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जशपुर समाचार :अब संवार रहा सैकड़ों किसानों की जिंदगी… बेल्जियम से लाखों का नौकरी छोड़कर लौटा युवा वैज्ञानिक… एपीजे अब्दुल कलाम से मिलकर बदला जीवन… पढ़ें पूरी खबर…

जशपुर । वर्तमान भारत

गजाधर पैकरा

जशपुर( छत्तीसगढ़ )!वर्तमान भारत! जशपुर जिले के एक युवा वैज्ञानिक कुछ दिनों पहले तक बेल्जियम में थे! और बेल्जियम में लाखों की नौकरी छोड़कर अपने जशपुर वापस आ गए! उनका एक उद्देश्य था कि यहां के लोगों के साथ मिलकर कुछ ऐसा काम करें ,जिससे यहां की लोगों का भी फायदा हो और क्षेत्र का विकास भी हो !उन्होंने कुछ ऐसी प्रोडक्ट तैयार किए हैं ,जिसकी मार्केट वैल्यू काफी अच्छी है ,और जो प्रोडक्ट तैयार किए हैं ,वह काफी उपयोगी भी है !

एपीजे अब्दुल कलाम से मिलकर बदला जिंदगी

दरअसल बेल्जियम में लाखों की नौकरी को छोड़ कर अपने घर लौटे युवा वैज्ञानिक का नाम सामर्थ्य जैन है! सामर्थ्य जैन बचपन से भारत के राष्ट्रपति रहे डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के फैन रहे हैं !उन्होंने बताया कि उनकी जीवन दशा होने के कारण बदली थी !वह जब दसवीं क्लास में थे! उस समय राष्ट्रपति बनने के बाद डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम छत्तीसगढ़ आए थे !तो हर जिले से कुछ चुने हुए छात्रों को उनसे कुछ समय मीटिंग के लिए बुलाया गया था! उसमें सामर्थ्य जैन भी शामिल हुए और डॉक्टर कलाम से आधे घंटे तक चर्चा हुई और उनसे काफी प्रभावित हुए !

महुआ से सैनिटाइजर बनाया

वर्तमान में सामर्थ्य जैन जशपुर जिले में घरेलू आदिवासी महिलाओं को प्रशिक्षित कर उन्हीं के साथ मिलकर अपनी कंपनी बनाती हैं !अब करीब दर्जनभर प्रकार की चाय पत्ती और बायो प्रोडक्ट तैयार कर विदेशों तक भेजने की तैयारी कर रहे हैं !वही खास बात यह है कि सभी प्रोडक्ट स्थानीय रा मटेरियल से तैयार किए जा रहे हैं! इससे जिले में स्थानीय लोगों को रोजगार और पहचान मिल रही है !

बता दें कि कोविड काल में सामर्थ्य जैन ने महुआ से सेनीटाइजर बनाया था !जो काफी चर्चा में रहा और इससे महिलाओं को काफी फायदा भी हुआ! इसके अलावा राज्य सरकार ने भी इसकी सराहना की थी ! सामर्थ्य जैन ने बताया कि किसानों को ध्यान में रखकर यहां जो चीजें प्राकृतिक रूप से मिलती हैं !जैसे गेंदा के फूल उसकी चाय की डिमांड दिल्ली, मुंबई और विदेशों में काफी ज्यादा है! क्योंकि वह स्किन के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद होती है !उसी तरह से एक ठेपा होता है ,जिसकी चटनी खाते हैं !उसकी चाय खून को साफ करने में ,खून बढ़ाने में और काफी चीजों में फायदेमंद होती है !इसके अलावा जशपुर में गिलोय ,अडूसा, मूंनगा है ,जिसकी सूखी पत्तियां, गिलोय का चूर्ण ,इनके कैप्सूल, यह सब प्रोडक्ट बाहर में काफी डिमांड में रहते हैं !

जय ,जंगल कंपनी नाम से कंपनी

सामर्थ्य जैन ने बताया यहां इनका वैल्यू इसलिए नहीं रहती ,क्योंकि कोई उसे प्रोसेसिंग नहीं करता !यही प्रयास है कि हर्बल आइटम में गिलोय ,मूंनगा, अडूसा ,3 मेन है !सबसे पहले इसका सूखा चुर्ण तैयार करते हैं ,और 2 तरह से इसका मार्केटिंग करने का प्रयास किया जाता है ,एक हमारी लोकल लेवल पर कंपनी है ,जय ,जंगल कंपनी !यह पूरी किसानों की कंपनी है! किसी की हिस्सेदारी 10% से ज्यादा नहीं होती !इस कंपनी में शुरू में 8 मेंबर आदिवासी हैं !यह महिलाएं हैं! पहले समूह में छोटा-मोटा काम रहता था ,वह करती थी या दैनिक वेतन वाला काम करते थे! उन्होंने आगे बताया कि जब ग्रामीण महिलाओं का उनसे जुड़ाव हुआ तो उनमें सीखने की इच्छा बहुत ज्यादा थी !

कंपनी 12-15 तरह की चाय बनाती है

वर्तमान में सामर्थ्य जैन की कंपनी में है ,12-15 तरह की चाय है !हविस्कस, मेरीगोल्ड, रोज, तुलसी, मोरिंगा ,लेमनग्रास है !यह सब चाय कैसे बनानी है !यह सारी प्रोसेस सामर्थ्य जैन ने प्रोसेस किया और महिलाओं को बताया और अब सारा काम महिलाएं खुद कर लेती है! यह सब प्रोडक्ट बनाने के लिए शुरुआत में रा मटेरियल बाहर से मंगाया गया, लेकिन अब सारे रा मटेरियल यही उगाना शुरू कर दिया गया है !इस कंपनी में वर्तमान में 300 से ज्यादा किसान जुड़े हुए हैं..!