह लिखा कि किस कर्मचारी से तथा किसके मध्यम से कब कितनी राशि ली गई । इस डायरी में उन्ही लोगों का उल्लेख किया गया था जिनकी वास्तव में पोस्टिंग की गई थी ,ताकि मामला सच्चा लगे ।इसी डायरी को आधार बनाकर उन्होंने विभिन्न अधिकारियों , राजनेताओं और मीडिया के पास शिकायत पत्र डाक के माध्यम से प्रेषित की थी ।

इस तरह हुआ भंडाफोड़

अपनी पूर्व नियोजित योजना के तहत षडयंत्रकारी कुछ दिनों में डाक के जरिए फर्जी शिकायत पत्र विभिन्न नेताओं और मीडिया को भेजने में सफल रहे । सब कुछ उनकी योजना के अनुसार ही चल रहा था मगर जब उप संचालक चावरे ने थाने में ये शिकायत कार दी कि उनके नाम से जो शिकायत पत्र भेजे जा रहे हैं उन पर उनके हस्ताक्षर नहीं है ,तो मामला खुला। पुलिस ने डाक के माध्यम से चिट्ठियां भेजने वाले का पता लगाना शुरू किया । सीसीटीवी के फुटेज खंगालने पर कपिल कुमार पुलिस की पकड़ में आ गया जिसने पुलिस के सामने सारे राज उगल दिया और सभी आरोपी पकड़े गए ।