Latest:
Event More News

आरटीआई कार्यशाला: सूचना का अधिकार अधिनियम आम जनता की भलाई के लिए….. बीपीएल आवेदक को 50 पृष्ठ या 100 रुपए तक जानकारी फ्री – एम के राउत ( मुख्य सूचना आयुक्त)

जांजगीर – चांपा । वर्तमान भारत।

14 सितंबर शुक्रवार को जिला पंचायत के सभागार में सूचना का अधिकार अधिनियम विषय पर जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। राज्य मुख्य सूचना आयुक्त एमके राउत ने कहा कि प्रशासन को पारदर्शी और जवाबदेही बनाना सूचना के अधिकार का मूल उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि आम नागरिक सूचना का अधिकार के लिए शुल्क अदा किया है तो उसे समय सीमा में जानकारी उपलब्ध कराना आवश्यक है।

आगे बोलते हुए उन्होंने कहा कि बीपीएल का राशन कार्ड मान्य नहीं है, किन्तु नगरीय क्षेत्र के सीएमओ और ग्रामीण क्षेत्रों के आवेदन के साथ मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत के जारी प्रमाण-पत्र मान्य है। बीपीएल के आवेदक को 50 पृष्ठ या 100 रुपए की जानकारी निशुल्क देना है। कार्यशाला में मुख्य सूचना आयुक्त राऊत ने कहा कि सूचना का अधिकार के तहत आवेदक शुल्क के रुप में संलग्न नान ज्युडिशियल स्टांप, ई-स्टांप, चालान, भारतीय पोस्टल आर्डर, नगद, बैंक ड्राफ्ट के रूप में जमा करता है तो आवेदक को निर्धारित समय सीमा में जानकारी रजिस्ट्री डाक से भेंजे।

कार्यशाला में आगे उन्होंने कहा कि जहां नकल लेने का प्रावधान है। वहां आवेदक को नकल के लिए आवेदन करने पत्र ज़रूर भेजें। राउत ने कहा कि सूचना का अधिकार अधिनियम आम जनता की भलाई के लिए बनाया गया है। नागरिकों के द्वारा शासकीय योजनाओं, कार्यक्रमों और कार्यों की जानकारी मांगने पर निर्धारित समय सीमा में आवेदक को जानकारी उपलब्ध कराने का दायित्व हमारा है।

शासकीय कार्यों, दस्तावेजों और कार्यक्रमों को विभागीय वेबसाइट में प्रदर्शित करें। ताकि आम नागरिक को सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत आवेदन लगाने की जरूरत ही ना पड़े। उन्होंने जनसूचना अधिकारियों से कहा कि जब आवेदक सूचना का अधिकार के तहत आवेदन प्रस्तुत करता है तो आवेदन पत्र को ध्यान से पढ़े।

आवेदन पत्र में एक से अधिक विषय की जानकारी चाही गई है, तो केवल एक विषय की जानकारी आवेदक को दी जा सकती है। कार्यशाला में कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा, कलेक्टर सक्ती नूपुर राशि पन्ना, जिला पंचायत सीईओ फरिहा आलम, एसडीएम रैना जमील, अपर कलेक्टर एसपी वैद्य आदि उपस्थित थे।

जवाब नहीं देने पर आयोग दंड करता है

अग्रवाल ने कहा कि जनसूचना अधिकारी और प्रथम अपीलीय अधिकारी आयोग के नोटिस का जवाब जरूर दें। जवाब नहीं मिलने पर आयोग अर्थदंड और क्षतिपूर्ति लगा सकता है। उन्होंने कहा कि यदि आवेदक द्वारा चाही गई जानकारी आपके कार्यालय से संबंधित नहीं है तो उसे संबंधित कार्यालय को 5 दिवस के भीतर आवेदन पत्र को अंतरित किया जाए। सभी जनसूचना अधिकारी और प्रथम अपीलीय अधिकारी आवेदक को जवाब देते समय अपना नाम स्पष्ट रूप से उल्लेख करें। इसके साथ ही श्री अग्रवाल ने कहा कि आवेदक को जानकारी देते समय जनसूचना अधिकारी का नाम, पदनाम का भी स्पष्ट उल्लेख किया जाना चाहिए।