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गणेश विसर्जन के बाद नगर पालिका निगम के कर्मचारीयों ने पहुंचाया आस्था को ठेस ….विसर्जन के बाद देखा गया बेहद शर्मनाक नजारा

रायगढ़ । वर्तमान भारत ।

आशीष यादव की रिपोर्ट

रायगढ़.. शहर में विगत दस दिनों से जारी गणेश उत्सव का बीते कल की शाम आखिर कार गणेश भगवान की प्रतिमा विसर्जन के साथ समापन हो गया।

हर साल की तरह इस साल भी दस दिवसीय गणेश पूजा की धूम धाम शहर में देखने को मिली। किंतु बीते कल मरीन डाइव रोड में केलो नदी तट पर जिस तरह से भगवान गणेश जी की मूर्ति विसर्जन की ज्यादातर प्रक्रियाएं संपन्न हुई,उसे देखकर यह कहां जा सकता है कि गणेशोत्सव के नाम पर अधिकतम लोग सिर्फ ढोंग और दिखावा करते है।

विसर्जन के दौरान शराब के नशे में चूर बदमिजाज़ लड़के_ लड़कियों अभद्र और गैर धार्मिक गानों में थिरकते रहे। शहर की सड़कों में फटाखों और डी जे की तेज आवाज धुन ने आम लोगों के अलावा पुलिस प्रशासन को काफी परेशान कर दिया। ऊपर से भक्ति और श्रद्धा भाव का माहौल अश्लीलता,अशांति और बेवजह के हंगामों के कारण पूरी तरह से बिगड़ गया। यद्यपि पुलिस की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में भी मूर्ति विसर्जन का काम निर्विवाद तरीके से संपन्न हुआ। परंतु केलो नदी के उथले प्रवाह में जिस बेतरतीबी से भगवान गणेश जी की मूर्तियों को विसर्जित किया गया। उसे देखकर आम शहरवासियो का मन व्यथित हो गया।

आज सुबह एक अन्य घटना देखने को मिली जिसमें गैर जिम्मेदार नगर पालिका निगम कर्मियों के द्वारा नदी में डूबी आधी _ अधूरी मूर्तियों को कचरा गाड़ी में भर कर अन्यत्र ले जाया गया। जैसे ही मरीन डाइव से निगम कर्मियों के द्वारा किए गए उक्त कार्य की इमेज सोशल मीडिया में वायरल हुआ। आम शहरी लोगों की धार्मिक भावनाऐं बुरी तरह से उबाल मारने लगी। पूरे दिन निगम कर्मियों की हरकत लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी रही।।