छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार आरक्षण को लेकर उठाएगी बड़ा कदम…आबादी के हिसाब से आरक्षण देने की तैयारी…पढ़ें पूरी खबर
रायपुर ।वर्तमान भारत ।
गजाधर पैकरा
रायपुर। वर्तमान भारत। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार आरक्षण को लेकर एक बड़ा कदम उठाने को सोच रही है। रिपोर्ट के अनुसार माने तो बघेल सरकार राज्य में आबादी के अनुपात के हिसाब से आरक्षण देने की तैयारी कर रही है। इसके लिए विधानसभा का सत्र भी बुला लिया है।
छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुईया उइके ने बुधवार को ही सत्र बुलाने की प्रस्ताव पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। राज्य में 1 और 2 दिसंबर को राज्य विधानसभा का स्पेशल सत्र बुलाया गया है।
जानकारी के अनुसार यह सत्र आदिवासी कोटा के मुद्दे पर विचार विमर्श करेगा। विशेष सत्र हाल ही में उच्च न्यायालय के एक फैसले के कारण उत्पन्न गतिरोध को दूर करने के लिए बुलाया गया है। जिसमें आरक्षण की लिमिट 58% तक करने के आदेश को रद्द कर दिया गया है। कोर्ट ने कहा था कि 50% से ज्यादा आरक्षण असंवैधानिक है।
रिपोर्टों के अनुसार भूपेश बघेल सरकार एसटी के लिए 32% कोटा, एससी के लिए 12% कोटा और ओबीसी के लिए 27% रिजर्व पर विचार कर रही है। साथ ही ईडब्ल्यूएस के लिए 10% का कोटा भी इसमें रहेगा। इस तरह से कुल आरक्षण 81% तक पहुंच जाएगा।
सरकार अगर यह नियम लागू करने में सफलता हासिल करती है। तो सबसे ज्यादा घाटा जनरल कोटे वालों को होगा, क्योंकि उसकी भाग में सिर्फ 19% सीटें ही रह जाएंगी। इस 19% में भी सिर्फ जनरल ही नहीं रहेगा। बल्कि उसके साथ साथ सभी जातियां इसमें शामिल होंगी।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बार-बार कहा है कि उनकी सरकार पूरी आबादी के हिसाब से विभिन्न समूहों के अनुपात के आधार पर आरक्षण सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। विधेयक को पेश करने के अलावा कांग्रेस सरकार केंद्र से छत्तीसगढ़ के आरक्षण को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करने का अनुरोध करने के लिए एक प्रस्ताव पेश कर सकती है। जिसमें केंद्रीय और राज्य के नियम शामिल हैं। जिन्हें अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकती है।