भारतीय सिनेमा में अपनी अलग छाप छोड़ रही है , आनंद कुमार गुप्त की सार्थक और संदेश परक फ़िल्में!
वर्तमान भारत। एंटरटेनमेंट।
मुंबई / रायपुर /अंबिकापुर – सिनेमा समाज का आईना होता है , इससे सामाजिक परिवर्तन संभव है, सिनेमा सिर्फ मनोरंजन का साधन नहीं है, बल्कि किसी भी बात कहने का यह सशक्त माध्यम है , सिनेमा के द्वारा हम अपनी बात को पूरी दुनिया में पहुंचा सकते हैं और इसी तरह का कुछ कार्य कर रहे हैं सरगुजा छत्तीसगढ़ के कलाकार आनंद कुमार !
मदारी आर्ट्स के द्वारा निर्मित 6 से ज्यादा हिंदी फीचर फिल्म, 12 से ज्यादा डॉक्यूमेंट्री फिल्म और 50 से ज्यादा सार्थक और संदेश परक लघु फिल्मों के माध्यम से आज न सिर्फ छत्तीसगढ़ बल्कि भारतीय सिनेमा में अपनी अलग छाप छोड़ने में सक्षम हो रही है, निसंदेह आनंद कुमार गुप्त की सिनेमा समाज से जुड़ी हुई विषयों को लेकर बनाई जा रही है जो एक अलग पहचान बना रही है!
आनंद कुमार गुप्त द्वारा अभिनीत लेखक और निर्देशक अजय आनंद की फिल्म लंगड़ा राजकुमार जहां शिक्षा के लिए संघर्ष का संदेश देती है , वही लेखक और निर्देशक गोविंद मिश्र की फिल्म आई एम नॉट ब्लाइंड दिव्यांग जनों को प्रोत्साहित करती है ! वही लेखक और निर्देशक गोविंद मिश्र की आने वाली फिल्म लाइफ ऑन रोड एक गरीब मजदूर की संघर्ष की कहानी बयां करेगी ! इसी तरह कुछ फिल्में नवा बिहान ,देशभक्ति,एक ही रास्ता, रामानुजगंज एक आवाज के माध्यम से समाज में घटित घटनाओं के लिए सार्थक संदेश देने का प्रयास किया गया है !
इसी तरह मदारी आर्ट्स के द्वारा निर्मित डॉक्यूमेंट्री फिल्म साक्षर भारत एक नई रोशनी ,बाबा बछराज कुंवर ,लाइफ इन ए ऑटो ,इज्जत , माय मंथली फ्रेंड , ट्राईंग टू कोएक्जिस्टेंस , स्वयं बिएंग माय सेल्फ, महान संत गहिरा गुरु , पड़ियाल इत्यादि के माध्यम से भी सिनेमा के नए आयाम को स्थापित करने का प्रयास किया जा रहा है !
इसी तरह मदारी आर्ट्स के द्वारा निर्मित और आनंद कुमार गुप्त के द्वारा अभिनीत लघु फिल्में पागल , क्लाइमेट, हैंड पंप फाइट अगेंस्ट कोरोना, पुलिस मित्र, यूज मास्क सहित कई लघु फिल्मों के माध्यम से सार्थक और संदेश परक सिनेमा के माध्यम से समाज को कुछ देने का प्रयास किया जा रहा है, निसंदेह यह कार्य प्रशंसनीय है !