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छत्तीसगढ़ में गोबर पेंट के बाद गोबर की टाइल्स बढ़ाएगी घरों की सुंदरता…गर्मियों में दीवारों की तापमान कम करेगी और बढ़ाएगी ठंडकता…चल रही निर्माण की तैयारी…पढ़ें पूरी खबर

रायपुर । वर्तमान भारत ।

गजाधर पैकरा की रिपोर्ट

रायपुर। वर्तमान भारत। प्रदेश में पहले गोबर से पेंट बनाया गया। अब गोबर से टाइल्स बनाने की जोरदार तैयारी चल रही है। अब गोबर से बनी टाइल्स हमारे और आपके घरों की सुंदरता बढ़ाएगी। इको फ्रेंडली यह टाइल्स सामान्य टाइल से लगभग आधी कीमत पर तैयार होंगी। छत्तीसगढ़ में पहली बार गोबर से टाइल्स बनाने की तैयारी बड़े पैमाने पर हो रही है।

खास बात यह है कि टाइल्स तो पानी से खराब नहीं होगी। सामान्य टाइल्स की तरह से इस पर वजन सहने की क्षमता के साथ ही आग भी बेअसर रहेगी। गोबर से निर्मित टाइल्स गर्मियों में ठंडक प्रदान करेगी। दीवारों का तापमान को नियंत्रित करेगी। साथ ही कीड़े मकोड़ों से बचाएगी।

रायपुर की गोकुल नगर गोठान में गोबर से टाइल्स बनाने का काम किया जा रहा है। इस टाइल्स के निर्माण में लगभग 7 से 8 दिन का समय लगता है। इसमें किसी भी तरह का केमिकल नहीं मिलाया जाता। गोबर से बने टाइल्स निर्माण के लिए ग्वारगम,चुना लकड़ी के बुरादे का उपयोग किया जाता है। इसमें 80 फ़ीसदी गोबर डाली जाती है।

टाइल्स निर्माण के लिए लकड़ी का एक खांचा बनाया जाता है। उसी खांचे में गोबर को डाला जाता है। जिसके बाद उसे धूप में सुखाया जाता है। उसे करीब सात-आठ दिनों तक धूप में सुखाया जाता है।

गौठान संचालक अग्रवाल कहते हैं की टाइल्स से घर में ठंडकता बनी रहेगी। यदि गोबर की टाइल्स टूटते भी हैं तो यह कंक्रीट की तरह बिखरेंगे नहीं। नेशनल बिल्डिंग मटेरियल की लैब में गोबर से निर्मित टाइल्स को टेस्टिंग के लिए भेजा गया है। और रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।

जैसी ही रिपोर्ट आ जाएगी। गोबर से टाइल्स बनाने का कार्य और भी तेज कर दिया जाएगा। अगर यह सक्सेस हुआ तो गौठान की महिलाओं को भी रोजगार मिलेगा। छत्तीसगढ़ में गोबर निर्मित टाइल्स निश्चित ही एक नई पहल मानी जा रही है।