हड़तालीअधिकारी – कर्मचारियों के अवकाश के संबंध सामान्य प्रशासन विभाग ने जारी किए आदेश …. जानिए किसका होगा अवकाश स्वीकृत और किसका कटेगा वेतन
रायपुर । वर्तमान भारत ।
छत्तीसग़ढ मे पिछले कई महीनों से सरकारी अधिकारी और कर्मचारी केंद्र के समान महंगाई भत्ता और सातवें वेतनमान के अनुसार गृह भत्ता के लिए आंदोलनरत हैं । अपनी पूर्व निर्धारित योजना के अनुसार इन अधिकारी – कर्मचारियों ने चरणबद्ध आंदोलन की रूपरेखा तैयार कर पूर्व मे ही सरकार को सूचना दे दी थी , किन्तु सरकार द्वारा कोई पहल नहीं किए जाने की वजह से कर्मचारी – अधिकारी 22 अगस्त से लगातार अनिश्चित हड़ताल पर हैं , जिसके कारण शासन के लगभग सभी कार्यालयों पर ताला लटका हुआ है और शासन के सभी काम ठप पड़े हुए हैं किन्तु शासन द्वारा अब कोई ठोस पहल नहीं की गई है बल्कि उल्टा हड़ताली कर्मचारियों मे से कुछ के वेतन काटने और कुछ के अवकाश स्वीकृत करने के संबंध में छत्तीसगढ़ शासन के सामान्य प्रशासन द्वारा आज एक आदेश जारी कर दिया गया है।
विदित हो कि अधिकारी – कर्मचारियों ने अपने आंदोलन के दूसरे चरण में 25 जुलाई से 29 जुलाई हड़ताल किया था। तब सरकार द्वारा हड़ताल अवधि का वेतन कटौती करने का आदेश जारी कर दिया गया था जिसका अधिकारी – कर्मचारी संगठनों ने पुरजोर विरोध किया था । इससे उत्पन्न परिस्थितियों के मद्देनजर मुख्यमंत्री और कुछ कर्मचारी संगठनों के बीच वार्ता हुई। तत्पश्चात शासन द्वारा 6% DA की बढ़ोतरी कर दी गई थी और शासन द्वारा यह शर्त रखी गई थी कि आगामी 22 अगस्त से प्रस्तावित हड़ताल को यदि अधिकारी – कर्मचारी द्वारा वापस ले लिया जाता है तक उक्त हड़ताल अवधि का वेतन की कटौती नहीं जाएगी। किन्तु अधिकारी – कर्मचारी 6% DA से संतुष्ट नहीं थे और 12% DA की मांग पर अडे रहे। दरअसल अधिकारी – कर्मचारियों के दूसरे चरण के आंदोलन के पूर्व उन्हे मात्र 22% ही DA प्रदान किया जा राह था , जबकि केंद्र सरकार द्वारा अपने कर्मचारियों को 34%DA दिया जा रहा था। नियमानुसार राज्य सरकार के अधिकारी – कर्मचारियों को भी 34% DA मिलना चाहिए था। जुलाई आंदोलन के बाद जब राज्य सरकार द्वारा 6% DA की बढ़ोतरी कर दी गई तो कुल DA 28% जरुर हो गया किन्तु उस समय केंद्र सरकार द्वारा 34% DA दिया जा रहा था। फिलहाल केंद्र सरकार द्वारा 38% DA दिया जा रहा है जबकि राज्य सरकार द्वारा अब भी सिर्फ 28% ही DA दिया जा रहा है जिसके कारण राज्य के अधिकारी – कर्मचारियों को प्रतिमाह भारी नुक़सान उठाना पड़ रहा है। हालाकि , अधिकारी – कर्मचारी संगठनों ने सरकार से चर्चा के माध्यम से इसका कोई सर्वमान्य हल निकालने को कोशिश की गई लेकिन बात नहीं बनी , तब अधिकारी – कर्मचारी थक – हारकर 22 अगस्त से अनिश्चित हड़ताल पर चले गए जो अनवरत चालू है।
छतीसगढ़ के अधिकारी – कर्मचारियों की यह हड़ताल अपने आप में बेमिसाल और ऐतिहासिक है। राज्य में यह पहला अवसर है कि प्रांत के सभी विभाग अपनी दो सूत्री मांगों के लिए एक झंडे तले एक साथ एकत्रित हुए हैं।जो अधिकारी , कर्मचारी या संगठन इस हड़ताल मे शामिल नहीं हैं उनकी संख्या इतनी कम है कि उन्हे नजरअंदाज किया जा सकता है , या छोड़ा जा सकता है। सरकारी कामकाज बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। आम जनता परेशान है । लेकिन , सरकार जिम्मेदार स्तंभों को अभी तक कोई फर्क नहीं पड़ा है। उल्टा , आंदोलन को कुचलने के लिए उसने ” फूट डालो और राज करो ” की नीति पर अमल करते हुए आज एक अजीबोगरीब आदेश जारी कर दिया गया। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी आदेश में यह कहा गया है कि जो अधिकारी – कर्मचारी दिनांक 25 जुलाई 2022 से 29 जुलाई 2022 तक हड़ताल पर थे किन्तु वर्तमान में हड़ताल मे शामिल नही हैं उनका उक्त अवधि का अवकाश स्वीकृत करते हुए वेतन भुगतान किया जाय किन्तु जो अधिकारी – कर्मचारी 25- 29 जुलाई तक हड़ताल मे थे और वर्तमान में भी हड़ताल पर हैं उनका कार्यालयीन पत्र क्रमांक एफ 2-3 /1-9 /2006 दिनांक 10.04.2006 के निर्देशों के अनुसार कार्रवाई की जाय। यदि इस आदेश के परिपालन मे कार्रवाई की जाती है तो अधिकारी – कर्मचारियों के सर्विस मे ब्रेक और वेतन कटौती के अलावा अन्य बड़ी कार्रवाई हो सकती है , और यदि ऐसा हुआ तो यह भी एक मिसाल होगा कि किसी एक काम के लिए अलग – अलग व्यक्तियों के लिए अलग- सलाह सजा का प्रावधान किया गया।
देखिए आदेश