स्वास्थ्य विभाग की लचर व्यवस्था के कारण फल फूल रहे हैं झोलाछाप डॉक्टर
रायगढ़ । वर्तमान भारत ।
आशीष यादव
रायगढ़ जिला मुख्यालय से 20 किलोमीटर की दूरी पर ग्राम पंचायत काशीचुवा जनपद पंचायत रायगढ़ के अंतर्गत आता है जहां कई सालों से दो झोलाछाप डॉक्टर अपने अवैध क्लीनिक का बिना किसी डर के खुलेआम धड़ल्ले से संचालित कर रहे हैं.
यहां एक झोलाछाप डॉक्टर देवाशीष अधिकारी है जो सभी बीमारियों का इलाज करते हैं ये झोलाछाप डॉक्टर कोलकाता के मूल निवासी हैं यह डॉक्टर के पास किसी प्रकार की कोई डिग्री या डिप्लोमा नहीं है फिर भी यह बेधड़क होकर अपने अवैध क्लीनिक का संचालन कर रहे हैं, झोलाछाप डॉक्टर आमजन का इलाज कर रहे हैं। गंभीर बात यह है कि कई बार तो इनके इलाज से लोगों की जान खतरे में पड़ चुकी है लेकिन फिर भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कोई विशेष चेकिंग अभियान चलाया न इन आरएमपी डॉक्टर्स के पंजीयन व अन्य दस्ताबेज जांचने के लिए विशेष शिविर लगाए। नतीजा झोलाछाप डॉक्टर्स के यहां एक-दो साल नौकरी करने वाले कंपाउंडर भी अपनी दुकानें खोलकर आमजन की जान से खिलवाड़ करने में लगे हुए हैं। उसके बावजूद भी विभाग आंख बंद कर यह सब देख रहा है। लगभग पिछले दो से तीन वर्ष में झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्रवाई नहीं हुई है।
जिले में झोलाछाप डॉक्टर्स की बाढ़ सी आ गई है, जिसके चलते जगह-जगह एक ही दुकान में अपना पूरा निजी अस्पताल खोलकर झोलाछाप डॉक्टर अपनी क्लीनिक चला रहे हैं। बिना योग्यता वाले यह डॉक्टर मरीजों को अपनी बातों के जाल में फंसाकर गंभीर बीमारियों का शत-प्रतिशत इलाज कर बीमारी से निजात दिलाने का दावा करते हैं। साथ ही इसके बदले मरीजों से एक मोटी रकम वसूलते हैं। इसमें से कुछ डॉक्टर्स ने10वीं तक की पढ़ाई भी उत्तीर्ण नहीं की है। फिर भी वह किसी भी बीमारी का इलाज कर बीमारी से निजात दिलाने का दावा करते नहीं थकते। झोलाछाप डॉक्टर आपको जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा सक्रिय है वहीं कई ऐसे भी झोलाछाप डॉक्टर हैं जो अपनी छोटी सी दुकान में ही ऑपरेशन थिएटर बनाकर मरीजों की सर्जरी तक कर डालते हैं।
ड्रिप लगाने के वसूल रहे 150 से 300 रूपए
झोलाछाप डॉक्टर मरीजों को एक ड्रिप लगाने के एवज में 150 से 300 रुपए तक वसूल रहे हैं। यह डॉक्टर अपने पर्चों पर हैबी एंटीबायोटिक दवाईयां भी लिखते हैं ताकि मरीज की तबियत जल्द से जल्द ठीक हो जाए, जबकि इन डॉक्टर्स को अच्छी तरह पता है हैवी एंटीबायोटिक दवाईयों का अर्नगल सेवन से मरीज को लाभ होने के बजाय नुकसान होता है
ग्राम पंचायत काशीचुवा मैं उप स्वास्थ्य केंद्र संचालित है उप स्वास्थ्य केंद्र संचालन के बाद हुई ग्राम पंचायत काशीचुवा में दो झोलाछाप डॉक्टरों का होना व धड़ल्ले से क्लीनिक का संचालन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी जान कर भी अंजान बने हुए हैं या यह अधिकारी कोई बड़ी दुर्घटना का इंतजार कर रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग के लचर व्यवस्था के कारण गांव में दो झोलाछाप डॉक्टर फल फूल रहे हैं. यह स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों के ऊपर प्रश्नचिन्ह लगाते हैं.
क्या कहते हैं ग्रामीण
नाम न बताने की शर्त पर ग्रामीणों ने बताया कि यहां उप स्वास्थ्य केंद्र संचालित है लेकिन डॉक्टरो की समय सीमा का कोई ठिकाना नहीं है जिससे हम ग्रामीणों को झोलाछाप डॉक्टरों के पास जाकर अपना इलाज कराना पड़ता है.
क्या कहते हैं गांव के शिक्षक परीक्षित गुरूजी
यह दोनों डॉक्टर ग्राम पंचायत काशीचुवा की सेवा कर रहे हैं
गुरुजी इनके पास चिकित्सा संबंधी कोई डिग्री है?
आपको डिग्री डिप्लोमा से क्या करना है. परीक्षित जी एक शिक्षक होकर झोलाछाप डॉक्टर का सहयोग कर रहे हैं ऐसे ही जानकार ग्रामीणों की वजह से झोलाछाप डॉक्टर ग्राम पंचायतों में अपने निव मजबूत किए हुए हैं.
क्या कहते हैं ग्राम पंचायत सरपंच
ग्राम पंचायत सरपंच से हमने दूरभाष के माध्यम से जानकारी ली कहां की यह डॉक्टर कई सालों से गांव के ग्रामीणों का इलाज कर रहा है और हमारे तरफ से किसी प्रकार की कोई अनुमति नहीं दी गई है.
क्या कहते है खंड चिकित्सा अधिकारी
आपने मुझे संज्ञान में दिया है मैं इन झोलाछाप छाप डॉक्टरों ऊपर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करूंगा.