बिना काम कराए फर्जी बिल लगाकर सरपंच – सचिव ने किया लाखों का घोटाला..…जिस काम के लिए भुगतान करना बताया जा रहा है वह काम अभी तक शुरू भी नहीं हुआ
बैकुंठपुर । वर्तमान भारत ।
आदर्श सिंह ( जिल ब्युरोचीफ , कोरिया)
भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने शासन द्वारा नित्य नए प्रावधान किए जाते रहे हैं लेकिन भ्रष्टाचारी इतने शातिर दिमाग के होते हैं कि सरकार के हर प्रतिबंधात्मक प्रावधान का कोई न कोई हल ढूंढ ही निकालते है।सरगुजा संभाग में पंचायत स्तर पर भ्रष्टाचार की शिकायतें बहुत ही आम है, जिसे रोकने के लिए सरकार द्वारा डीएससी भुगतान प्रणाली लागू की है। यानि किसी सामग्री या व्यक्ति के देयक का भुगतान सीधे संबंधित के खाते मे ऑनलाइन किया जाता है।लेकिन सरकार के इस तरीके को भी धत्ता बताते हुए कई सरपंच – सचिव ने भ्रष्टाचार का एक नया तरीका ढूंढ निकाला है। अधिकांश सरपंच – सचिव ने अपने किसी रिश्तेदार के नाम दुकान खोल रखा है अथवा किसी दुकान से सेटिंग कर रखा है। ऐसे सेटिंगबाज सरपंच – सचिव बगैर सामग्री क्रय किए फर्जी बिल के माध्यम से अपनी सेटिंग के फर्म के खाते में पैसा ट्रांसफर कर देते है और बाद में दुकानदार को कुछ कमीशन देकर शेष पैसा लेकर खुद डकार जाते हैं। ऐसा ही एक मामला कोरिया जिले के बैकुंठपुर विकासखण्ड के एक ग्राम पंचायत पतरापाली से प्रकाश में आया है।
वित्तीय सत्र 2021 – 22 का घोटाला
” वर्तमान भारत ” की टीम के भ्रमण के दौरान यह जानकारी प्राप्त हुई की ग्राम पंचायत पतरापाली के सरपंच और सचिव ने वित्तीय सत्र 2021 – 22 एवम 2022 – 23 मे फर्जी बिल के माध्यम से बगैर काम कराए लाखों रुपए का गबन किया है। ज्ञातव्य हो कि 2021- 22 मे 15 वें वित्त मद से ” आंगनवाड़ी भाग 2 मे मोटर फिटिंग कार्य के लिए रवि ट्रेडर्स को 49000/- भुगतान किया गया है। लेकिन हमारे पड़ताल मे यह तथ्य उभरकर सामने आया है कि उक्त आंगनवाड़ी मे कोई मोटर फिटिंग किया ही नहीं गया है। सिर्फ पाइप फिटिंग करके छोड़ दिया गया है। इसी प्रकार इसी सत्र में आंगनवाड़ी 1 एवम 2 के मरम्मत कार्य के लिए 18000- 18000/- कुल 36000/- रवि ट्रेडर्स की ही भुगतान करने की जानकारी प्राप्त हुई है , किन्तु इन दोनों आंगनवाड़ी केंद्रों में से किसी मे भी मरम्मत कार्य नहीं कराया गया है। इस प्रकार 2021 – 22 मे अभी तक कुल 85000/-फर्जी बिल के माध्यम से सरपंच – सचिव द्वारा गबन किए जाने की जानकारी प्राप्त हुई है। गहराई से जांच करने पर गबन की यह राशि और भी अधिक हो सकती है।
2022 – 23 मे फिर से घोटाला
2021- 22 मे कागजी घोड़ा दौड़ाकर घोटाला करने के एक्सपर्ट सरपंच – सचिव ने 2022- 23 मे एक फिर उसी तर्ज पर घोटाला किया। एक बार फिर से नहानी घर बनाने की सामग्री क्रय के बिल का भुगतान रवि ट्रेडर्स को गया। इस बार 2 नहानी घर निर्माण की सामग्री क्रय करना बताया है , जिसमे से एक नहानी घर अर्जुन के घर के पास और दूसरा नहानी घर गंगा के घर के पास बनाना था। इन दोनों नहानी घर की सामग्री के लिए 04 मई 2022 को 40750- 40750 रुपए रवि ट्रेडर्स को भुगतान किया गया है , लेकिन समाचार लिखे जाने तक सामग्री के नाम पर दोनों स्थानों में से कहीं भी एक मुट्ठी बालू तक नहीं गिराया गया है और नहीं नींव की खुदाई ही की गई है जो स्पष्टत: भ्रष्टाचार का प्रमाण है।
आखिर सरपंच – सचिव का रवि ट्रेडर्स से क्या है कनेक्शन
हमारी टीम द्वारा ग्राम पंचायत पतरापाली को जो अवलोकन किया जा रहा है उसमे अभी तक यह तथ्य उभरकर सामने आया है कि सरपंच – सचिव द्वारा हर बार रवि ट्रेडर्स को ही भुगतान किया गया। ऐसी स्तिथि मे इस ओर ध्यान जाना स्वाभाविक है कि आखिर सरपंच – सचिव का रवि ट्रेडर्स से क्या कनेक्शन है। इस बिंदु पर पड़ताल करने से ज्ञात हुआ कि रवि ट्रेडर्स का प्रोपराइटर सरपंच श्याम बिहारी उर्फ रिबन का भाई रवि है। अपने भाई की दुकान होने से सरपंच को वहां से आसानी से फर्जी बिल मिल जाता है और उस बिल के पैसे भी सरपंच को वापस मिल जाते हैं। इसलिए सरपंच द्वारा बार – बार रवि ट्रेडर्स का फर्जी बिल लगाकर सरकारी राशि की हर बार हेरा फेरी की जाती है।
गहराई से जांच हो तो और कई घोटाले उजागर हो सकते हैं
हमारी टीम ने सभी ऊपरी तौर पर पड़ताल किया है जिससे यह प्रमाणित हो रहा है कि सरपंच – सचिव घोटालों के उस्ताद है । यदि इन दोनों के कार्यकाल कि गहराई से जांच की जाए तो और घोटालों का खुलासा हो सकता है।
भनक लगते ईंट गिराया
हमारी टीम ने 08 अगस्त को ग्राम पंचायत का दौरा किया था। तब तक किसी भी नहानी घर निर्माण के लिए कोई भी सामग्री स्थल पर नहीं पाई गई थी और न ही काम शुरू हुआ था । किन्तु हमारे भ्रमण के दूसरे दिन यानि 09 अगस्त को गंगा के घर के पास नहानी घर बनाने के स्थल पर ईंट गिराए जाने की जानकारी प्राप्त हुई है। यानि भ्रष्टाचार को छुपाने की कोशिश की जा रही है, पर सवाल यहां यह है कि जब मई मे ही भुगतान हो गया था तो अब तक काम शुरू क्यों नहीं हुआ ?