शिक्षकों की मनमानी:एक शिक्षक बिना किसी सूचना के गायब तो दूसरे हस्ताक्षर कर चले गए , बच्चे घूमते रहे इधर – उधर
सरकार अपनी लाख कोशिशों के बावजूद अपने शिक्षकों पर अंकुश लगाने में असफल होती नजर आ रही है। आए दिन शिक्षकों शिक्षक शराब पी कर आने , बगैर किसी सूचना के अनुपस्थित रहने या रहते स्कूल आकार भी अध्यापन कार्य न करने जैसी घटनाएं प्रकाश में आती रहतीं हैं। आए दिन ऐसे शिक्षकों के विरुद्ध कार्रवाई होने की भी जानकारी मिलती रहती है , इसके बावजूद जमीनी स्तर पर कोई सुधार होता नजर नहीं आ रहा है ।
अभी ताजा खबर बलरामपुर जिले के रामचंद्रपुर विकासखण्ड के प्राथमिक शाला बरवाही सीट कॉलोनी की है। यहां की दर्ज संख्या लगभग 70 और 2 शिक्षक पदस्थ हैं।गत दिवस संस्था के प्रधान पाठक नंदू प्रसाद गुप्ता स्कूल ही नहीं पहुंचे और न ही संबंध में संस्था में किसी प्रकार की कोई सूचना ही प्रेषित किए। दूसरे शिक्षक भारदूल सिंह भी समय पर नहीं पहुंचे थे , जिसके कारण बच्चे इधर – उधर घूमते नजर आए। भारदुल सिंह बहुत बहुत देर बाद स्कूल पहुंचे भी तो घर में किसी की तबियत खराब होना बताकर तुरंत चले गए और बच्चे इधर – उधर घूमते रहे।
हालाकि शिक्षकों की अनुपस्थिति के संबंध में विकासखंड शिक्षा अधिकारी सदानंद कुशवाहा ने दोनो शिक्षकों से 3 दिवस के अंदर स्पष्टीकरण की मांग की है ।साथ ही इनकी इस प्रकार की अनुशासनहीनता के लिए कार्रवाई हेतु उच्च अधिकारियों को पत्र लिखने की भी बात कही है। हो सकता है इन शिक्षकों के विरुद्ध कोई कठोर कार्रवाई भी जाए , लेकिन उन बच्चों के ज्ञान भरपाई कैसे होगी जिसे इन्होंने अपेक्षित ज्ञान नही दिया?
बारवाही सीट कॉलोनी के शिक्षकों के कृत्य की जितनी भी भर्त्सना की जाय कम है।इनका इस प्रकार का कृत्य न सिर्फ पालकों और बच्चों के साथ धोखा है, अपितु यह राष्ट्र विरोधी भी है।बच्चे ही राष्ट्र के भविष्य है , लेकिन जब बच्चों के भविष्य को गढ़ने वाले शिल्पकार ही इतने गैर जिम्मेदार होंगे तो कल के एक सशक्त राष्ट्र की कल्पना कैसे की जा सकती है?