Indian Tribal Party : लोकसभा चुनाव से पहले भारत आदिवासी पार्टी ने कसी कमर…भाजपा- कांग्रेस को लेकर दिया बड़ा बयान…यहां से अपनी उम्मीदवार को चुनावी मैदान में उतारने का लिया फैसला…पढ़ें पूरी खबर
Lok Sabha Elections :- छत्तीसगढ़ में भारत आदिवासी पार्टी ने राजस्थान और मध्य प्रदेश के बाद अब लोकसभा चुनावों में अपना उम्मीदवार को चुनाव मैदान में उतारने का फैसला लिया है.
बता दें कि, आज मंगलवार को अंबिकापुर में प्रेस कांफ्रेंस करते हुए सरगुजा लोकसभा सीट से जोरेम मिंज के नाम का ऐलान किया गया. इस दौरान भारत आदिवासी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बसंत कश्यप ने कहा कि छत्तीसगढ़ में दो लोकसभा सीट में पार्टी ने चुनाव में अपना प्रत्याशी लड़ने का फैसला लिया है जिसमें बस्तर व सरगुजा लोकसभा है. लेकिन बस्तर में समय नहीं होने कारण केवल सरगुजा में ही इस बार लोकसभा प्रत्याशी को खड़ा किया गया है. उन्होंने कहा कि
जानकारी के मुताबिक, जल, जंगल, जमीन, स्वास्थ्य व शिक्षा आगामी लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी का मुख्य मुद्दा रहेगा. सरगुजा आदिवासी समाज का उनकी पार्टी को पुरा समर्थन है. आदिवासियों को कांग्रेस और BJP दोनों पार्टियों ने सालों से केवल धोखा दिया है. विकास के सपने तो दिखाएं लेकिन आज तक विकास के नाम पर कुछ काम नहीं किया है जिसके चलते आदिवासी समाज अब एकजुट होकर अपनी पार्टी के साथ खड़े हुए हैं.
भारत आदिवासी पार्टी ने साधा निशाना
बता दें कि, भारत आदिवासी पार्टी के राष्ट्रीय सदस्य शैलेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि बस्तर व सरगुजा के आदिवासियों स्थिति लगभग समान है. दोनों ही अपनी संस्कृति, परंपरा जल-जंगल जमीन को बचाने के लिए सालों से शासन से लड़ रहे हैं लेकिन उन्हें आज तक कामयाबी नहीं मिल पाई है.
कांग्रेस और BJP ने किया गरीबों का शोषण
फिलहाल, बस्तर में नक्सली के नाम पर तो सरगुजा में विकास के नाम पर इनका शोषण हो रहा है. ऐसे में अब आदिवासी समाज ये जान चुकी है कि BJP कांग्रेस दोनों एक ही थाली के चट्टे बट्टे हैं इसलिए अब सभी एक होकर भारत आदिवासी पार्टी के साथ खड़े हैं. ऐसे में आगामी लोकसभा चुनाव में निश्चित तौर पर पार्टी को सफलता मिलेगी. सरगुजा लोकसभा सीट के प्रत्याशी जोरेम मिंज ने कहा कि पूरे प्रदेश में आदिवासियों का शोषण हो रहा है. चाहे जल जंगल जमीन हो या फिर नौकरी, शिक्षा व स्वास्थ्य का क्षेत्र हो. उन्होंने ने कहा कि सरगुजा में मेडिकल कॉलेज व इंजीनियरिंग कॉलेज खुल चुका है. ऐसे में आदिवासी छात्रों को इसका लाभ कैसे मिले इन तमाम मुद्दों को लेकर वे लोकसभा क्षेत्र में जाएंगे.