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स्कूल में खुद से पढ़ने को मजबूर बच्चे,शिक्षक रहते हैं नदारत

धर्मजयगढ़ । वर्तमान भारत ।

आशीष यादव की रिपोर्ट

शिक्षा को विकास की सबसे अहम सीढ़ी मानी गई है, लिहाजा सरकार विद्याअर्जन में सहजता हो, सभी को समान शिक्षा प्राप्त हो, इसके लिए तमाम कवायद कर रही है,शिक्षा में गुणवत्ता लाने शासन बेहद संजीदा है,लेकिन कुछ शासकीय कर्मचारी इसमें पलीता लगाने से बाज नहीं आ रहे।
ताजा वाक्य धरमजयगढ विकासखंड का है,यहां कुछ ऐसे बीहड़ गांव क्षेत्र के स्कूल हैं जहां के शिक्षक मनमाना तरीके से स्कूल संचालित करने में आमादा है बच्चों की पढ़ाई को नजर अंदाज कर अन्य कार्यों में मशगूल रहते हैं, परिणाम स्वरूप विधार्थी खुद से खेलते कूदते पढाई करने को मजबूर है।


जिससे जाहिर तौर पर नौनिहालों की शिक्षा बेहद प्रभावित हो रही है ऐसे में वहीं पालकों को बच्चों की पढाई की चिंता सता रही है ।
फिलहाल हम बात कर रहे हैं धरमजयगढ़ के गांव रामपुर मिडिल स्कूल व रासकुरिया प्राथमिक शाला की जहाँ के स्कूली बच्चे व पालकों का साफ कहना है स्कूल से गुरुजी नदारत रहते हैं हालांकि स्वीपर के जरिये बच्चों को मध्यान भोजन मिल जाता है किंतु दोनों स्कूल के करीब 100 बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।

क्या कहते है धरमजयगढ विकास खंड शिक्षा अधिकारी रवि सारथी

इस संबंध में फोन के माध्यम से जब धरमजयगढ विकास खंड शिक्षा अधिकारी रवि सारथी से जानकारी चाही गई तो उनका कहना है यह मामला बेहद गंभीर है अभी मेरे संज्ञान में आया है, तत्काल इसकी जांच कराई जाएगी और सबंधित शिक्षकों पर उचित कार्यवाही की जाएगी।
अब आगे देखने वाली बात होगी की इस मामले पर संबंधित उच्चाधिकारी कोई सार्थक कदम उठाते है या फिर उक्त शिक्षकों की भर्राशाही यूं ही जारी रहती है।