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छत्तीसगढ़ न्यूज़ :- वेतन कटौती से कर्मचारी अधिकारी ना घबराए 22 अगस्त से अनिश्चितकालीन आंदोलन को प्रभावित करने सरकार का षड्यंत्र “ओम प्रकाश बघेल “

वर्तमान भारत

By किरण ग्वाला ( कार्यकारी सम्पादक)

कोरबा :- छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन द्वारा केंद्रीय कर्मचारियों के समान देय तिथि से 34% महंगाई भत्ता एवं सातवें वेतनमान के अनुरूप गृह भाड़ा भत्ता 2 सूत्रीय मांगों के समर्थन में प्रांत व्यापी 25 जुलाई से 29 जुलाई तक पांच दिवसीय आंदोलन के दरमियांन अंतिम दिवस 29 जुलाई को हड़ताली कर्मचारियों के सामूहिक अवकाश की स्थिति पर सामान्य प्रशासन विभाग के संयुक्त सचिव के द्वारा वेतन कटौती एवं सर्विस ब्रेक से संबंधित दिशा निर्देश जारी किया गया था उक्त दिशानिर्देश को छत्तीसगढ़ के 4 लाख 45 हजार कर्मचारी अधिकारियों के द्वारा धता करते हुए आदेश की प्रतियां जलाई गई थी उक्त विषय पर छत्तीसगढ़ के मुखिया की भी टिप्पणी मीडिया में देखने को प्राप्त हुआ था एवं सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा अविलम्ब यह भी सफाई मे कहा गया था कि हड़ताल अवधि को किसी अन्य अवकाश में समायोजित कर वेतन भुगतान की कार्यवाही सुनिश्चित की जा सकती है तत संबंध में आज पर्यंत तक स्पष्ट आदेश अप्राप्त है इसी बीच कांकेर के संयुक्त कलेक्टर द्वारा यह आदेश जारी कर कि कर्मचारियों के हड़ताल अवधि का वेतन कटौती की जाए। चुंकि सामान्य प्रशासन विभाग से स्पष्ट आदेश नहीं होने के फलस्वरूप भी कांकेर के संयुक्त कलेक्टर के द्वारा सरकार के प्रतिनिधि की भूमिका में इस प्रकार से वेतन कटौती का निर्देश जारी करना कर्मचारी अधिकारियों द्वारा आयोजित 22 अगस्त से अनिश्चितकालीन आंदोलन को कुचलने का सुनियोजित एवं कुचक्रपूर्ण षड्यंत्र है, छत्तीसगढ़ प्रदेश संयुक्त शिक्षक संघ यह मांग करती है कि 25 जुलाई से 29 जुलाई तक पांच दिवसीय आंदोलन के संबंध में स्पष्ट दिशा निर्देश जारी करें जिससे कि वेतन कटौती के मामले में संशय की स्थिति ना रहे, यदि शासन वेतन कटौती करना चाहती है तो छत्तीसगढ़ के कर्मचारी अधिकारी इसके लिए सहर्ष तैयार हैं किंतु आने वाले भविष्य में सरकार को इसका जवाब देना होगा।

*वेतन कटौती से कर्मचारी अधिकारी ना घबराए *


छत्तीसगढ प्रदेश संयुक्त शिक्षक संघ के कार्यकारी प्रांताध्यक्ष ओमप्रकाश बघेल ने अपील की है कि प्रदेश में कार्यरत कर्मचारी अधिकारियों को शासन की वेतन कटौती आदेश से किसी प्रकार की घबराने की कतई आवश्यकता नहीं, यदि कर्मचारी अधिकारियों को सतत बड़ी लाभ की अपेक्षा हो वहां छोटी कटौती पर कभी भी शन्सित नहीं होना चाहिए, छत्तीसगढ़ के कर्मचारी जगत में इतिहास में कर्मचारियों द्वारा बड़ी-बड़ी उग्र आंदोलन किया गया है जिस में न जाने कितने महीने के वेतन कटौती, 309 का प्रकरण, अनिवार्य सेवा (एस्मा ) निलंबन, बर्खास्तगी, देह त्याग जैसी घटनाएं घटित हुई है ऐसी विषम परिस्थितियों के बाद भी आंदोलन परिणाम मूलक रहा है। वर्तमान में सामान्य प्रशासन द्वारा किसी प्रकार का स्पष्ट दिशानिर्देश वेतन कटौती के मामलों को लेकर जारी नहीं किया गया है यदि वेतन कटौती का निर्देश किया जाता है तो स्पष्ट है कि 22 अगस्त को होने वाली अनिश्चितकालीन आंदोलन को विचलित करने सरकार का कूटनीतिक षडयन्त्र होगा।शासन के इस दिशा निर्देश से कर्मचारी अधिकारियों मे शासन के खिलाफ और आक्रोश तीव्र होगा जो की सरकार के लिए बड़ी चुनौती होगी।

*कर्मचारी अधिकारियों से 22 अगस्त से अनिश्चितकालीन आंदोलन हेतु तैयार रहने की गई अपील *


छत्तीसगढ़ प्रदेश संयुक्त शिक्षक संघ द्वारा प्रदेश में कार्यरत कर्मचारी अधिकारियों से अपील की है कि यदि हमें बड़ी जीत हासिल करना है तो शासन की किसी भी दिशा निर्देश को नजरअंदाज करते हुए 22 तारीख से होने वाली अनिश्चितकालीन आंदोलन पर दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ पूरी उर्जा केंद्रित करना होगा। आप सभी अनिश्चितकालीन आंदोलन के लिए पूर्ण मनोयोग के साथ तैयार रहें।