Latest:
Event More News

हिंदी दिवस 2022 : जाने क्यों मनाया जाता है हिंदी दिवस…जाने हिंदी से जुड़ी 10 दिलचस्प बातें…और शुभकामनाएं

वर्तमान भारत । विशेष ।

गजाधर पैकरा

समस्त देश भर की हर स्कूल ,कॉलेज और सरकारी कार्यालय में हिंदी दिवस बेहद उत्साह के साथ मनाया जाता है। 14 सितंबर का दिन वाकई हर भारतवासी के लिए बड़ी गर्व का दिन है ।यह पूरे भारत देश को एक रखने वाली भाषा हिंदी का दिन है। सांस्कृतिक विविधताओं से भरे देश भारत में हिंदी दिवस के दिन की अहमियत बहुत अधिक है ।भारत के विभिन्न क्षेत्रों में लोगों का खान-पान, रहन-सहन ,वेशभूषा ,शारीरिक गठन यहां तक की विचारधारा भी अलग-अलग प्रकार की है ।

भारत के विभिन्न भागों में अलग-अलग धर्म हिंदू ,मुस्लिम ,सिख, ईसाई, बौद्ध ,पारसी तथा जैन धर्म के अनुयाई निवास करते हैं और यह धर्म विभिन्न जातियों में बंटे हुए हैं ।विभिन्न क्षेत्रों के लोग अलग-अलग भाषाएं का उपयोग करते हैं ।धर्म ,जाति ,भाषा, संस्कृति कि इन विविधताओं के फासलों को हिंदी खत्म कर देती है। हिन्दी ही है जो अलग-अलग क्षेत्रों के लोगों के दिलों की दूरियों को मिटाती है और सभी को एकता के सूत्र में बांध देती है।

कोई भी हिंदुस्तानी जहां भी हो। दूसरे हिंदुस्तानी से हिंदी भाषा के जरिए ही अपनी भावनाओं को व्यक्त करता है ।अपने दिल और मन की बात अगर किसी भाषा में सहजता से की जा सकती है तो हिंदी भाषा ही है। आज देश का शायद ही ऐसा कोई हिस्सा हो जहां हिंदी भाषा को सहजता से बोलि या समझी ना जाती हो ।हिंदी केवल हमारी मातृभाषा या राष्ट्रभाषा ही नहीं अपितु यह राष्ट्रीय अस्मिता और गौरव का प्रतीक भी है।

क्यों मनाया जाता है हिंदी दिवस

आजादी मिलने के 2 साल बाद 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा में एकमत से हिंदी को राजभाषा घोषित किया गया था। इस निर्णय के बाद हिंदी को हर क्षेत्र में प्रसारित करने के लिए राष्ट्रभाषा प्रचार समिति ,वर्धा के अनुरोध पर 1953 से पूरे भारत में 14 सितंबर को हर साल हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाने लगा ।14 सितंबर 1953 को भारत में पहली बार हिंदी दिवस मनाया गया।

हिंदी से जुड़ी हुई 10 दिलचस्प बातें

◾1. इंग्लिश और मदारीन के बाद हिंदी विश्व की तीसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है।

◾2. दुनिया की सबसे प्रसिद्ध ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी (शब्दकोश) हर साल भारतीय शब्दों को जगह दे रही है ।ऑक्सफोर्ड ने आत्मनिर्भरता चड्डी, बापू, सूर्य नमस्कार, आधार ,नारी, शक्ति, और अच्छा शब्द को भी अपने प्रतिष्ठित शब्दकोश में जगह दी है। साल 2017 में ऑक्सफोर्ड ने करीब 70 भारतीय शब्दों को शामिल किया था ।जिनमें 33 से ज्यादा हिंदी थे ।अरे यारा ,भेलपुरी ,चूड़ीदार ,ढाबा ,बदमाश, चुप ,अंडा ,चाचा, चौधरी ,चमचा, दादागिरी ,जुगाड़ ,पैजामा, कीमा, पापड़ ,करी ,चटनी ,अवतार ,चीता ,गुरु ,जिमखाना ,मंत्र ,महाराजा ,मुगल, निर्वाण ,पंडित ,ठग ,बरामदा ,जैसे शब्द पहले से ही शामिल है।

◾3. दक्षिण प्रशांत महासागर क्षेत्र में फिजी नाम का एक द्वीप देश है। जहां हिंदी को आधिकारिक भाषा का दर्जा दिया गया है।

◾4. भारत के अलावा मॉरीशस, फिलीपींस ,नेपाल ,फिजी ,गुयाना, सुरीनाम, त्रिनिदाद ,तिब्बत और पाकिस्तान में कुछ परिवर्तनों के साथ ही सही लेकिन हिंदी बोली और समझी जाती है।

◾5. हिंदी में उच्त्तर शोध के लिए भारत सरकार ने 1963 में केंद्रीय हिंदी संस्थान की स्थापना की। देश भर में इसके 8 केंद्र हैं।

◾6. अभी विश्व की सैकड़ों विश्वविद्यालयों में हिंदी पढ़ाई जाती है। और पूरी दुनिया में करोड़ों लोग हिंदी भाषा बोलते हैं ।अमेरिका में लगभग 150 से ज्यादा शैक्षणिक संस्थानों में हिंदी का पठन-पाठन हो रहा है।

◾7. हिंदी को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने के लिए 1975 से विश्व हिंदी सम्मेलन का आयोजन शुरू किया गया ।हिंदी को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने के लिए 10 जनवरी को हर साल विश्व हिंदी दिवस भी आयोजित किया जाता है।

◾8. भारत ,फीजी के अलावा मॉरीशस ,फिलीपींस ,अमेरिका, न्यूजीलैंड ,युगांडा ,सिंगापुर ,नेपाल गुयाना ,सूरीनाम ,त्रिनिदाद ,तिब्बत, दक्षिण अफ्रीका, सूरीनाम ,यूनाइटेड किंगडम ,जर्मनी और पाकिस्तान में कुछ परिवर्तनों के साथ ही सही लेकिन हिंदी बोली जाती है और उसे समझी भी जाती है।

◾9. -हिंदी का नाम फारसी शब्द “हिंद “से लिया गया है ।जिसका अर्थ है सिंधु नदी की भूमि ।फारसी बोलने वाले तुर्क जिन्होंने गंगा के मैदान और पंजाब पर आक्रमण किया ।11 वीं शताब्दी की शुरुआत में सिंधु नदी के किनारे बोली जाने वाली भाषा को हिंदी नाम दिया गया था ।यह भाषा भारत की आधिकारिक भाषा है और संयुक्त अरब अमीरात में एक मान्यता प्राप्त अल्पसंख्यक भाषा है।

◾10.-राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने हिंदी को जनमानस की भाषा कहा था। वह चाहते थे कि हिंदी राष्ट्रभाषा बने ।उन्होंने 1918 में आयोजित हिंदी साहित्य सम्मेलन में हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए कहा था ।आजादी मिलने के पश्चात लंबे विचार-विमर्श के बाद आखिरकार 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा में हिंदी को राजभाषा बनाने का फैसला लिया गया ।हिंदी का राष्ट्रभाषा बनाए जाने की विचार से बहुत से लोग नाखुश थे। कइयों का कहना था कि सबको हिंदी ही बोलनी है तो आजादी के क्या मायने रह जाएंगे ।ऐसे में हिंदी राष्ट्रभाषा नहीं बन सकी।