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हिंडाल्को इंडस्ट्रीज लिमिटेड सामरी – कुसमी ग्रामीणों के साथ कर रही धोखा…… आदित्य सौर नल- जल योजना मात्र एक दिखावा ,कारपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी में हिंडाल्को पूर्ण रूप से फेल

कुसमी से अमित सिंह की रिपोर्ट।


हिंडाल्को इंडस्ट्रीज लिमिटेड खान प्रभाग सामरी में कारपोरेट सामाजिक दायित्व जिसे हम सी.एस.आर. कहते हैं उसके तहत जन कल्याणकारी कार्य करने में हिंडाल्को पूर्ण रूप से फेल है, इसका जीता जागता उदाहरण ग्राम पंचायत सामरी के आश्रित ग्राम कुटकू में देखा जा सकता है जहां हिंडाल्को इंडस्ट्रीज लिमिटेड द्वारा वर्ष 2016 में आदित्य सौर नल जल योजना के तहत ग्राम कुटकु के सबाग मुख्य मार्ग में बोर खनन के साथ-साथ सोलर प्लेट के माध्यम से पानी की व्यवस्था की थी जो कि वर्ष 2020 में अज्ञात कारणों से खराब हो गया था जो वर्तमान में अभी तक नहीं बन पाया है ग्रामीणों ने कई बार हिंडाल्को के अधिकारियों से चर्चा किया लेकिन परिणाम शून्य मिला, वहीं दूसरी ओर सामरी के आश्रित ग्राम कुटकू के बीच पारा में शौचालय सह स्नानागार के साथ-साथ सोलर प्लेट के माध्यम से पानी की व्यवस्था की गई थी जो विगत 3 वर्षों से खराब पड़ा है आसपास के लोगों को अपनी प्यास बुझाने के लिए कुट्कू के ही एक निजी घर से पानी लाना पड़ता है जो उनके रोजमर्रा का काम हो चुका है लेकिन ग्रामीणों की मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति करने के लिए हिंडालको सजग नहीं है इससे कंपनी को कोई फर्क नहीं पड़ता है इस संबंध में हमारे द्वारा विगत दिनांक 5-5- 2022 के अंक में प्रमुखता से प्रकाशित कर कंपनी के उदासीन रवैया के प्रति जगाने का प्रयास किया था ,उस समय सी.एस.आर. प्रमुख विजय मिश्रा से बात करने में भारी मशक्कत करनी पड़ी थी लेकिन हमारी टीम ने अन्य व्यक्ति के मोबाइल से जब विजय मिश्रा से संपर्क करना चाहा तो उनके द्वारा फोन रिसीव कर समस्याओं के संबंध में यह बताया गया था कि यह मेरी जानकारी में है इसे मैं तत्काल सुधारने का प्रयास करूंगा लेकिन गैर जिम्मेदाराना रवैया जो कंपनी का हमेशा रहा है उसके तहत आज तक पेयजल की समस्या से ग्रामीणों का निदान संभव नहीं हो सका है।कंपनी क्षेत्र में मात्र बॉक्साइट उत्खनन का ही कार्य कर रही है, परिणाम स्वरूप कंपनी और कंपनी के बिचौलिए फल- फूल रहे हैं ग्रामीण जनता का जीवन स्तर वहीं का वहीं रुका है वह आगे नहीं बढ़ रहा है। आखिर इसका जिम्मेदार कौन है……………..? भारत सरकार ने जिस उद्देश्य से कंपनी को उत्खनन की अनुमति दी थी कि कंपनी उत्खनन के साथ-साथ क्षेत्र में विकास कार्य भी करेगी लेकिन जन सुविधाओं का विस्तार, विकास केवल कागजों तक ही सीमित है। इस संबंध में खान प्रबंधक विजय चौहान से संपर्क करना चाहा गया लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया एवं सी.एस.आर. प्रमुख विजय मिश्रा से संपर्क करना चाहा गया तो उन्होंने बताया कि वहां पर बोर करना संभव नहीं है और बारिश में बोर संभव नहीं है।

सी.एस.आर. प्रमुख विजय मिश्रा का गैर जिम्मेदाराना जवाब।

हिंडाल्को इंडस्ट्रीज लिमिटेड के सी.एस.आर. प्रमुख विजय मिश्रा का जवाब हमेशा गैर जिम्मेदाराना रहा है उन्हें अपने कर्तव्य के प्रति सजगता नहीं है जिस तरह उन्होंने इस विषय पर जवाब दिया इसे इस प्रकार समझा जा सकता है की अगर कंपनी सजग होती तो बीते 2 वर्षों में क्या 12 महीने बारिश ही हो रही थी…….. ? कंपनी ग्रामीणों की मूलभूत सुविधाओं का ख्याल रखते हुए वर्ष 2020 में खराब हुई बोर के जगह पर आने वाले 2 वर्षों के इस लंबे समय अंतराल में अनुकूल मौसम देखते हुए नवीन बोर उत्खनन कार्य करा सकती थी लेकिन कंपनी ने ऐसा नहीं किया जिससे इस बात का अंदेशा लगाया जा सकता है कि कंपनी क्षेत्र के विकास के प्रति कितना सजग है या एक तरह से कह सकते हैं कि हिंडालको कंपनी विकास के नाम पर क्षेत्र का विनाश कर रही है।