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एक अनोखा विवाह : प्लास्टिक मुक्त विवाह एक सराहनीय पहल…केले के पत्तों और मिट्टी के गिलास से हुई दावत…पढ़ें पूरी खबर

गजाधर पैकरा की रिपोर्ट

कोरिया (छत्तीसगढ़) वर्तमान भारत। छत्तीसगढ़ के कोरिया में प्लास्टिक मुक्त विवाह देखने को मिला है। जहां की विवाह में ना तो डिस्पोजल का उपयोग किया गया और ना ही प्लेट का किया गया। इस विवाह समारोह में आयोजक ने प्लास्टिक का उपयोग ना कर पॉलिथीन मुक्त भारत की कल्पना को अपना समर्थन दिया है।

आयोजक ने पार्टी में मिट्टी व पत्तों के बर्तनों का उपयोग किया। विवाह समारोह से प्लास्टिक के बर्तन व डिस्पोजल गायब होने से पार्टी में आए लोगों में एक कौतूहल का विषय बना रहा।

अंबिकापुर की रहने वाले राजीव पाठक ने यहां सराहनीय प्रयास किया है। राजीव पाठक कोरिया जिले में शगुन गार्डन नामक शादी घर संचालित करते हैं। लगातार डिस्पोजल और प्लास्टिक के उपयोग से परेशान राजीव ने मन में बनाया कि वह अपने शादी घर में प्लास्टिक प्रतिबंधित करेंगे। उन्होंने एक विवाह कार्यक्रम में ऐसा करके दिखाया है।

जहां एक और पीने के पानी, चाय वह काफी के लिए मिट्टी के कुल्हड़ और गिलास इस विवाह में उपयोग किए गए। तो वहीं दूसरी और भोजन के लिए केले के पत्तों का उपयोग भी आकर्षण का केंद्र बना रहा।

आगंतुक की इस नवाचार से खुश नजर आ रहे थे। सभी ने आयोजक के इस प्रयास की खूब प्रशंसा की। हालांकि आज के समय में इंसान प्लास्टिक, डिस्पोजल का इतना आदी हो चुका है, कि बिना इनके गुजारा करना भी मुश्किल है। लेकिन शगुन गार्डन में आयोजक ने ऐसे ऑप्शन दिए कि लोगों को कोई असुविधा नहीं हुई।

देश में भले ही सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगा दिया गया हो। लेकिन इसका इस्तेमाल आज भी धड़ल्ले से चल रहा है। ऐसे में राजीव पाठक कि यह पहल काफी सराहनीय है।

उन्होंने ना सिर्फ देश में बनाए गए नियम के प्रति जागरूकता दिखाई बल्कि उन बेजुबान जानवरों के लिए भी सोचा हैं। जिनकी मौत इस प्लास्टिक की वजह से होती है।