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बरसों से उठ रही ओवरब्रिज और अंडर अंडरब्रिज की मांग जन प्रतिनिधि बने मुख दर्शक …झमाझम बारिश हो या कड़कड़ाती धूप, राहगीरों को करना पड़ता है रेलवे फाटक खुलने का इंतजार

खरसिया । वर्तमान भारत ।

आशीष यादव की रिपोर्ट

खरसिया ।करीब 6 वर्ष पहले रेलवे फाटक को पुराने फाटक से कुछ दूरी पर बनाया गया था। वहीं ओवरब्रिज की मांग तो करीब 40 बरसों से अधर में लटक रही है, केंद्र सरकार ने स्वीकृत भी दे दी है, परंतु पता नहीं किस कारणवश ओवरब्रिज नहीं बन पा रहा है.

इस रेलवे फाटक की चौड़ाई अपेक्षाकृत कम भी है। वहीं अक्सर बंद रहने वाला यह रेलवे फाटक क्षेत्रवासियों के लिए नासूर बन चुका है। नजदीकी अनेक गांव के लोग इसी रास्ते होकर बाजार पहुंचते हैं, नगर के लोगों को भी थाना, कचहरी और विद्युत संबंधी कार्यालय जाने के लिए इस फाटक को पार करने की मजबूरी रहती है। ऐसे में प्रतिदिन हजारों राहगीर रेलवे फाटक खुलने के इंतजार में खड़े रहते हैं, चाहे झमाझम बारिश होती हो या फिर कड़कड़ाती धूप ही क्यों ना हो।

क्षेत्रवासियों की जरूरतों से जुड़ी इस समस्या का निदान करने में जनप्रतिनिधि भी उदासीन दिखाई पड़ते हैं। हालांकि पिछले वर्ष प्रदेश के मुखिया से रायगढ़ प्रवास के दौरान मंत्री उमेश पटेल ने ओवरब्रिज की मांग की थी। वहीं मुखिया ने सहमति भी दे दी थी, परंतु इस बात को भी दो बरस बीत गए। इधर हर दिन हजारों राहगीरों को समस्या से रूबरू होना पड़ता है। जनमानस के मन में यह सवाल बार-बार उठता है कि जब सबकी सहमति है, तो कार्य प्रारंभ क्यों नहीं हो रहा?

क्या कहते हैं जागरूक नागरिक

जागरूक नागरिक चैतन्य मिरानी ने रेलवे को समस्या से अवगत कराया, तब 14 अगस्त 2019 को रेलवे ने जवाबी पत्र में लिखा था कि खरसिया यार्ड में स्थित समपार संख्या 313 में रोड-ओवरब्रिज एवं सब-वे के निर्माण हेतु पीडब्ल्यूडी 2018-19 में आउटऑफटर्न बेसिस में कार्य स्वीकृत हो चुका है। यह कार्य राज्य सरकार के साथ 50-50 प्रतिशत की साझेदारी में किया जाना है। वहीं सांसद गोमती साय ने खरसिया प्रवास के दौरान कहा था कि केंद्र अथवा रेलवे से अनुमति हो चुकी है, सिर्फ राज्य सरकार द्वारा सहमति एवं बजट पास करने की देर है। ऐसे में लोगों को यह समझ नहीं आ रहा कि जब केंद्र सरकार अथवा रेलवे द्वारा सहमति हो चुकी है और रायगढ़ प्रवास के दौरान प्रदेश के मुखिया ने भी सहमति दे दी है, तो फिर इस कारण ओवरब्रिज नहीं बन पा रहा है.