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नगर निगम की टीम को शहर में नहीं दिखते पानी पाऊच व डिस्पोजल, प्रतिबंध के बावजूद धड़ल्ले से अब भी हो रही बिक्री

रायगढ़ से आशीष यादव की रिपोर्ट

नगरीय निकाय संचालक ने नगर निगम क्षेत्र में सिंगल यूज प्लास्टिक के क्रय- विक्रेता पर पाबंदी लगा दी है। पानी पाउच बनाने और उसे बेचने पर रोक लगाने के साथ कार्रवाई के सख्त निर्देश दिए हैं। शहर में 8 और जिले में 13 से अधिक पानी प्लांट हैं मगर अब तक इस आदेश का पालन यहां नहीं हो रहा है। अब भी पानी पाउच आसानी से बाजार में मिल रहे हैं। इस पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही। राज्य में सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग बड़ा मुद्दा है। लोगों में इसके लिए जागरूकता की कमी है। यही कारण है कि इस पर 2017 से लगा प्रतिबंध बेअसर रहा है। अब एक बार फिर बड़े जोर-शोर से सिंगल यूज प्लास्टिक को पूरी तरह प्रतिबंधित करने पर जोर दिया जा रहा है।

केंद्र सरकार के निर्देश पर राज्य सरकारों ने इस पर तत्परता दिखाई है और निर्णय ले लिया है। वहीं विगत दिनों वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा बैठक ली गई। संचालक द्वारा निगम क्षेत्र पर प्रतिबंधित सिंगल यूज प्लास्टिक क्रेता-विक्रेता पर कार्यवाही करने के साथ विशेष तौर पर पानी पाउच पर रोक लगाने के साथ कड़ाई किये जाने के निर्देश दिए गए। प्रतिबंधित सिंगल यूज प्लास्टिक विक्रेताओं पर अर्थदंड के साथ सामग्री जब्त करने की कार्यवाही करने निर्देशित किया गया है। संचालक रायपुर के वीसी बैठक उपरांत रायगढ़ नगर पालिका निगम आयुक्त संबित मिश्रा ने शहर के व्यवसायियों को विशेष रुप से अपील किया कि कोई भी प्रतिबंधित सिंगल यूज प्लास्टिक और पानी पाउच क्रय विक्रय न करे।

कार्यवाही के नाम पर सिर्फ की जा रही हैँ लीपापोती

प्रदेश में जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लग चुका है। इसके बाद भी आज तक बाजार में इसका उपयोग करते देखा जा सकता है। हालांकि नगर निगम समय समय पर इसपर रोक लगाने के लिए कार्रवाई व जुर्माना करती है मगर यह अभियान सिर्फ दिखावा साबित होता है। बड़े कारोबारियों तक टीम पहुंचती ही नहीं जहां से छोटे व्यापारी व दुकानदारों को यह मिलता है। एक दिन पहले भी नगर निगम की टीम ने अभियान चलाकर कार्रवाई की मगर पानी पाउच की जांच नहीं कि जबकि जहां जहां कार्रवाई हुई उन सभी जगह पानी पाउच भी थे।

संचालकों के पास दूसरा विकल्प नहीं
इस आदेश के बाद पानी प्लांट का संचालन करने वाले लोगों में खलबली मच गई है और वे पानी पन्नी के बजाए इसके विकल्प की तलाश में है। किंतु यह फौरी तौर में जमीनी स्तर में अमल होता नजर नहीं आ रहा है।