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झोला छाप डॉक्टर के गलत उपचार से फिर हुई चार वर्षीय एक बच्ची की मौत ……….. आखिर कब तक झोलाछाप डॉक्टर खेलते रहेंगे लोगों के जीवन से…? शासन – प्रशासन आखिर क्यों है मौन….? बार बार ऐसी घटनाओं के प्रकाश में आने के बावजूद जिम्मेदार अधिकारी क्यों नही उठाते ठोस कदम…?

आशीष यादव की रिपोर्ट

पिथौरा। समीप के ग्राम टेका के एक झोलाछाप डॉक्टर के उपचार से कैलाशपुर की एक चार वर्षीय बच्ची की मौत हो गई। इस संबंध में स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टरों ने बालिका की मौत को गलत उपचार से होना बताया है, वहीं मृतका के पिता ने बताया कि उनकी बेटी का उपचार टेका का कोई रामचरण नामक कथित डॉक्टर कर रहा था। मिली जानकारी के अनुसार सोमवार की सुबह कैलाशपुर डोंगरीपाली निवासी जयदेव बरिहा अपनी चार वर्षीय पुत्री प्रमिला बरिहा को दस्त होने के कारण टेका के किसी झोलाछाप डॉक्टर के पास उपचार के लिए ले गया था। सुबह कोई 8 बजे टेका के एक निजी कथित क्लीनिक में उसे लगातार दो इंजेक्शन लगाए और उसे घर भेज दिया।

प्रमिला के पिता जयदेव ने स्थानीय डॉक्टरों को बताया कि घर लाकर उसने उसे सुला दिया और स्वयं महुआ बीनने समीप के जंगल चला गया था। जयदेव के जाने के कोई आधे घंटे के भीतर ही उसे बताया गया कि प्रमिला की तबियत ज्यादा बिगड़ गयी है। इसके बाद आनन-फानन में घर पहुंचे, जयदेव ने वाहन की व्यवस्था कर कोई 10 बजे स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया। जहां जांच के बाद डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.

इसी प्रकार ऐसे झोलाछाप डॉक्टर रायगढ़ जिले के रायगढ़ जनपद के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत तिलगा झोलाछाप डॉ. ग्राम पंचायत कशीचुआ, डूमरपाली, टारपाली, कोलाईबहाल, जुनवानी में फल फूल रहे है ऐसा नहीं है की इसकी जानकारी खंड चिकित्सा अधिकारी और मुख्य चिकत्सा अधिकारी को नही है पर वो भी प्रतीक्षा कर रहे है किसी अप्रिय घटना के होने की और जब मीडिया वर्ग द्वारा होने वाली घटना पर समाचार आएगा तब कार्यवाही के नाम पर थोड़ी सख्ती दिखाई जाएगी फिर उसके बाद वही रेत का ढर्रा कुछ दिन में वापस बन जाएगा शक्ति है झोलाछाप डॉक्टरों पर पूरी लगाम लगाने की इनके कारण ग्रामीण क्षेत्रों के ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ प्राप्त नही हो पाता है