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डॉक्टरों ने नवजात मृत बच्चे को जिंदा किया ….डॉक्टर राजेश ध्रुव ने कहा 15 साल के कैरियर में ऐसा पहला केस….पढ़िए पूरी खबर

दंतेवाड़ा । वर्तमान भारत ।

दिनेश मिश्रा

दंतेवाड़ा के जिला अस्पताल में एक गर्भवती महिला ने मृत बच्चे को जन्म दिया। जिसकी न तो सांसे चल रही थी और न ही धड़कन। शारीरिक मूवमेंट भी नहीं हो रहा था। मृत जन्में बच्चे को शिशुरोग विशेषज्ञों ने फिर से जिंदा कर दिया है। जन्म के बाद करीब आधे घंटे के बाद बच्चे की किलकारी गूंजने लगी। अब बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ है।

विदित हो कि जिले की एक महिला लक्ष्मी कश्यप ने 19 जुलाई को मृत बेटे को जन्म दिया। महिला की नॉर्मल डिलीवरी हुई थी। जन्म के बाद बच्चे की सांस और धड़कन नहीं चल रही थी। बच्चा मृतप्राय अवस्था में था। जिसके बाद SNCU के स्टाफ नर्स ने बच्चे को तुरंत SNCU में शिफ्ट किया। फिर SNCU प्रभारी डॉ राजेश ध्रुव और डॉक्टर अंकिता ने तत्काल बच्चे की जांच की। जिसमें पता चला कि बच्चे का हार्ट रेट एवं रेस्पिरेट्री रेट नहीं है। बच्चे में कोई भी हरकत नहीं है। बच्चा मृत हो गया है।

ऐसी स्थिति में तुरंत SNCU की स्टाफ नर्स हेड ममता पाल एवं कोहिमा ठाकुर ने तुरंत बैगन मास्क वेंटीलेशन एवं 2 सप्लाई सुनिश्चित किया। साथ ही साथ बच्चे को चेस्ट कंप्रेशन दिया गया। करीब 1 मिनट के बाद बच्चे को देखा गया तो कोई भी हरकत नहीं हुई। फिर इंजेक्शन भी दिया गया। फिर करीब 30 मिनट तक लगातार यह प्रक्रिया की गई। जिसके बाद बच्चे की सांस की गति एवं दिल की धड़कन शुरू हुई। डॉक्टरों ने बताया कि धड़कन शुरू होने के बाद बच्चे को बचाने की उम्मीद जागी।

11 दिनों के इलाज के बाद बच्चा अब सामान्य

डॉक्टर राजेश ध्रुव से प्राप्त जानकारी के अनुसार नवजात कमजोर था। उसे 11 दिनों तक SNCU में रखा गया था। 11 दिनों तक डॉक्टर और नर्स बच्चे को पूरी केयर किए। धीरे-धीरे नवजात की अवस्था सामान्य हो चुकी थी। बच्चा स्तनपान कर रहा था। सामान्य बच्चों की तरह उसकी हरकत होने लगी थी। दिल की धड़कन एवं सांस की गति सामान्य हुई तो डिस्चार्ज कर दिया गया। डॉक्टर राजेश ने कहा कि, उन्होंने अपने 15 सालों के करियर में ऐसा पहला केस देखा है। जहां मृत बच्चे को वापस जिंदा किया गया। उन्होंने अपनी पूरी टीम को इस काम के लिए बधाई दी है।