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पंचायत सचिवों ने 1 सूत्रीय मांगों को लेकर 16 मार्च से कलम बंद हड़ताल…जनपद कार्यालय के सामने सजाया पंडाल…सरस्वती मां की छाया चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए प्रारंभ की हड़ताल…पढ़ें पूरी समाचार

गजाधर पैकरा की रिपोर्ट

पत्थलगांव/जशपुर (छत्तीसगढ़) वर्तमान भारत। जिले के पत्थलगांव में पंचायत सचिवों ने अपनी शासकीय करण की एक सूत्रीय मांग को लेकर 16 मार्च से कलम बंद हड़ताल प्रारंभ कर दी है। पत्थलगांव जनपद कार्यालय के ठीक सामने सचिवों ने अपना हड़ताल पंडाल सजाया है। सुबह मां सरस्वती के छाया चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए पंचायत सचिवों ने अपनी हड़ताल प्रारंभ की। सचिव अपनी 1 सूत्रीय मांगों को शासकीयकरण को लेकर हड़ताल पर बैठे हैं।

इस बार पंचायत सचिव का आक्रोश में कुछ ज्यादा जोश नजर आ रहा है। उनका कहना है कि 20 वर्षों से सचिव अपने शासकीयकरण की मांग को लेकर वादों की डोर में बंधे हुए हैं। लेकिन 20 वर्षों के दौरान दो शासनकाल के किसी भी जनप्रतिनिधि ने उनकी मांगों को पूर्ण नहीं किया।

अब पंचायत सचिव आर या पार की लड़ाई के मूड में नजर आ रहे हैं। सुबह 11:00 बजे से पंचायत सचिवों की कलम बंद हड़ताल की शुरुआत हो रही है। पुरुषों के अलावा पंचायत सचिव महिलाओं की उपस्थिति भी पंडाल में खचाखच भरी हुई दिखाई देती है। इस बार शासकीय करण की मांग को हर हाल में पूर्ण कराने के मुड में है।

कलम बंद हड़ताल से पूर्व सचिवों ने 7 मार्च से गोबर खरीदी का कार्य बंद कर दिया था। शासन पर उनकी मांगों का असर ना होते देख उन्होंनेने 16 मार्च से सभी ब्लॉक में हड़ताल प्रारंभ कर दी हैं।

ब्लॉक सचिव संघ के अध्यक्ष अरुण शाह ने बताया कि प्रदेश के 70 विधानसभा के विधायक भी सचिव संघ की मांग को समर्थन दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि सचिवों की शासकीय करण की मांग को प्रदेश के 70 विधायकों ने अनुशंसा कर उसे पूर्ण कराने के लिए आश्वासन दिया है।

सचिव संघ कहते हैं कि 90 विधानसभा में 70 विधायकों का समर्थन व अनुशंसा रहने के पश्चात भी उनकी मांग पूर्ण नहीं हो रही है। जिससे पंचायती राज की कार्यप्रणाली को प्रभावित करने का कार्य कर रहा है।