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नक्सलियों के तीन दशक से रहे सुरक्षित गढ़ ……बूढ़ा पहाड़ में तीन फोर्स तैनात

कुसमी से अमित सिंह की रिपोर्ट

बीते दिनों नक्सलियों द्वारा छत्तीसगढ़ – झारखंड बॉर्डर पर स्थित बूढ़ा पहाड़ पर छिपाकर रखे गए भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री कोबरा बटालियन एवं सीआरपीएफ की संयुक्त आक्टोपस अभियान के तहत बरामद किए जाने के बाद बूढ़ा पहाड़ में फिर से हलचल मच गई है, जहां एक ओर नक्सलियों के हौसले पस्त हुए हैं नक्सलियों की मनसा बूढ़ा पहाड़ को खून से रंगने की थी वही पुलिस, सीआरपीएफ, कोबरा बटालियन की संयुक्त टीम ने इसे बरामद कर क्षेत्र में अमन शांति कायम रखने के प्रयास में अभी तक सफलता अर्जित की है, इसी कड़ी में झारखंड और छत्तीसगढ़ के सीआरपीएफ ,जगुआर और कोबरा बटालियन के सैकड़ों जवान तैनात किए गए हैं जो बड़ी मुस्तैदी से नक्सलियों के तीन दशक से रहे गढ़ में बनाए गए सुरंग और कई विशेष पहलुओं पर बारीकी से नजर बनाकर उसका सर्च अभियान चला रहे हैं। एक तरफ यह कहना बिल्कुल लाजमी होगा कि केंद्र एवं राज्य सरकार की दोनों पुलिस बल संयुक्त रूप से नक्सलियों के सफाए में लगी हुई है और कमर कस के तैयार है ,वहीं दूसरी ओर नक्सलियों के सिपहसालार जो उनके बिचौलिए का काम करते थे वह भी अभी बूढ़ा पहाड़ के इर्द-गिर्द भी नजर नहीं आ रहे हैं ।जानकारी हेतु बता दें कि 5 साल पहले भी बूढ़ा पहाड़ में 80 सीरीज बम लगाए गए थे जिससे 2018 में संयुक्त ऑपरेशन के दौरान कोबरा बटालियन शिकार हुई थी जिसमें 1 जवान शहीद हो गया था ,जिसमें एक नक्सली को भी मार गिराया था नक्सलियों ने घटनास्थल पर 80 सीरीज बम लगाए थे जिसका शिकार जवान हुए थे ,वहीं दूसरी ओर तेजी से सबाग से लेकर चुनचुना- पुनदाग तक सड़क निर्माण तेजी से कराया जा रहा है जिससे कि क्षेत्र में विकास निश्चित तौर पर दिख रहा है, आज साबाग, बंदर चुवा एवं भूताहि के लोग अपने आप को खुला महसूस कर रहे हैं। एक समय था जब नक्सलियों का तांडव कुसमी तक था, अगर नक्सली बंदी की घोषणा कर देते थे तो लोग डर से उस दिन पूरा अपना व्यवसायिक प्रतिष्ठान बंद रखते थे आज स्थिति समय अनुसार बदली है जिसका सीधा श्रेय पूरे पुलिस टीम को जाता है।

इस संबंध में पुलिस अधीक्षक बलरामपुर ने हमारे संवाददाता से चर्चा कर बताया कि जल्द ही 3 दशक से रहे नक्सलियों गढ़…. बूढ़ा पहाड़ में अमन-चैन और शांति कायम होगी नक्सलियों के जितने भी कैंप थे यह सब धीरे-धीरे ध्वस्त किए जा रहे हैं और साथ ही साथ प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से जो नक्सलियों को सहयोग करते आ रहे थे उन पर भी कार्यवाही की जाएगी।
बहरहाल सीआरपीएफ, कोबरा बटालियन एवं पुलिस की पूरी टीम पूरे मुस्तैदी से बूढ़ा पहाड़ पर अपना कब्जा जमाए हुए है।