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निलंबन बना वरदान : निलंबित शिक्षक खुलेआम अवैध क्लिनिक और मेडिकल स्टोर के संचालन से कमा रहा है लाखों….झूठी जानकारी दे गुजार भत्ता का भी ले रहा है लाभ ……….मरीजों को भर्ती करने की भी सुविधा है इसके यहां ….. स्वास्थ्य विभाग बना ” गंधारी” …… बचाव में पाल रखा है गुंडे .. रिपोर्टिंग के लिए पहुंचे पत्रकारों पर हमले की कोशिश… पढ़िए और देखिए इस फर्जी डॉक्टर के काले कारनामों की पूरी कहानी ….

बलरामपुर । वर्तमान भारत ।

मामला छत्तीसगढ़ राज्य के बलरामपुर – रामानुजगंज जिले के विकासखंड बलरामपुर के ग्राम अमडंडा का है , जहां शिव कुमार सिंह नाम का एक शिक्षक खुलेआम अवैध रूप से बिना किसी पंजीयन के क्लिनिक और मेडिकल स्टोर का संचालन कर रहा। इस शिक्षक की शैक्षिक योग्यता मात्र हायर सेकेंडरी है। इसी योग्यता के आधार पर उसे 2009 में शिक्षक की नौकरी लगी थी। प्राथमिक शाला कोठी टांड़ संकुल दलधोवा विकासखंड बलरामपुर में पोस्टिंग के दौरान उसके द्वारा कर्तव्य निर्वहन में लापरवाही और कदाचरण के कारण उसे 22 अगस्त 2022 की निलंबित कर दिया गया था। शासन क्या सोचकर निलंबित किया यह तो विभाग ही बता पाएगा , लेकिन यह निलंबन उस शिक्षक के लिए आज वरदान साबित हो रहा है ।निलंबन के बाद वह डॉक्टर बन गया है और वह खुलेआम बिना किसी रोकटोक के स्वयं रोगियों की जांच करता है और दवा देता है। ऐसा कर वह प्रतिमाह लाखों रुपए बना रहा है।

घर में रखा है लाखों की दवा

इस फर्जी डॉक्टर के पास मेडिकल स्टोर का कोई लाइसेंस नहीं है , लेकिन इसने अपने घर के अंदर गुप्त रूप से मेडिकल स्टोर बनाकर लाखों रुपए की दवाइयों का भंडारण कर रखा है। जिन रोगियों का वह चेकअप करता है अपनी दुकान से उन्हे दवाइयां भी दे देता है।

फर्जी डॉक्टर की दवाइयों का जखीरा

जरूरत पड़ने पर एडमिट भी करता है

इस निलंबित शिक्षक के पास न तो चिकित्सा संबंधी कोई डिग्री या डिप्लोमा है , न क्लिनिक का पंजीयन है और न ही मेडिकल स्टोर का लाइसेंस है , फिर भी वह धड़ल्ले से रोगियों की जांच करता है और दवाइयां देता है। वह इस एरिया का मशहूर डॉक्टर है और पेटला डॉक्टर के नाम से जाना जाता है।

देखिये पूरा वीडियो

स्वास्थ्य विभाग की भूमिका संदिग्ध

जिला मुख्यालय से अमडंडा की दूरी महज 12- 13 किमी है इसके अलावा यहां से मात्र 5 किमी की दूरी पर महाराजगंज में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है और सिर्फ 4 किमी की दूरी पर गणेश मोड़ पर पुलिस चौकी है। मगर आश्चर्य की बात यह है कि इसके बावजूद वह शिक्षक बेखौफ डॉक्टरी कर रहा है और दवाई भी बेच रहा है। लगभाह 15- 20 किमी के रेंज उस शिक्षक डॉक्टर का सिक्का चलता है। गांव – गांव के लोग उसे जानते हैं और दूर – दूर से उसके पास इलाज कराने आते है । वह स्वयं भी दूर – दूर तक इलाज करने जाता है। वह काफ़ी चर्चित डॉक्टर है। उस रेंज में आप किसी भी व्यक्ति से एक अच्छे डॉक्टर का नाम पूछेंगे तो लोग उसी का नाम बताएंगे । मगर आश्चर्य! किसी भी सरकारी अमले को इसकी भनक तक नहीं। जिस तरह से वह शिक्षक बिना किसी भय इलाज कर रहा है उससे तो ऐसा ही प्रतीत होता है। मगर यह बिल्कुल ही अविश्वसनीय है। यह कैसे हो सकता है कि जिसकी चर्चा आसपास के 20- 25 गांवों में हो उसकी जानकारी प्रशासनिक अमले को न हो? दाल में कुछ न कुछ काला जरूर है। कही प्रशासनिक अमला जानबूझकर ” गंधारी” तो नही बन बैठा है? वास्तव में यह जांच का विषय है और यह उम्मीद है कि ये” गंधारी” अब अपनी आंख की पट्टी अवश्य खोलेंगे।

गलत जानकारी देकर ले रहा है गुजारा भत्ता..?

