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भालू के हमले से मासूम की मौत ! मां को ढूंढते हुए जा रहा था नर्सरी की ओर, माँ ने बच्चे की हालत देख कर हुई बेहोश !

बलरामपुर । वर्तमान भारत ।


इरफान सिद्दीकी.
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छत्तीशगढ़ प्रदेश के बलरामपुर जिले में भालुओं का आतंक बरकरार है। तीन भालुओं ने आज एक 5 वर्षीय बच्चे की जान ले ली है। सूचना पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची है। पीड़ित परिवार को तत्कालिक मुआवजा के रूप में 25000 रु दी गई है। बलरामपुर जिले की सीमा से लगे जिला सुरजपुर में चंद दिनों पहले ही भलुओं ने जमकर उत्पात मचाया था यहाँ तक की जिला मुख्यालय के चंद कदम दूरी पर स्थित मंगलभवन से लगे उत्धान में भलुओं के दल को वन विभाग व पुलिस टीम ने पकड़ने की सारी मसक्कत धरी की धरी रह गई व कई दिनों बाद भलुओं का एक शावक को पकड़ने में सफल तो हुवे पर उस शावक की माँ पिंजरे के पास ही बैठी रही रात भर उसके बाद आखिर वन अमला को उस शावक को भी मजबूरी में आजाद करना पड़ा नही तो उसकी माँ उतेजजीत ना हो जाए यह तर्क दे कर वन अमला अपना पल्ला झाड़ दिया, आपको बताते चलें की मंगल भवन में चिरंजीवी बच्चो को कुपोषण से मुक्ति के लिए बच्चों को पोषण युक्त खाना देने का कार्यक्रम चल रहा था जिसमे बच्चों के साथ माँ लोगों के रहने का भी व्यवस्था किया गया था उस समय भी खतरा बना हुआ था की कोई अप्रिय घटना ना घट जाए इसका डर हमेसा बना हुवा था और वही भलुओं का दल बलराम वन परिक्षेत्र की ओर चले जाने के कारण आज वही अप्रिय घटना आज वाड्रफनगर के कैलाश नगर में स्थित उद्यान विभाग के नर्सरी के पास हुई है। मासूम के शव को पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

मिली जानकारी के अनुसार कैलाश नगर में स्थित उद्यान विभाग में इन दिनों मनरेगा के तहत विकास कार्य कराया जा रहा है। जहां मृतक बच्चे की मां व पिता काम करने गए थे। मां को ढूंढते ढूंढते 5 वर्षीय मासूम संजय उनके पास जा रहा था। तभी उसका सामना दो शावक व एक मादा भालू से हो गया। भलुआ ने मासूम पर हमला कर दिया। हमले में मासूम जख्म का दर्द सहन न कर पाया और मौके पर ही दम तोड़ दिया।

खून से लथपथ मासूम को देख मां हुई बेहोश–

आदमखोर भालुओं के द्वारा अपने बेटे पर हमला कर दिए जाने की बात जब मां तक पहुंची तो वह भागे चले आई । जिगर के टुकड़े को खून से लखपत देख मौके पर ही संजय की मां बेहोश हो गई।

भालुओं के झुंड को कहीं और विस्थापित करने की मांग–

एसडीओ फरेस्ट श्याम सिंह देव ने बताया कि मादा भालू और उसके दोनों बच्चों को जंगल की ओर खदेड़ने का प्रयास किया जा रहा है वन विभाग के मैदानी कर्मचारियों को इस काम में लगाया गया है। इसके अलावा तमोर पिंगला अभ्यारण क्षेत्र से भी रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची है। भालू को कब्जे में करने की अनुमति तो नहीं मिली है लेकिन उसे बीहड़ जंगल तक पहुंचा देने का लक्ष्य रखा गया है ताकि आबादी क्षेत्रों में वह दोबारा ना आ सके। राजपुर से गजराज वाहन को भी मंगा लिया गया है ताकि आपात स्थिति होने पर गजराज वाहन में सवार होकर भालू को जंगल की ओर खदेड़ने का आपरेशन चलाया जा सके।

ऐसी घटना और बाद में ना हो जिसके लिए आक्रोशित ग्रामीणों ने आज वन विभाग से यह मांग की है कि भालूओं के इन झुंड को कहीं और ले जाकर छोड़ आ जाए।