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Chattigarh News :- जशपुर जिले को पहली रेल लाईन की मिलेगी सौगात… धरमजयगढ़ से लोहरदगा ” रेल लाईन ” का होगा सर्वेक्षण रेल मंत्रालय ने जारी किया “आदेश”

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रायपुर :- रेल लाईन का सर्वे कार्य शुरु होने वाला है। सर्वे को मंजूरी दे दी है जिससे जशपुर में रेल लाईन का रास्ता अब साफ़ हो गया है। उल्लेखनीय है कि जशपुर छत्तीसगढ़ का सुदूर वनांचल इलाका है जहाँ पंहुचने के लिए अच्छी सड़क तक नहीं है।

जशपुर में रेल संघर्ष समिति के द्वारा कई दशक पहले ही जशपुर जिले में रेल की मांग को लेकर आंदोलन शुरु किया जा चुका था।इसके बाद लगातार बीजेपी सांसद इसे लेकर संसद में आवाज उठाते रहे हैं। रायगढ़ लोकसभा सांसद गोमती साय अपने कार्यकाल में लगातार केंद्रीय रेल मंत्री के समक्ष इस मांग को लेकर संघर्षरत रहीं जिसका परिणाम है कि केंद्रीय रेल मंत्रालय ने धरमजयगढ़ से लोहरदगा के बीच रेल लाइन सर्वे का आदेश जारी कर दिया है।

धरमजयगढ़ से लोहरदगा के बीच रेल लाइन जशपुर जिले से होकर ही गुजरेगी। जशपुर ऐसा जिला है जहां अब तक रेल लाइन ही नहीं पहुंच सकी है। क्षेत्र के लोग अब भी रेल सेवा की सुविधा से महरूम हैं। जिले के पिछड़ने का एक कारण यह भी है।जिले में रेल लाईन आने से निश्चित ही बदहाली का यह आलम बदल सता  है।

रेल मंत्रालय ने धरमजयगढ़ से लोहरदगा तक रेल लाइन सर्वे का टेंडर जारी कर दिया है। करीब 240 किमी अनुमानित लंबाई की रेल लाइन के सर्वे के लिए 3.04 करोड़ की अनुमति दी गई है।

नई रेल लाईन के लिए भू तकनीकी जांच, फील्ड विवरण तैयार किया जाना है। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने फाईनल लोकेशन सर्वे की मंजूरी लंबे समय बाद दी है। सर्वे के लिए फर्मों से 3 अगस्त तक प्रस्ताव मंगवाए गए हैं। इसके पहले ही रेलवे ने एसईसीएल और राज्य सरकार साथ मिलकर ईस्ट कॉरीडोर की रेल लाइन बिछाई है जिस पर कोयला परिवहन किया जा रहा है।

रेल लाईन की हो सकती है यह रुट 

रायगढ़ जिला के खरसिया से धरमजयगढ़ तक रेल लाइन का कार्य लगातार जारी है।जिसमें खरसिया से कारीछापर तक 74 किमी , कारीछापर से धर्मजयगढ़ 30 किमी,स्पर लाइन ( 28 किमी और फीडर रूट 20 किमी भी बिछाई जानी है। रेल लाइन का मुख्य उद्देश्य रायगढ़ मांड कोलफील्ड में कोयला खदानों से कोयले का परिवहन करना है ताकि प्रदूषण और दुर्घटनाएं कम हों। फिलहाल जो रेल लाइन का सर्वे हो रहा है उसमें धरमजयगढ़ ,पत्थलगांव, कांसाबेल, कुनकुरी,जशपुर नगर, गुमला, घाघरा आदि को शामिल किया जा सकता है।

2012 में मिली थी मंजूरी

धरमजयगढ़ से झारखंड के लोहरदगा तक प्रारंभिक इंजीनियरिंग कम ट्रैफिक सर्वे को मंजूरी 19 जुलाई 2012 को ही मिल चुकी थी। रेल मंत्रालय ने देश की 59 नई लाइनों के सर्वे को अनुमति दी थी, जिसमें यह लाइन भी शामिल थी। इस सूची में रायपुर से शिवरीनारायण होते हुए बलौदाबाजार, नागपुर से चिरमिरी, रायपुर से बरगढ़, रायपुर से गरियाबंद, देवभोग होते हुए ओडिशा, तलाईपाली से घरघोड़ा, खरसिया से घरघोड़ा, अंबिकापुर से झारसुगुड़ा आदि रूट शामिल थे। अब जाकर लोकेशन सर्वे की अनुमति दी गई है।