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एनआईसी नहीं कर पा रहा सुधार और न ही सुधर पाया किसान पोर्टल , इसलिए लुकापारा का गांव बार समिती के खाते में अटैच

रायगढ़ । वर्तमान भारत ।

आशीष यादव की रिपोर्ट
बरमकेला:- एनआईसी ने किसान पंजीयन के काम की खिचड़ी बनाकर रख दी है। गांव जिन समितियों में अटैच हैं, वहां के बजाय दूसरे समिति में दिख रहे हैं। इसकी जानकारी होते हुए भी ठीक नहीं किया जा सका है। हालात यह है कि लुकापारा समिति का गांव बार समिति में दिख रहा है। रायगढ़ ब्लॉक की समितियों में जिन गांवों की मैपिंग करनी है, उसका विकल्प ही नहीं दिख रहा है।

किसान पंजीयन से लेकर धान खरीदी, उठाव तक पूरा ऑनलाइन वर्क एनआईसी रायपुर संभालता है। एनआईसी ने एकीकृत किसान पोर्टल बनाया था जिसके कारण पंजीयन ही सही तरीके से नहीं हो पा रहा है। फिलहाल गांवों की मैपिंग की जा रही है लेकिन समिति में शामिल गांवों के नाम ही नजर नहीं आ रहे हैं। पंजीयन का काम पुरी तरह प्रभावित हो रहा है। सूत्रों के मुताबिक धान खरीदी में घोटाले का सबसे बड़ा कारण एनआईसी का यह नया पोर्टल ही है। मैपिंग में ही पूरी गड़बड़ी हो गई है जिसे ठीक करने में पूरी टीम नाकाम हो चुकी है। कृषि विभाग के आरएईओ और अपेक्स बैंक को आईडी देकर मैपिंग का काम दिया गया है। लेकिन गांवों का विकल्प नहीं दिखने और सिलेक्ट करने का विकल्प नहीं होने के कारण गड़बड़ी जस की तस है।

खरीदी खत्म होते तक चलेगा सुधार……… वर्ष 21-22 में भी ऐसी ही गड़बड़ी हुई थी जिसका सुधार नहीं हो सका था। एकीकृत किसान पोर्टल को खरीदी होते तक खोलकर रखा गया था। इस वजह से रकबे को एक गांव से हटाकर दूसरे गांव के किसान के खाते में जोड़ा गया। यहीं पर घोटाला हुआ। पहले पंजीयन की अवधि अक्टूबर तक ही होती थी। उसके बाद किसी भी किसान का पंजीयन नहीं किया जाता था।