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आजादी के 75 साल बाद भी नहीं बन पाई पक्की सड़क, सुगम मार्ग को तरस रहे लोग, आवागमन के दौरान दुर्घटना में हो रहे हताहत, शासन- प्रशासन से कर चुके हैं सड़क निर्माण की मांग

आशीष यादव की रिपोर्ट


कोरबा/पाली:- लोगबाग आवागमन के लिए परिवहन के एक सामान्य साधन यानि सड़कमार्ग का इस्तेमाल करते है, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों के समग्र आर्थिक एवं सामाजिक विकास के लिए सुगम सड़क मार्ग का होना आवश्यक होता है, जो सामानों के बेहतर वितरण और सेवाओं, सुविधाओं के अवसर प्रदान करने के साथ शिक्षा, स्वास्थ्य तथा रोजगार का मार्ग प्रशस्त करता है। जिससे प्रदेश के विकास में मदद मिलती है। किन्तु पाली विकासखण्ड के अंतर्गत ग्राम बगदरा से सपलवा पहुँचमार्ग का 7 किलोमीटर पथरीले, उबड़- खाबड़ मार्ग आजादी के 75 वर्ष बाद भी पक्की सड़क को तरस रहा है। जिस कच्चे मार्ग पर आवागमन करने वाले लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

आपको बता दें कि पाली ब्लाक अंतर्गत दर्शनिक एवं धार्मिक स्थल चैतुरगढ़ से तीन किलोमीटर पहले वनांचल ग्राम बगदरा बसा हुआ है, जहां से ग्राम पंचायत बारीउमराव, सपलवा, पहाड़गांव, रामाकछार सहित इनके अनेक आश्रित ग्रामों को जोड़ने 7 किलोमीटर का कच्चा मार्ग निर्मित है, जिसका पक्का सड़क मार्ग न बन पाना लोगों के लिए दुर्भाग्यजनक एवं जोखिम भरा है, क्योंकि कच्ची सड़क इतनी जर्जर, पथरीले और उबड़- खाबड़ है कि सूखे दिनों में भी आवागमन में काफी तकलीफों का सामना करना पड़ता है और बारिश के दिनों में तो इस मार्ग पर चलना खतरनाक माना जाता है, और जब तक यह कच्चा मार्ग सूख नहीं जाता तब तक बारीउमराव, सपलवा, पहाड़गांव, रामाकछार पंचायत से ग्राम बगदरा होते हुए पाली विकासखण्ड मुख्यालय का सीधा संपर्क टूटा रहता है। इस मार्ग पर आवागमन करने वाले आसपास ग्रामों के ग्रामीणों का कहना है कि उक्त मार्ग डामरीकरण के लिए अनेकों बार शासन- प्रशासन को आवेदन दे चुके है, परन्तु अभी तक संज्ञान में नही लिया गया। ऐसा प्रतीत होता है कि वनांचल ग्राम होने से शासन- प्रशासन को शायद सड़क मार्ग निर्माण से कोई लेना देना नहीं है। ग्रामीणों ने बताया कि चुनाव के समय वोट मांगने पहुँचने वाले नेताओं/प्रत्याशी से भी पक्का सड़क मार्ग निर्माण की मांग की गई थी, तब वोट हासिल कर तारन हार बनने वाले जनप्रतिनिधि भी सत्ता में आकर उनकी मांग भूल गए। ऐसे में इस क्षेत्र की जनता ने जिस उम्मीद और विश्वास में अपना कीमती वोट देकर जिन्हें निर्वाचित करने में अपनी अहम भूमिका का निर्वहन किया, आज उन्हें ही सुगम सुविधा के लिए हाथ- पैर मारना पड़ रहा है। यह इस क्षेत्र की जनता का दुर्भाग्य नही तो और क्या है।

डब्ल्यूबीएम में वन विभाग ने किया सरकार का खजाना खाली, पर कच्चा मार्ग जस का तस
ग्राम बगदरा से सपलवा सहित पहाड़गांव, रामाकछार, बारीउमराव
को जोड़ने वाले 7 किलोमीटर के इस उबड़- खाबड़ मार्ग का वन विभाग द्वारा डब्ल्यूबीएम के तहत अनेको बार संधारण कार्य कर सरकार का खजाना तो खाली किया गया, लेकिन मार्ग की हालत जस की तस है तथा कोई सुधार नही आ पाया है, क्योंकि कटघोरा वनमंडल ने काम तो जरूर कराया लेकिन धरातल पर औपचारिक और ज्यादातर कार्य कागजों में हुआ। फलस्वरूप विभाग ने डब्ल्यूबीएम सड़क निर्माण के नाम पर जंगल मे मोर नचा जनता की गढ़ी कमाई को जमकर लुटा।

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https://youtu.be/cVpLyovu09g