शिव कुमार सिंह

जब कोई शासकीय अधिकारी या कर्मचारी निलंबित किया जाता है तो उस गुजारा भत्ता की पात्रता होती है। मगर उसके लिए एक अनिवार्य शर्त यह भी होती है कि उसे प्रतिमाह यह यह लिखकर देना होता है कि वह अर्थोपार्जन के लिए अन्य कोई काम नही कर रहा है। लेकिन यहां तो यह शिक्षक अपने पूरे वेतन से भी अधिक कमाने का उपाय कर रखा है ,ऊपर वह गुजारा भत्ता भी ले रहा है। यानि या तो शिक्षक द्वारा विभाग को गलत जानकारी दी जाती रही है या विभाग उस पर मेहरबान है। बहरहाल , यह जांच का विषय है , शीघ्र ही इसका भी खुलासा होगा ।

गुंडे पाल रखा है यह शिक्षक

यह निलंबित शिक्षक जो पूरी तरह से फर्जी डॉक्टर बनकर प्रशासन की आंखों में धूल झोंक रहा है ,अपनी रक्षा के लिए गुंडे पाल रखा है। उसके पास गुंडों की फौज है। जब भी कोई उसके मामले को उठाने की कोशिश करता है उसके द्वारा गुंडों के माध्यम से डराने की कोशिश की जाती है। आज भी उसने ऐसा ही किया। दरअसल पत्रकारों की एक टीम आज उसका न्यूज कवर करने गई हुई थी । अपना सर्टिफिकेट और लाइसेंस दिखाने के नाम पर वह टीम को लगभग डेढ़ – दो घंटे रोके रहा और इस बीच वह मोबाइल के माध्यम से और अपने भाई को दस्तावेज लाने हेतु भेजना कहकर गुंडों को इकट्ठा करता रहा।उसके गुप्त रूप से सूचना देने के कुछ देर बाद अपना मुंह बांधे मोटरसाइकिल लगभग 10 – 12 युवक पहुंच गए। सभी ने अपने मुंह बांध रखे थे। किसी अनहोनी के डर से पत्रकारों की टीम वहां से मौका देखकर निकल गई । इसके बाद तीन बाइक पर सवार 9 युवक उनका पीछा करने लगे। पत्रकार किसी तरह भागकर जब पचावल पहुंचे तो वहां भी लगभग 25- 30 लोगों द्वारा उन्हें रोकने की कोशिश की गई। शॉर्ट कट से गुंडे पचावल पहुंच गए थे और वहां भी उन लोगों ने आदमी इकट्ठा कर रखा था। पत्रकारों की गाड़ी रोकने के लिए रोड पर डंडे बिछा रखे थे। ये तो संयोग अच्छा था कि पत्रकारों की गाड़ी के आगे – आगे एक स्कॉर्पियो थी जो सड़क पर बिछे डंडों को देखकर धीमे हुई तो पत्रकारों ने साइड लेकर अपनी गाड़ी आगे बढ़ा दी। स्कॉर्पियो की वजह से उन गुंडों को पत्रकारों की गाड़ी पहचाने मे दिक्कत हुई। लेकिन जैसे ही पत्रकारों की गाड़ी ने स्कॉर्पियो के ओवरटेक किया , गुंडे चिल्ला उठे – यही लोग हैं। उन लोगों ने उनकी गाड़ी रोकने की कोशिश की मगर पत्रकार उनकी आवाज सुनकर खतरे को भांप गए और नही रुके। वहां से भी 2 बाइक सवारों ने उनका पीछा किया मगर पत्रकार किसी तरह बच निकले।

जिम्मेदार अधिकारी ध्यान दें

शिव कुमार सिंह के पिता

निलंबित शिक्षक शिव कुमार सिंह द्वारा पूरी तरह से अवैध ढंग से क्लिनिक और मेडिकल स्टोर का संचालन कर पैसा बनाया जा रहा है ऊपर से गलत जानकारी देकर गुजारा भत्ता भी लिया जा रहा। गलत तरीके से उसने बहुत पैसे कमा लिए हैं जिसके मद में चूर होकर उसने अपने सोचने – समझने की शक्ति खो दी है और वह गलत रास्ते पर चल पड़ा है। उसने गुंडों की फौज पाल रखी है जिनके दम पर वह गलत कार्यों को अंजाम देने में लगा हुआ है। यदि उसके गलत कार्यों पर प्रशासन द्वारा लगाम नही कसा गया तो क्षेत्र में अशांति फेल सकती है समाज में एक गलत संदेश का प्रसार होगा। देश और समाज की रक्षा के लिए शिव कुमार सिंह के अवैध कार्यों को रोका जाना आवश्यक है । प्रशासनिक अमले को ” गंधारी ” के आवरण से बाहर निकलना होगा अन्यथा कभी भी कोई बड़ी अप्रिय घटना हो सकती है।