एसईसीएल में नौकरी लगाने के नाम पर लाखों रूपए की ठगी करने के बाद फरार चल रहा आरोपीत हुआ गिरफ्तार
सूरजपुर 24 मार्च । वर्तमान भारत ।
इरफान सिद्दीकी की रिपोर्ट
नौकरी लगाने के नाम पर करीब 8,88,300 रुपए छल पूर्वक ठगी के मामले में लंबे अरसे से फरार चल रहे आरोपीत को विश्रामपुर पुलिस थाने की टीम ने गिरफ्तार करने में सफलता हासिल किया है। उक्ताशय पर प्राप्त जानकारी अनुसार बीते 10 अगस्त 2022 को विश्रामपुर की अलमा रेनू टोप्पो ने पुलिस थाना विश्रामपुर में रिपोर्ट दर्ज कराया कि बिलासपुर में इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दरम्यान रायगढ़ के निलेश बेहरा व भटगांव के सूरज गुप्ता उसके साथ पढाई करते थे,इसी दौरान दोनों के साथ यशवंत सोनवानी से परिचय होने व मई 2022 में उनके द्वारा यशवंत सोनवानी के माध्यम से कई लोगों की नौकरी लगवाने की बातें बताई गई और प्रार्थियां को भरोसे में लेकर एसईसीएल में नौकरी लगवाने के नाम पर अलग अलग तिथियों में यशवंत व उसके पिता संतोष सोनवानी के खाता में कुल 4,50,000 रूपये जमा कराने व उसकी बड़ी बहन से भी करीब 438300 कुल 8,88,300 रूपए ठगी कर लिया गया।ठगी होने की शंका प्रार्थियां को पैसे देने के बाद मिले नियुक्ति से जुड़े पत्र और जल्द पुलिस व मेडिकल वेरिफिकेशन होने की बातें कही गई लेकिन लंबे अरसे तक किसी तरह से वेरिफिकेशन नहीं हुई तो सम्पर्क करने पर शुरुआती दौर में टालमटोल करने व मोबाइल बंद करने पर मामले की सूचना व रिपोर्ट पुलिस थाने में दर्ज कराय गया। जिसपर पुलिस थाने में धारा 420, 467, 468, 471, 120बी, 34 भादसं के तहत मामला दर्ज कर प्रकरण के आरोपीत संतोष सोनवानी, सूरज गुप्ता , निलेश बेहरा को गिरफ्तार कर लिया गया था, मामले में आरोपीत यशवंत सोनवानी फरार होने में सफल हो गया था, उसकी पतासाजी में पुलिस टीम जुटी हुई थी। जिसमें मुखबिर तंत्र व तकनीक के मदत से लगातार निगरानी रखने पर ग्राम पोंच, पुलिस थाना बलौदा, जिला जांजगीर-चाम्पा में होने की जानकारी मिलने के बाद पुलिस टीम ने दबिश देकर फरार आरोपीत यशवंत सोनवानी को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त किया है। उससे पूछताछ पर आरोपित द्वारा अपराध घटित करना स्वीकार करने व उसके कब्जे से ग्लैंजा कार कीमत 13,00,000 रूपये व 2 नग मोबाईल कीमत 1,16,000 रूपये कुल 14,16,000 रूपये का जप्त कर गिरफ्तार कर लिया गया है।
इस कार्यवाही में थाना प्रभारी विश्रामपुर के.डी.बनर्जी, एएसआई प्रवीण राठौर, प्रधान आरक्षक अविनाश सिंह, इन्द्रजीत सिंह, आरक्षक ललन सिंह, रविशंकर पाण्डेय, बिहारी पाण्डेय, जयप्रकाश यादव, योगेश्वर, प्यारेलाल व मनोज शर्मा सक्रिय रहे।