Navratri 2nd Day 2022 : नवरात्रि के द्वितीय दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा…शुभ रंग…प्रिय भोग…और व्रत कथा…जाने पूर्ण जानकारी
वर्तमान भारत। धर्म डेस्क ।
गजाधर पैकरा
हिंदू धर्म में नवरात्रि को बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है ।इन 9 दिनों में मां दुर्गा की 9 रूपों की पूजा आराधना की जाती है ।वही नवरात्रि के द्वितीय दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा को समर्पित होता है ।इस दिन पूजा के बाद व्रत कथा ,मंत्र, आरती करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती है। और भक्तों पर सदा अपनी कृपा दृष्टि बनाए रखती हैं। 27 सितंबर को मां दुर्गा के द्वितीय स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी की पूजा आराधना की जाती है।
ज्योतिषियों के अनुसार मां ब्रह्मचारिणी की आराधना से व्यक्तियों में तप,शक्ति ,त्याग ,सदाचार ,संयम और वैराग्य में बढ़ोतरी होती है ।साथ ही शत्रुओं को पराजित करने में सफलता मिलती है। आइए जानते हैं नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी का शुभ रंग और कथा के बारे में-:
◾मां ब्रह्मचारिणी कथा
मां ब्रह्मचारिणी पिछले जन्म में पर्वतराज हिमालय की पुत्री थी। भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए मां ब्रह्मचारिणी ने कठोर तपस्या की थी ।पौराणिक कथाओं के अनुसार मां ब्रह्मचारिणी ने 1000 वर्षों तक बिना फल फूल खाए और जमीन पर रहकर ही साक निर्वाह किया। तत्पश्चात मां ने कठिन व्रत रखे और खुले आसमान के नीचे धूप और बरसात का कष्ट सहन किया।
शास्त्रों के अनुसार मां ब्रह्मचारिणी ने इस दौरान टूटे हुए बिल्व पत्र खाए और भगवान शिव की लगातार आराधना करती रही।मां की इतनी तपस्या से भगवान भोलेनाथ प्रसन्न नहीं हुए। तो उन्होंने बिल्व पत्र भी खाना छोड़ दिए ।मां के पत्ते खाने छोड़ने पर उनका नाम अपर्णा पड़ गया ।मां ब्रह्मचारिणी ने कई हजारों सालों तक निर्जला और निराहार रहकर तपस्या की थी ।इस दौरान वे काफी कमजोर पड़ गई ।मां को इतनी कठिन तपस्या करते देख सभी देवी देवता ,ऋषि ,सिद्धगण, मुनि आदि ने उनकी तपस्या की सराहना की और उन्हें मनोकामना पूर्ति का आशीर्वाद दिया।
◾मां ब्रह्मचारिणी की प्रिय वस्तु
मां ब्रह्मचारिणी को गुड़हल ,कमल के सफेद और सुगंधित फूल बेहद प्रिय लगते हैं ।ऐसे में नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी को उनके प्रिय फूल अर्पित करें ।बता दें कि मां ब्रह्मचारिणी को सफेद रंग बेहद प्रिय लगते हैं।
◾मां ब्रह्मचारिणी का भोग
मां दुर्गा को दूसरे दिन चीनी का भोग लगाएं ।इससे दीर्घायु का आशीष प्राप्त होता है ।इतना ही नहीं दूध या दूध से बनी चीजें भी भेंट कर सकते हैं।
◾मां ब्रह्मचारिणी का मंत्र
दधाना करपद्माभ्यामक्षमालाकमण्डलु। देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यिनुत्तमा।।
◾मां ब्रह्मचारिणी का ध्यान मंत्र
वन्दे वांछित लाभायचन्द्रार्घकृतशेखराम्।
जपमालाकमण्डलु धराब्रह्मचारिणी शुभाम्।।
डिस्क्लेमर-:
यहां दी गई समस्त जानकारी सामान्य मान्यताओं एवं जानकारियों पर आधारित है. इसकी “वर्तमान भारत “पुष्टि नहीं करता है।