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एक नवंबर से शुरू हो सकती है धान खरीदी:अधिकारियों को दिए जा चुके हैं निर्देश, अभी तक दिसंबर में होती थी शुरुआत – कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे

रायपुर । वर्तमान भारत ।

छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा है कि सरकार एक नवम्बर से धान खरीदी शुरू करने की तैयारी कर रही है। उन्होंने कहा, इसके लिए अधिकारियों को निर्देश दिए जा चुके हैं। कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में ऐसा पहली बार होगा जब धान की खरीदी नवम्बर में शुरू होगी।

देर तक बरसात और पछेती प्रजाति के धान आने के इंतजार में सरकार हर साल एक दिसम्बर से ही धान की खरीदी शुरू करती रही है। हालांकि किसान हर बार इसको नवम्बर में ही शुरू करने की मांग उठाते रहे हैं। इस बार अच्छे मानसून की वजह से धान की फसल अक्टूबर के आखिरी सप्ताह तक पकने को तैयार है। ऐसे में किसानों की मांग तेज हुई है।

कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अगुवाई वाली सरकार किसानों की सरकार है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल किसान पुत्र हैं, किसानों के मुद्दे पर संवेदनशील हैं। एक नवंबर से धान खरीदी प्रारंभ करने की तैयारी हो रही है। अधिकारियों को पहले ही निर्देश दिए जा चुके हैं। छत्तीसगढ़ में पिछले साल रिकॉर्ड धान खरीदी की गई थी,करीब 21 लाख 77 हजार 288 किसानों ने 98 लाख मीट्रिक टन धान बेचा था। इसके लिए उन्हें 20 हजार करोड़ रुपए का भुगतान हुआ था। सरकार ने इस साल 110 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने का लक्ष्य तय किया है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने सीएम को चिट्‌ठी लिखी

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखकर एक नवम्बर से धान खरीदी शुरू कराने की मांग की है। उन्होंने लिखा है, छत्तीसगढ़ में 15 अक्टूबर तक धान पक कर, कटकर तैयार हो जायेगी। किसान बमुश्किल एक पखवाड़े तक रुक सकते हैं। इसलिए 01 नवम्बर से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी शुरू की जानी चाहिए।

देर से खरीदी शुरू होने पर किसान समर्थन मूल्य से 5 से 6 सौ रुपये प्रति क्विंटल कम कीमत पर धान बेचने विवश हो जाता है क्योंकि उसे धान कटाई, मिंजाई का पैसा देना होता है। लेनदार उसके सिर पर खड़े हो जाते हैं। पत्र में साव ने कहा है, कांग्रेस जब विपक्ष में थी तो वह भी एक नवम्बर से धान खरीदी शुरू करने की मांग करती रही है।

कृषि मंत्री बोले – तैयारी पता चली तो श्रेय लेने चिट्‌ठी

कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की चिट्ठी को हास्यास्पद बताया है। उन्होंने कहा, एक नवम्बर से धान की खरीदी की हमारी तैयारी है। इसकी जानकारी मिलने के बाद श्रेय लेने को यह चिट्ठी लिखी गई है। कृषि मंत्री ने कहा, अपनी सरकार में तो ये कभी एक नवंबर से धान खरीदी शुरू ही नहीं कर पाए।

36.58 लाख हेक्टेयर में बोया गया है धान

कृषि विभाग ने इस साल 48 लाख 20 हजार हेक्टेयर में खरीफ फसलों की बुआई का लक्ष्य तय किया था। इसमें से 33 लाख 60 हजार 500 हेक्टेयर में धान बोया जाना था। पिछले सप्ताह की रिपोर्ट बताती है कि प्रदेश के किसानों ने 36 लाख 58 हजार हेक्टेयर में धान की बुआई की है। धान की बोता-बोनी 25 लाख 13 हजार 880 हेक्टेयर में हुई है। जबकि 11 लाख 44 हजार 140 हेक्टेयर में धान का रोपा लगाया गया है। यह तय लक्ष्य से कहीं अधिक है।

एमएसपी पर धान बेचने में छत्तीसगढ़ रहा अव्वल

देश में 36.95 लाख मिलियन हेक्टेयर में खेती होती है। धान उत्पादक राज्यों में पश्चिम बंगाल, यूपी, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, पंजाब, ओडिशा, बिहार व छत्तीसगढ़ शामिल हैं। केन्द्रीय कृषि मंत्रालय के 2015-16 से 2019-20 के खरीफ सीजन में सबसे ज्यादा छत्तीसगढ़ के किसानों ने धान बेचा। इसमें पंजाब दूसरे, तेलंगाना तीसरे, ओडिशा चौथे और हरियाणा पांचवें नंबर पर रहा। वहीं, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अनुसार खरीफ 2019-20 में सबसे ज्यादा तेलंगाना के 19.88 लाख, हरियाणा में 18.91 लाख, ओडिशा के 11.61 और पंजाब के 11.25 लाख किसानों से खरीदा गया।