खोंपा धाम : जहां होती है दानव की पूजा ….घर नहीं ले जा सकते यहां का चढ़ाया हुआ प्रसाद….. जानिए खास वजह..!
सूरजपुर । वर्तमान भारत ।
गजाधर पैकरा
छत्तीसगढ़,सूरजपुर! वर्तमान भारत !सूरजपुर जिले का एक गांव है !जहां जाकर लोग नारियल,फूल,अगरबत्ती चढ़ाकर पूजा अर्चना कर मन्नत मांगते हैं!जहां लोग देवी देवता की नहीं दानव की पूजा करते हैं !सुनने में अजीब लग सकता है! लेकिन यह सच है !प्रदेश के सूरजपुर जिले में रेण नदी के किनारे एक गांव बसा है !यहां आस्था का ऐसा केंद्र है जहां मन्नत मांगने पर वह पूरी हो जाती है !इस जगह पर छत्तीसगढ़ ही नहीं झारखंड,एमपी और अन्य राज्यों से भी श्रद्धालु पहुंचते हैं! और मन्नत मांगते हैं !
बैगा की पूजा पाठ से प्रसन्न हुआ बंकासुर दानव
सूरजपुर जिले की भैयाथान ब्लाक अंतर्गत खोपा नामक गांव में जो रेण नदी के किनारे बसा हुआ है !इस गांव में एक धाम है जहां देवी देवता की नहीं दानव की पूजा होती है !इसके पीछे की कहानी भी काफी रोचक है! मान्यता है कि खोपा गांव के बगल से गुजरे रेण नदी में पुराने समय में बकासुर नाम का दानव रहता था !बंकासुर गांव की एक बैगा की पूजा पाठ से प्रसन्न हो गया और अपने साथ ले जाने के लिए कहा !इस पर बैगा बंकासुर दानव को अपने घर में ले जाना चाहता था !लेकिन बंकासुर ने ऐसा करने से मना किया और बाहर में ही रहने की बात कही! तब से खोपा गांव में दानव बंकासुर की पूजा शुरू हो गई! खोपा गांव को अब खोपा धाम के नाम से जाना जाता है !और खास बात की है कि यहां कोई पंडित या पुजारी पुजा नहीं कराता बल्कि बैगा पूजा करते हैं !
खोपा धाम में मांगी गई हर मुराद होती है पूरी
ऐसा मान्यता है कि खोपा धाम में मांगी गई हर मुराद पूरी होती है! शायद यही वजह है कि इस धाम में पूजा करने के लिए हर दिन सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं !और पूजा अर्चना करते हैं !कहा जाता है कि रविवार के दिन यहां हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं !इतनी ज्यादा संख्या में श्रद्धालुओं की उमड़ने के बावजूद इस जगह पर मंदिर का निर्माण नहीं कराया गया है! लोग इसके पीछे की वजह बताते हैं कि बंकासुर दानव किसी मंदिर या चारदीवारी में बंद नहीं रहना चाहते थे !खोपा धाम में हर कोई कुछ मन्नत मांगने के लिए पहुंचता है जहां उपस्थित बैगा विधि विधान से पूजा करवाता है !मन्नत पूरी होने के साथ मुर्गा,बकरा के साथ शराब चढ़ाया जाता है !यहां चढ़ाया हुआ प्रसाद घर नहीं लाया जाता है !बताया गया है कि पूर्व में यहां महिलाओं की पूजा करने पर पाबंदी थी !लेकिन अब महिलाएं भी पूजा करने आती है !पिछले कई वर्षों से खोपा धाम श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है !यहां हर समय श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है !इसकी वजह यह है कि यहां से कोई खाली हाथ वापस नहीं जाता !
यहां कैसे पहुंचे
खोपा धाम जिला मुख्यालय सूरजपुर से विश्रामपुर-दतिमा- बतरा मार्ग से 25 किलोमीटर दूर है !जबकि सूरजपुर-बसदेई मार्ग से 13 किलोमीटर दूर है! यहां बाइक,कार,बस की माध्यम से आसानी से पहुंचा जा सकता है.!