खरसिया में हुआ गैप एनालिसिस और आउट ऑफ स्कूल संबंधी प्रशिक्षण
खरसिया । वर्तमान भारत ।
आशीष यादव की रिपोर्ट
खरसिया। शिक्षा में गैप एनालिसिस मतलब एक बच्चे की सीखने की उपलब्धियों और उनकी शिक्षा के किसी भी स्तर पर उन्हें कहां होना चाहिए के बीच के अंतर का आंकलन करने के विषय में है। जिसे लर्निंग गैप के रूप में जाना जाता है। एक बार जब आप एक सीखने के अंतराल के पहचान कर लेते हैं, तो आप उपायों को लागू करने के लिए गैप एनालिसिस टेंप्लेट का उपयोग कर सकते हैं। जो बच्चों को उस जगह तक पहुंचने में मदद करता है, जहां उसे होना चाहिए।
इसी तारतम्य में बच्चों को शिक्षा के मुख्यधारा में जोड़ने के लिए खरसिया में शासन के अभिनव प्रयास गैप एनालिसिस एवं आउट ऑफ स्कूल विषय पर चार दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन 7 नवम्बर से 11 नवम्बर तक विकासखंड शिक्षा अधिकारी एल.एन. पटेल एवं विकासखंड स्रोत समन्वयक प्रदीप कुमार साहू के निर्देशन में श्रीमती बीआरपी अनुसूईया पांडेय एवं बीआरपी रजनी जांगड़े के द्वारा चयनित शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण में दिव्यांगता के संबंध में विस्तृत चर्चा कर गतिविधि के माध्यम से 21 प्रकार के दिव्यांगता से होने वाले असुविधा को समझाया गया। साथ ही उनको शासन से मिलने वाली सुविधाओं को विस्तृत रूप से बताया गया। ऐसे बच्चे जो आउट ऑफ स्कूल हो गए हैं, उन्हें पुनः शाला में जोड़ने के लिए यह प्रयास कारगर साबित होगा। प्रशिक्षण में प्रशिक्षणार्थियों के लिए प्रशिक्षण सामग्री व भोजन की व्यवस्था में सहयोग सीएसी नारायण प्रसाद पटेल, सीएसी कृष्णकुमार साहू, एवं सीएसी गंगाराम डनसेना द्वारा किया गया।