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32% आरक्षण की मांग को लेकर पत्थलगांव इंदिरा गांधी चौक में सर्व आदिवासी समाज ने घंटों तक किया सभी रास्तों को ब्लॉक…धरना प्रदर्शन से लगी वाहनों की लंबी कतारें..!विडियो…पढ़ें पूरी खबर

पत्थलगांव । वर्तमान भारत ।

गजाधर पैकरा की विशेष रिपोर्ट

पत्थलगांव। जशपुर (छत्तीसगढ़) वर्तमान भारत। जशपुर जिले के पत्थलगांव विकासखंड में इंदिरा गांधी चौक स्थित तिराहा (जशपुर रोड, रायगढ़ रोड, अंबिकापुर रोड) के पास 32% आरक्षण की कटौती को लेकर सर्व आदिवासी समाज ने धरना प्रदर्शन कर घंटों तक तीनों रास्तों को चक्का जाम कर आम सभा की। सर्व आदिवासी समाज की धरना प्रदर्शन के कारण घंटो तक तीनों रास्तों पर वाहनों की आवागमन बाधित रही।

धरना प्रदर्शन के दौरान सर्व आदिवासी समाज ने कहा कि अनुसूचित जनजाति वर्ग के आरक्षण सहित अन्य संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए चक्का जाम किया गया है। विगत दिनों प्रदेश की कांग्रेस सरकार की नाकामी के चलते आदिवासियों का 32% आरक्षण घटकर 20% कर दिया गया है। छत्तीसगढ़ भारत का पहला ऐसा राज्य बन गया है। जहां किसी समुदाय से उनका आरक्षण को छीना गया है।

छत्तीसगढ़ सरकार आदिवासियों के अधिकार पर लगातार कैंची चला रही है। इसके कुछ ही दिन पश्चात बस्तर, सरगुजा और बिलासपुर में तीसरी और चौथी श्रेणी की नौकरियों में जो स्थानीय आरक्षण डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने 2012 से देना शुरू किया था। उसे भी छीनने का आदेश इस भूपेश सरकार ने जारी कर दिया है।

सर्व आदिवासी समाज ने कहा कि पहले चरण में आज पत्थलगांव ब्लॉक में चक्का जाम किया जा रहा है। फिर भी सरकार संवैधानिक अधिकारों पर ठोस कदम नहीं उठाती है, तो पूरे प्रदेश भर में चक्का जाम किया जाएगा।

इस दौरान आदिवासी नेता नंदकुमार साय,सर्व आदिवासी समाज की समस्त पदाधिकारी एवं पत्थलगांव विकासखंड के ग्राम पंचायत कोकियाखार,जामझोर, मधुबन सहित प्रत्येक ग्राम पंचायत से आए हुए लगभग 20 हजार की तादाद में सर्व आदिवासी समाज की महिलाएं- पुरुष उपस्थित थे।

समस्त पदाधिकारी एवं वक्ताओं ने अपने- अपने संबोधन में सर्व आदिवासी समाज को क्या करना चाहिए? क्या नहीं करना चाहिए? उसके स्वरूप जानकारी दिए। उसी कड़ी में खलखो मैडम एडवोकेट(वकील) जो बिलासपुर में कार्यरत हैं। उनके द्वारा संबोधित वीडियो….

तत्पश्चात सर्व आदिवासी समाज के पदाधिकारी 32% आरक्षण कटौती को कांग्रेस सरकार की नाकामी बता रहे हैं। हाईकोर्ट ने 50% से अधिक आरक्षण को रद्द किया है। प्रदेश में अब तक कुल 58% आरक्षण लागू था।

इसमें एसटी 32 एससी 12 और ओबीसी को 14% आरक्षण था। हाईकोर्ट के आदेश का बड़ा असर हुआ है। एसटी वर्ग का आरक्षण 32% से घटकर 20% रह गया है। जिसका सर्व आदिवासी समाज कांग्रेश सरकार को कसूरवार बता रहा है।