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छत्तीसगढ़ में बीमार मवेशियों के इलाज के लिए मोबाइल वेटनरी वैन सुविधा अति शीघ्र…163 गाड़ियां प्रदेश में दौड़ेगी…1962 पर कॉल करते ही मौके पर पहुंचेगी…पढ़ें पूरी खबर

रायपुर । वर्तमान भारत ।

गजाधर पैकरा की रिपोर्ट

रायपुर। वर्तमान भारत। छत्तीसगढ़ में मोबाइल चिकित्सा योजना के तहत घायल और बीमार गोवंश का मौके पर इलाज करने के अतिरिक्त उन्हें वेटरनरी अस्पतालों और गौठानों तक पहुंचाने की भी तैयारी है। चरणबद्ध ढंग से इस योजना का विस्तार किया जाएगा। इस योजना को लेकर पशु चिकित्सा विभाग के ओएसडी डॉ मौसम मेहरा से खास बातचीत की गई है। आइए जानते हैं मवेशियों की इलाज के लिए मोबाइल वेटरनरी वैन कैसे काम करेगी और इसमें किस तरह की सुविधाएं उपलब्ध रहेगी…

पशु चिकित्सा विभाग को ओएसडी डॉक्टर मौसम मेहरा ने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने घोषणा की थी कि गोवंश मोबाइल वेटनरी योजना शुरू करेंगे। इसी के तहत योजना की शुरुआत की जा रही है। जिसमें नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी के तहत जिन गौठानों का संचालन हो रहा है। वहां की गायों की चिकित्सा सुविधा पहुंचाने का काम किया जा सके। इसमें गौठान के पशु नस्ल का सुधार, टीकाकरण और डायग्नोस्टिक का काम भी इस वैन सीधे गौठानों में जाकर करेगी। हर विकासखंड में एक गाड़ी चलाने की कोशिश की जा रही है। वर्तमान में यह योजना प्रस्तावित है। दो-तीन माह के भीतर कुल 163 गाड़ियां पूरे प्रदेश में दौड़ना शुरू हो जाएगी।

हर गाड़ी में एक डॉक्टर, एक पैरा बेड, ड्राइवर कम अटेंडेंट रहेंगे। इसके लिए एक फिक्स रूट रहेगा। जिस तरह मुख्यमंत्री स्लम योजना चल रही है। स्वास्थ्य योजनाओं की गाड़ियां लोगों के घरों तक पहुंचती है। उसी तरह से यह गाड़ियां भी फिक्स रूट में गौठानों पर पहुंचेगी। 1 दिन में एक गाड़ी दो से तीन गौठानों को कवर करेगी और उस गौठान में जो भी मवेसी रहेंगे। उन्हें सभी प्रकार का लाभ इस गाड़ी से मिलेगा।

इस वैन में एक कोल्ड कैबिनेट है। इसे छोटा फ्रिज भी कह सकते हैं। हाथ धोने के लिए वाश बेसिन है। स्टेबलाइजर भी है। इन सभी के सपोर्ट के लिए बैटरी के साथ इनवर्टर की भी सुविधाएं हैं। साथ ही दवाइयां भी रहेगी। इसके अलावा हम मवेशियों को बांधने समेत दूसरे सामानों को रखने का स्टोरेज भी रहेगा। डायग्नोस्टिक की भी सुविधा है। ब्लड सैंपल के लिए माइक्रोस्कोप की भी सुविधा है।

अभी यहां शुरुआत है। एक ब्लॉक में एक गाड़ी आरंभ हो रही है। इस तरह से प्रदेश के 163 ब्लॉक में 163 गाड़ियां दौड़ेगी। फिलहाल शासन का मुख्य उद्देश्य यह है कि गौठानों में जितने जानवर आ रहे हैं, उनको हम कैसे सुविधा उपलब्ध करा सके। दुर्घटना के लिए डॉक्टर की टीम है या हॉस्पिटल रहते हैं। इसके लिए 1962 काल सेंटर जुड़ जाएगा। कॉल सेंटर से बताएंगे, तो वहां संबंधित इलाके के आसपास के डॉक्टरों को इनफॉर्म करेंगे। वह तुरंत वहां पहुंच जाएंगे। जब धीरे-धीरे गाड़ियों की संख्या 1 ब्लॉक में एक से अधिक हो जाएगी। तब यह सभी जगह पहुंच सकती है। वर्तमान में आन काल पहुंचना संभव नहीं हो पाएगा। क्योंकि एक ब्लॉक में डेढ़ सौ से 200 गांव हैं।

पशु चिकित्सा विभाग ओएसडी डॉ मौसम मेहरा ने बताया कि डायल 1962 के लिए कॉल सेंटर तैयार किया जाएगा। कॉल सेंटर 8 से 10 सीट का होगा। जिसमें 10 तो हमारे एग्जीक्यूटर रहेंगे। 2 डॉक्टर रहेंगे और यह सातों दिन खुला रहेगा। यह गाड़ियां भी सुबह से लेकर शाम तक अपने कार्य पर रहेगी।