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वह चीखता रहा , चिल्लाता रहा ….मगर प्रशासन के सामने उसकी एक न चली ….. अंततः प्रशासन ने उसके आशियाने के सपने को तार – तार कर ही दिया ….पढ़िए , आखिर क्या है माजरा ….

लटोरी ( सूरजपुर ) । वर्तमान भारत ।

ओम प्रकाश वैष्णव की रिपोर्ट

मकान गिराने मौके पर पहुंची टीम

प्रदेश में शासकीय जमीन पर कब्जा कर मकान बनाने की घटनाएं आए दिन होती रहती हैं।प्रशासन द्वारा बेजा कब्जाधारियों को बेदखल करने की कार्रवाई भी समय – समय पर की जाती है। लेकिन अधिकतर मामलों यह देखने में आता है कि प्रशासन द्वारा जिनके विरुद्ध कार्रवाई की जाती हैं उनमें से अधिकांश सामाजिक एवम आर्थिक रूप से कमजोर और ” पहुंच विहीन” होते हैं। ऐसा ही एक मामला सूरजपुर जिले के लटोरी से प्रकाश में आया है जहां 50वर्षों से काबिज एक असहाय और मजबूर व्यक्ति के आशियाना बनाने के सपने को प्रशासन ने चूर – चूर कर दिया।

कब्जाधारी द्वारा बनाया जा रहा मकान

प्राप्त जानकारी के अनुसार लटोरी निवासी केवल साय पिता गनपत केंवट विगत 50 वर्षों से शासकीय भूमि खसरा न 595 , 596 पर काबिज था। वह उस जमीन मकान बना रहा था। मकान अभी पूर्ण हुआ नहीं था कि प्रशासनिक अमले को भनक लग गई और तहसीलदार लटोरी ने पटवारी और आर. आई के साथ मौके पर पहुंचकर 22नवंबर को उसके मकान को जमींदोज कर दिया। पीड़ित ने प्रशासनिक अमले से बहुत अनुनय – विनय किया । हाथ – पैर जोड़े । बार – बार कहा कि लटोरी मे और भी बहुत से लोग अवैध रूप से काबिज हैं , उन्हे बेदखल क्यों नहीं किया जा रहा है। वह गरीब है , असहाय है । उसके मकान को न गिराया जाय।

मगर , प्रशासन ने उसकी एक न सुनी और अंततः उसके आधे – अधूरे निर्मित मकान को गिरा ही दिया। उसके आशियाने के सपने को तार – तार कर ही दिया।