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मासिक धर्म का कारण है इंद्र के द्वारा किया गया यह पाप…पढ़ें पूरी जानकारी…

वर्तमान भारत । मान्यता ।

गजाधर पैकरा

मासिक धर्म को लेकर कई मान्यताएं प्रचलित है ।जहां वैज्ञानिक इसे एक जैविक प्रक्रिया बताते हैं ।वही इसे हमारी प्रचलित मान्यताओं में अपवित्र कहा गया है। इस दौरान महिलाओं का मंदिरों में प्रवेश समिति निषेध है ।पवित्र कामों को करने के लिए महिलाओं को मासिक धर्म के वक्त मनाही रहती है। यह विषय हमेशा ही चर्चा का विषय रहा है ।और जमाने भर के लेखकों और दार्शनिकों ने इस पर बहुत कुछ कहा है ।हमारा आज का विषय मासिक धर्म से जुड़ी मान्यताओं को सही या गलत ठहराना नहीं है ।हम आज आपको बताएंगे कि इस विषय से जुड़ी हमारे धर्म शास्त्रों में कौन सी कहानी बताई गई है।

◾इंद्र के द्वारा किया गया पाप

इंद्र के द्वारा किए गए पाप की सजा सभी महिलाओं को मिली और तब से उन्हें मासिक धर्म की पीड़ा को सहना पड़ता है। हमारे धर्म शास्त्रों में कई तरह के पाप कर्मों की बात की गई है ।जिन की सजा करने वाले को नहीं बल्कि किसी दूसरे व्यक्ति को मिल जाया करती थी ।अतीत में किए गए इसी तरह के पापों में से एक हैं इंद्र के द्वारा की गई ब्रम्ह हत्या।

एक बार की बात है देवताओं के गुरु बृहस्पति उन पर नाराज हो गए ।इस मौके का फायदा उठाकर असुरों ने स्वर्ग पर हमला कर दिया। गुरु का संरक्षण ना होने के कारण सारे देवता कमजोर पड़ गए और युद्ध हार गए ।असुरों ने स्वर्ग छीन लिया और देवता बेघर होकर यहां-वहां भटकने लगे ।स्वर्ग की राजा जब बेघर होकर भाग रहे थे ।तो उनकी मदद किसी ने नहीं की। ब्रह्मा जी ने उन्हें सलाह दी कि देवराज का यह हाल एक महात्मा का तिरस्कार करने की वजह से हुआ है ।अगर देवताओं पर बृहस्पति की कृपा होती तो यह नौबत कभी ना आती।

ब्रह्मा जी ने कहा कि देवराज इंद्र को गुरु कृपा से ही स्वर्ग वापस मिल सकता है। इसीलिए उन्हें किसी महात्मा की शरण में जाना चाहिए ।इंद्र ने वैसा ही किया और एक ज्ञानी महात्मा को प्रसन्न करने के लिए रोज उनकी सेवा करने लगे ।महात्मा के लिए यज्ञ की सामग्री लेकर आते ,हाथ पैर दबाते और विनम्र भाव से आज्ञा का पालन करते ।सब कुछ ठीक चल रहा था ,जब तक इंद्र ने उन महात्मा की हत्या नहीं कर डाली ।दरअसल इंद्र को पता चला कि वह महात्मा एक असुर के पुत्र थे और यज्ञ में दी गई सारी आहुतियां असुरों तक पहुंचा रहे थे।

◾इंद्र ने अपने पाप का फल स्त्रियों को दे दिया

पहले से ही मुसीबत में पड़े इंद्र पर अब एक और मुसीबत आ गई। क्योंकि ब्रम्हहत्या का पाप भी अब उन पर लगने वाला था ।भगवान विष्णु ने इंद्र को इस बात से बचने की सलाह दी ।भगवान की कहे अनुसार इंद्र ने अपने पाप का एक चौथाई हिस्सा पेड़ों को, एक चौथाई हिस्सा भूमि को ,एक चौथाई हिस्सा महिलाओं ,को और एक चौथाई हिस्सा जल को दे दिया। इस तरह इंद्र को पाप से मुक्ति मिल गई। लेकिन पाप की एवज में इंद्र ने चारों पात्रों को एक एक वरदान भी दिया।

