PWD के प्रमुख अभियंता वी के भतपहरी पर गिरी गाज …. खराब सड़कों की वजह से सीएम थे नाराज़ …अब के के पिपरी को दी गई जिम्मेदारी
रायपुर । वर्तमान भारत ।
छत्तीसगढ़ में ऐसा पहली बार हुआ कि खराब सड़कों के कारण PWD के प्रमुख अभियंता को ही हटा दिया गया। दरअसल सीएम साहब सड़कों के रखरखाव में लापरवाही को लेकर बहुत ज्यादा नाराज़ थे जिसके कारण लोक निर्माण विभाग(PWD) के प्रमुख अभियंता वी.के. भतपहरी को हटा दिया गया है। भतपहरी को अब मंत्रालय में विशेष कर्त्तव्यस्थ अधिकारी बनाकर बिठा दिया गया है। उनकी जगह पर मुख्य अभियंता के.के. पीपरी को प्रभारी प्रमुख अभियंता बनाया गया है।
के.के. पीपरी अभी तक लोक निर्माण विभाग के राष्ट्रीय राजमार्ग परिक्षेत्र रायपुर की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। लाेक निर्माण विभाग से जारी आदेश के मुताबिक मुख्य अभियंता पद पर किसी अधिकारी की नियुक्ति होने तक पीपरी यह जिम्मेदारी भी संभाले रहेंगे। बताया जा रहा है, जल्दी ही लोक निर्माण विभाग के कामकाज की विस्तृत समीक्षा होनी है। उसके बाद कई और अधिकारियों पर कार्रवाई की गाज गिर सकती है।
दरअसल, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पिछले दिनों रायगढ़ जिले के दौरे पर थे। वहां लगभग हर चौपाल में सड़कों की खराब स्थिति का फीडबैक मिला। कई क्षेत्रों में मुख्यमंत्री खुद कार से गए। इसकी वजह से वहां के हालात की जानकारी मिली। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वहां लोगों को आश्वासन दिया था कि बरसात खत्म होते ही सड़कों की मरम्मत शुरू करा दी जाएगी। उन्होंने लोक निर्माण विभाग के सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी को सड़कों के हालात की समीक्षा करने को भी कहा था।
लोक निर्माण विभाग ने यह आदेश जारी किया है।
लोक निर्माण विभाग ने यह आदेश जारी किया है।
विधानसभा रोड घोटाले में आया था नाम
लोक निर्माण विभाग में वी.के. भतपहरी चर्चित अफसरों में शुमार हैं। 2015 में सामने आए विधानसभा रोड घोटाले में भी भतपहरी का नाम आया था। उस समय वे मुख्य अभियंता थे। घटिया डामर इस्तेमाल होने की वजह से नया बना विधानसभा रोड उखड़ गया था। शिकायत के बाद EOW ने पांच इंजीनियरों के खिलाफ मामला दर्ज किया। इनके घरों और कार्यालयों पर छापा भी मारा गया।
पहले भी ऐसे ही मुखिया बदले थे
भतपहरी से पहले डीके अग्रवाल लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता थे। मंत्री से विवाद के बाद अप्रैल 2020 में उन्हें हटाकर छत्तीसगढ़ रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन में अतिरिक्त प्रबंध संचालक के पद पर भेज दिया गया था। उसके बाद विभाग में सबसे वरिष्ठ के.के. पीपरी थे। सरकार ने उनकी वरिष्ठता को दरकिनार कर भतपहरी को इंजीनियर इन चीफ बना दिया। अब भतपहरी को भी रिटायरमेंट से पहले ही हटा दिया गया है।