कलयुग का श्रवण कुमार लकवा पीड़ित पिता को कंधे पर बिठाकर…चमत्कार की उम्मीद में पहुंचा बागेश्वर धाम…पढ़ें पूरी खबर
गजाधर पैकरा की विशेष रिपोर्ट
छतरपुर/मध्य प्रदेश। वर्तमान भारत। मध्य प्रदेश के छतरपुर में इन दिनों सात दिवसीय संत समागम का आयोजन चल रहा है। इसमें देश के विभिन्न हिस्सों से संत महात्मा पहुंचे हुए हैं। इसके साथ ही दूर-दूर से हजारों की तादाद में लोग भी पहुंच रहे हैं।
उन्हें यह विश्वास है कि बागेश्वर धाम सरकार उनकी समस्याओं का समाधान कर देंगे। दूर-दूर से आ रहे लोगों में तरह-तरह की समस्याओं को लेकर छतरपुर के बागेश्वर धाम पहुंच रहे हैं।
इन्हीं लोगों में से एक हैं छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से आए नरेश साहू, जो अपने लकवा से पीड़ित बीमार पिता को कंधे पर बिठा कर लाए हैं। नरेश को अगर कलयुग का श्रवण कुमार कहा जाए तो कोई अनुचित बात नहीं होगी, क्योंकि वे अपने बीमार पिता को कंधे पर बिठा कर लाए हैं।
उन्होंने बताया कि उनके पिता लकवा ग्रस्त हैं। वह चल फिर नहीं सकते हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि बागेश्वर धाम सरकार की कृपा से उनके बीमार पिता ठीक हो जाएंगे और चलने फिरने लगेंगे।
बागेश्वर धाम की धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री इन दिनों सुर्खियों में हैं। उनके भक्तों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रहा है। बागेश्वर मंदिर धाम सरकार का मंदिर मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में विराजमान है। बागेश्वर धाम मंदिर भगवान बालाजी का मंदिर है। बागेश्वर धाम का दरबार मंगलवार और शनिवार को लगता है।
ऐसा माना जाता है कि अगर आपको भगवान बालाजी से कुछ मांगना है या किसी समस्या का समाधान कराना है, तो अर्जी लगानी होती है। इसके लिए आप घर बैठे भी अर्जी लगा सकते हैं, और बागेश्वर धाम पहुंचकर भी अर्जी की जाती है।
कहा जाता है कि एक लाल कपड़े में पर्ची बांधकर नारियल के साथ अर्जी लगाई जाती है। अर्जी की पर्ची निकलने पर बागेश्वर धाम सरकार पंडित धीरेंद्र शास्त्री समस्या को पूछते हैं और उसका समाधान करते हैं। इसके अतिरिक्त दर्शन के लिए कुछ खर्च नहीं करना होता है।