Latest:
Event More News

जनसंघ के संस्थापक डा श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि पर जिले के सभी बूथों मे उनके मूर्ति और चित्र पर की गई पुष्पांजलि अर्पित

अंबिकापुर । वर्तमान भारत ।

इरफान सिद्दीकी ( उप संपादक)

भारतीय नेतृत्व के आह्वान पर जिले के सभी बूथों में भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉ० श्यामा प्रसाद मुखर्जी के पुण्यतिथि पर उनके मूर्ति और चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की गई । इसी तारतम्य में भाजपा नगर मंडल अंबिकापुर द्वारा श्यामा प्रसाद मुखर्जी चौक में डॉ. मुखर्जी के मूर्ति पर पुष्प चढ़ा श्रधांजलि अर्पित कर माल्यार्पण कार्यक्रम किया गया। भाजपा जिला अध्यक्ष ललन प्रताप सिंह के मार्गदर्शन तथा नगर मंडल अध्यक्ष मधुसूदन शुक्ला की अध्यक्षता में डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा पर फूलमाला चढ़ाकर बलिदानी डॉक्टर मुखर्जी को याद किया गया।


कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भाजपा जिला अध्यक्ष ललन प्रताप सिंह ने कहा कि अखंड भारत की संकल्पना के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले और राष्ट्र की एकता और अखंडता खातिर अपना सब कुछ न्यौछावर करने वाले डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के आदर्श, मूल्य और सिद्धांत अनंत काल तक हमें मार्गदर्शन और प्रेरणा देते रहेंगे। डॉक्टर मुखर्जी के जीवनी पर प्रकाश डालते हुए आगे उन्होंने कहा कि डॉक्टर मुखर्जी जम्मू कश्मीर को भारत का पूर्ण और अभिन्न अंग बनाना चाहते थे जबकि जम्मू कश्मीर का अलग झंडा और अलग संविधान था, वहां का मुख्यमंत्री वजीरे आजम अर्थात प्रधानमंत्री कहलाता था ऐसे समय में संसद में अपने भाषण में डॉक्टर मुखर्जी ने धारा 370 को समाप्त करने की भी जोरदार वकालत की थी, अगस्त 1952 में जम्मू की विशाल रैली में उन्होंने अपना संकल्प व्यक्त किया था कि या तो मैं आपको भारतीय संविधान प्राप्त कराऊंगा या फिर इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए अपना जीवन बलिदान कर दूंगा।
डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान को याद करते हुए इस अवसर पर वरिष्ठ भाजपा नेता अनिल सिंह मेजर ने कहा कि ब्रिटिश सरकार की भारत विभाजन की गुप्त योजना और षड्यंत्र को कांग्रेस ने अखंड भारत संबंधी अपने वादों को ताक पर रखकर स्वीकार कर लिया, उस समय डॉक्टर मुखर्जी ने बंगाल और पंजाब के विभाजन की मांग उठाकर प्रस्तावित पाकिस्तान का विभाजन कराया और आधा बंगाल तथा आधा पंजाब खंडित भारत के लिए बचा लिया। भारत के पहले मंत्रिमंडल में वे शामिल हुए किंतु उनके राष्ट्रवादी चिंतन के चलते अन्य नेताओं से मतभेद बराबर बना रहा, परिणाम स्वरूप राष्ट्रीय हितों की प्रतिबद्धता को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता मानने के कारण उन्होंने मंत्रिमंडल से त्यागपत्र दे दिया और विरोधी पक्ष के रूप में एक नई पार्टी बनाई इससे अक्टूबर 1951 में भारतीय जनसंघ का उद्भव हुआ।
कार्यक्रम में जहां हुए बलिदान मुखर्जी वह कश्मीर हमारा है का नारा देते हुए नगर मंडल अध्यक्ष मधुसूदन शुक्ला ने कहा कि जम्मू कश्मीर मुद्दे पर संघर्ष के दौरान डॉक्टर मुखर्जी ने तत्कालीन नेहरू सरकार को चुनौती दी तथा अपने दृढ़ संकल्प को पूरा करने के लिए भी 1953 में बिना परमिट लिए जम्मू कश्मीर की यात्रा पर निकल पड़े, वहां पहुंचते ही उन्हें गिरफ्तार कर नजरबंद कर लिया गया और 23 जून 1953 को रहस्यमय परिस्थितियों में उनकी मृत्यु हो गई, आगे उन्होंने कहा कि सच्चे अर्थों में मानवता के उपासक और सिद्धांत वादी डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी का बलिदान कभी भुलाया नहीं जा सकेगा।
इस अवसर पर भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य भारत सिंह सिसोदिया , जिला महामंत्री अभिमन्यु गुप्ता, जिला उपाध्यक्ष प्रशांत शंकर त्रिपाठी, अंबिकेश केसरी, फुलेश्वरी सिंह, मंजूषा भगत, प्रबोध मिंज,मधु चौदहा, शुभांगी बिहारे, राजकुमार बंसल अभिषेक शर्मा विकास पांडे, रुपेश दुबे, सर्वेश तिवारी रामप्रवेश पांडे , शकुंतला पांडेय, अजय प्रताप सिंह संजय सोनी, विद्यानंद मिश्रा, विनोद हर्ष, कैलाश मिश्रा,दीपक सिंह तोमर, विजय सिंह तोमर, निश्चल प्रताप सिंह, अनिल जायसवाल, डॉक्टर आनंद राज सोनी, बल्लू शर्मा, अशोक सोनवानी, कमलेश तिवारी, शरद सिन्हा, गोपाल सिन्हा एवं अन्य कार्यकर्ता उपस्थित रहे।