इंद्र ने पेड़ों को वरदान दिया कि पेड़ एक बार कटने के बाद अपने आप को पुनः जीवित कर सकेंगे ।बदले में पेड़ में से गोंद निकलना शुरू हो गया ।इसी तरह स्त्री को इंद्र ने वरदान दिया कि पुरुषों के मुकाबले वे 4 गुना ज्यादा काम का आनंद ले सकेंगे। इसी तरह जल को इंद्र ने वरदान दिया कि आज से जल में पवित्र करने की शक्ति पाई जाएगी और भूमि को वरदान दिया कि भूमि के गड्ढे अपने आप भर जाएंगे।

◾मासिक धर्म का वैज्ञानिक कारण

वैज्ञानिकों के अनुसार मासिक धर्म एक साधारण प्रक्रिया है ।यह स्त्री के शरीर में बने अत्यधिक मांसपेशियों से उन्हें निजात दिलाता है। दरअसल स्त्री का शरीर हार्मोन में हुए बदलाव की वजह से नई मांसपेशियों को बनाता है ।जब इनका इस्तेमाल नहीं होता तो शरीर इनसे छुटकारा पा लेता है। और दोबारा से नई मांसपेशियां बनाना शुरु कर देता है। इतना ही साधारण है मासिक धर्म वैज्ञानिक दृष्टिकोण से।

◾पुरुषों को मासिक धर्म क्यों नहीं होता?

पुरुषों को इंद्र ने अपने पाप का हिस्सा नहीं दिया था ।इसलिए उन्हें मासिक धर्म नहीं होता। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से पुरुषों का प्रजनन तंत्र महिलाओं के प्रजनन तंत्र से अलग काम करता है ।अब क्योकि पुरुष बच्चों को जन्म नहीं देते। इसलिए उनका शरीर उसके लिए उतनी मांसपेशियां नहीं बनाता।

◾मासिक धर्म के दौरान मंदिरों में प्रवेश पर प्रतिबंध क्यों?

मंदिरों में प्रवेश पवित्र व्यक्ति ही कर सकता है ।पवित्र मतलब जो शरीर से पवित्र हो। प्राचीन काल में इस नियम का दुरुपयोग किया जाता रहा और छोटी जाति के लोगों को मंदिर में प्रवेश करने से रोका जाता रहा ।मासिक धर्म के दौरान महिलाएं शरीर से अपवित्र होती है ।इसलिए उस वक्त उनका मंदिर में प्रवेश निषेध रहता है।

◾मासिक धर्म से हुई बीमारियों से बचने के उपाय

मासिक धर्म के वक्त गंदा कपड़ा इस्तेमाल करने से बचें ।इस दौरान अत्यधिक मेहनती काम करने से भी बचें।

◾असामान्य मासिक धर्म से कैसे बचें?

मानसिक तनाव से बचें ।ऐसा होने पर कुछ दिन के लिए व्यायाम संबंधी गतिविधियों पर रोक लगाएं ।प्राणायाम कर सकते हैं ।इससे तनाव जाएगा।

◾क्या जानवरों को मासिक धर्म होता है?

वैज्ञानिकों के अनुसार जानवरों को मासिक धर्म नहीं होता ।जानवरों में यह काफी काम मात्रा में होता है ।जिसे वैज्ञानिक भाषा में estrous cycle कहते हैं।

◾क्या मासिक धर्म को रोका जा सकता है?

इस प्रक्रिया को रोका नहीं जा सकता क्योंकि यह बिल्कुल नैसर्गिक है ।महिलाओं का शरीर हर महीने बच्चा पैदा करने के लिए अपने आपको तैयार करता है ।शरीर को यह पता नहीं होता कि किस महीने स्त्री गर्भवती होगी ।इसलिए स्त्री का शरीर अपने आप को इस काम के लिए हर महीने तैयार करता रहता है।