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रायगढ़ एसडीएम के विरुद्ध हाई कोर्ट में अवमानना का प्रकरण दर्ज …..भू-अर्जन के प्रकरण में हाई कोर्ट के आदेश की अवमानना का लगाया गया है आरोप

रायगढ़ से आशीष यादव की रिपोर्ट

रायगढ़ के एस.डी.एम. गगन शर्मा के विरुद्ध छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट द्वारा न्यायालय अवमानना का प्रकरण दर्ज करके उन्हें हाईकोर्ट तलब करने के लिये नोटिस जारी कर दी गई है ।

न्यायालय अवमानना का यह प्रकरण अशोक कुमार मिश्रा-आशीष कुमार मिश्रा चेम्बर द्वारा स्थानीय पत्रकार विवेक श्रीवास्तव की ओर से पैरवी किये जाने वाले भू-अर्जन के मामले में दर्ज किया गया है, जिसमें सीनियर एडवोकेट अशोक कुमार मिश्रा एवं आशीष कुमार मिश्रा द्वारा गगन शर्मा को कानूनी नोटिस जारी कर आगाह किया गया था कि उनके द्वारा माननीय छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के आदेष की निरतंर अवमानना की जा रही है इसलिये या तो वे हाईकोर्ट के आदेश का पालन करें अथवा उनके विरुद्ध न्यायालय अवमानना का प्रकरण दर्ज किया जावेगा परंतु अनुविभागीय अधिकारी गगन शर्मा द्वारा मिश्रा चेंबर की इस नोटिस का न तो जवाब दिया गया, न ही हाईकोर्ट के आदेश का पालन किया गया, जिसके पश्चात उनके विरुद्ध कन्टेम्पट आफ कोर्ट की पिटीशन हाईकोर्ट में पेश की गई है, जो हाईकोर्ट द्वारा पंजीबद्ध कर ली गई एवं गगन शर्मा को तलब किया गया है। इस संबंध में ज्ञातब्य है कि पत्रकार विवेक श्रीवास्तव के भू-अर्जन के मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट द्वारा भू-अर्जन अधिकारी रायगढ़ गगन शर्मा को WP(C) No. 3212/2022 में दिनांक 25/07/2022 को यह आदेष दिया गया था कि वे ग्राम झिलगीटार, तहसील-पुसौर में विवेक श्रीवास्तव की भूमि खसरा नंबर 79/8 रकबा 0.073 हेक्टेयर का एन.टी.पी.सी. लारा द्वारा किये गए अधिग्रहण के संदर्भ में बोनस और मुआवजा भुगतान की पात्रता 45 दिनों के भीतर सुनिश्चित कर इसका भुगतान एन.टी.पी.सी. लारा के अधिकारियों को करने का निर्देश देवें परंतु अनुविभागीय अधिकारी गगन शर्मा ने 4 माह बीत जाने के बाद भी इस आदेश का पालन नहीं किया जबकि उपरोक्त भुगतान की पात्रता के संबंध में पूर्व भू-अर्जन अधिकारी द्वारा कराई गई जांच रिपोर्ट और प्रतिवेदन में विवेक श्रीवास्तव को मुआवजा व बोनस भुगतान दिलाने की अनुशंसा भी की गई है। एडवोकेट अशोक कुमार मिश्रा द्वारा यह भी जानकारी दी गई है कि अनुविभागीय अधिकारी गगन शर्मा के कार्यालय में अन्य भी अनेक प्रकरणों में हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया जा रहा है एवं उन प्रकरणों में भी न्यायालय अवमानना की कार्यवाही यथा समय प्रारंभ की जाएगी ।