सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के अंतर्गत मिली जानकारी से हुआ खुलासा
रायगढ़। वर्तमान भारत ।
आशीष यादव की रिपोर्ट
रायगढ़ जिले के जनपद पंचायत के पुसौर के अंतर्गत ग्राम पंचायत त्रिभौना मे सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के अंतर्गत
स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत बने शौचालयों की जानकारी मांगी गई थी
मिली जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत त्रिभौना मे स्वीकृत शौचालयों की संख्या 105 है.
दिए गए जानकारी के अनुसार 105 शौचालय पूर्ण है
विडंबना है की जो 105शौचालयों जानकारी दी गई है जो सिर्फ पन्नों मे पूर्ण है
जिले के पुसौर जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत त्रिभौना में पूर्व सरपंच यशोदा गुप्ता/ सरपंच प्रतिनिधि संतोष गुप्ता व पूर्व सचिव सरस्वती सिदार द्वारा शौचालय निर्माण मेंं लाखों रुपए की अनियमितता बरतने का मामला सामने आया है.
14 ग्रामीणों के घर में सैप्टिक का निर्माण नहीं हुआ है। जबकि स्वीकृत कई हितग्राहियों की अन्य लोगों के घर में बने शौचालयों में खड़ा करके फोटो लेकर व फर्जी हस्ताक्षर कराकर पूर्व सरपंच यशोदा गुप्ता व सरपंच प्रतिनिधि संतोष गुप्ता व सचिव सरस्वती सिदार ने पूर्णत: प्रमाण पत्र जारी कर दिया। 95 हितग्राहियों के शौचालयों के लिए रुपए पंचायत को जारी हुआ।
पूर्व सरपंच-पूर्व सचिव ने रुपए बैंक से आहरण कर लिए। लेकिन हितग्राहियों के घरों में न शौचालय बना, न हितग्राहियों को राशि दी गई।
उपयोगिता प्रमाण पत्र –
कागजो मे पूर्व सरपंच यशोदा गुप्ता व सरपंच प्रतिनिधि संतोष गुप्ता व पूर्व सचिव सरस्वती सिदार के दवारा प्रमाणित कर दिया गया की निम्न लाभार्थी स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के प्रावधानों के तहत प्रोत्साहित राशि के पात्र हैं इन्होंने शौचालय का निर्माण कराया है इसका पूरा परिवार शौचालय का पूरा उपयोग कर रहा है प्रदाय राशि के विरुद्ध आवश्यक निर्धारित कार्य पूर्ण हो चुका है ग्राम पंचायत त्रिभौना शौच मुक्त है और पूरी तरह से ओ.डी. फ. है.
स्वच्छ भारत मिशन के तहत पूरे देश के शहरी व ग्रामीण इलाकों में शौचालय निर्माण कर पूर्ण रूप से बाहर शौच मुक्त गांव के लिए देश के प्रधानमंत्री द्वारा एक अभियान चलाया गया और लोगों को जागरूकता के लिए करोड़ों रुपए विज्ञापन पर खर्च किए गए। ग्राम में पूर्व सरपंच, पूर्व सचिव व अधिकारी द्वारा मिलीभगत कर इस पूरी योजना का बंटाधार करके रखे हुए हैं।
समस्याओं की कड़ी लगातार खुलती जा रही है
अपने उच्च अधिकारियों को अंधेरे में रखते हुए शौचालय के लिए दी गई राशि का गलत उपयोग कर बंदरबांट किया जा रहा है। इनके द्वारा शासकीय राशि का दुरुपयोग करते हुए भ्रष्टाचार में अपनी हिस्सेदारी निभा रहे हैं और आनन-फानन में पूर्ण रूप से बाहर शौच मुक्त ग्राम की घोषणा भी करवा दी गई। जनपद पंचायत पुसोर पूर्ण रूप से बाहर शौच मुक्त गांव घोषणा के पश्चात अब धीरे-धीरे अनियमितता की पोल खुल रही है। लगातार एक एक पंचायत के ग्रामीणों द्वारा शौचालय संबंधित समस्याओं की कड़ी लगातार खुलती जा रही है। शौचालय निर्माण में राशि का दुरुपयोग कर अपनी जेबें भरने का काम किया गया है।
आज तक शौचालय अधूरा पड़ा हुआ
जनपद पंचायत पुसौर के अंतर्गत ग्राम पंचायत त्रिभौना मे जहां शौचालय निर्माण अधूरा है तो कहि बना ही नही है। इतना ही नहीं हितग्राहियों को बिना पैसे दिए ही राशि का आहरण कर लिया गया है। कहीं टंकी नही है तो कहीं दरवाजा नही हैं और न ही छत है।
और पूरी जांच पूर्व सरपंच पूर्व सचिव व जांच अधिकारियों के मिली भगत से पूरे मामला को रफा-दफा किया जा रहा है। इससे साफ जाहिर होता है कि कहीं न कहीं अधिकारियों की लापरवाही के चलते पूर्व सरपंच,पूर्व सचिव का मानोबल बढ़ा हुआ है। इस संबंध में गांव के ग्रामीणों ने बताया कि वे अपने पैसे से शौचालय निर्माण कर रहे हैं और अभी तक उन्हें किसी प्रकार की राशि नहीं मिली है।
पूर्व सचिव सरस्वती सिदार के दवारा मौखिक रूप से हितग्राहियो से कहा गया आप लोग शौचालय को बनाओ मै आप लोगो का भुगतान कर दूगी फिर पूर्व सचिव ने अपना तबादला ग्राम पंचायत बरपाली करा लिया.