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हड़ताल ब्रेकिंग : हड़ताल को रौंदने सरकार की कोशिश —— डीपीआई ने मंगाया हड़ताल मे शामिल होने वाले शिक्षकों और विभाग के कर्मचारियों को सूची

रायपुर । वर्तमान भारत ।

दिनेश मिश्रा की रिपोर्ट

राज्य मे महंगाई भत्ता एवम गृह भाड़ा की मांग को लेकर इन दिनों सरकार एवम कर्मचारी संगठनों के बीच जोर की ठानी हुई है।दरसअल कर्मचारी लंबे समय से अपनी इन मांगों को लेकर चरणबद्ध हड़ताल करते आ रहे हैं मगर उन्हे वह सफलता नहीं मिल रही है जिसके लिए वे आंदोलनरत है। अभी पिछले महीने में कर्मचारियों ने 25से 29 तारीख तक हड़ताल किया था, उसके बाद कर्मचारियों संगठनों से वार्ता के बाद सरकार ने 6% महंगाई भत्ता दिए जाने के संबंध में आदेश जारी कर दिया है, मगर कर्मचारी संगठनों को यह मंजूर नहीं है।

इस वजह से अधिकारी – कर्मचारी आंदोलन को हैं मजबूर

राज्य के कर्मचारियों की मांग केंद्र के समान महंगाई भत्ता और 7 वें वेतनमान के अनुसार गृह भत्ता की है। वर्तमान में केंद्र सरकार द्वारा अपने कर्मचारियों को 38% महंगाई भत्ता दिया जा रहा है इसके एवज में कर्मचारी संगठनों ने सरकार के समक्ष सिर्फ 34% महंगाई भत्ते की मांग रखी है इस पर सरकार ने अभी तक कोई सकारात्मक पहल नहीं की है जिसके कारण कर्मचारी आंदोलन करने को मजबूर हैं।

महंगाई भत्ता का ये है प्रावधान

राज्य सरकार द्वारा केंद्र सरकार के समान महंगाई भत्ता दिए जाने का प्रावधान है किन्तु वर्तमान में राज्य सरकार द्वारा अपने अधिकारियों – कर्मचारियों को सिर्फ 28% ही महंगाई भत्ता दिया जा रहा है जो केंद्र द्वारा दिए जा रहे महंगाई भत्ते से 10% कम है और गृह भत्ता की राशि भी 7 वें वेतनमान के अनुसार दिया जा जिससे कर्मचारियों को प्रतिमाह भारी भरकम नुकसान उठाना पड़ रहा है।

सरकार की दमन नीति

कर्मचारियों ने इसके पहले जो हड़ताल किया था वह एक तरह की चेतावनी थी और उसमें सभी कर्मचारियों ने भाग नहीं लिया था। मगर , इस बार प्रदेश के सभी विभाग के कर्मचारी – अधिकारियों ने हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है और इसकी सूचना भी अधिकारी – कर्मचारियों द्वारा अपने – अपने को प्रेषित कर दी गई है। सोशल मीडिया प्लेट फार्म पर विभिन्न अधिकारी – कर्मचारी संगठनों द्वारा विभिन्न तरीके से प्रस्तावित हड़ताल का जोर – शोर से प्रचार – प्रसार और तैयारी की जा रही है , लेकिन दूसरी ओर सरकार का तेवर अभी भी हठधर्मितापूर्ण ही नजर आ रहा है , जिसके कारण कर्मचारियों का 22 अगस्त से प्रस्तावित हड़ताल होना निश्चित प्रतीत हो रहा है।

दूसरी ओर कर्मचारियों की मांग पर विचार करने के बजाय सरकार ने दंडात्मक कदम अख्तियार करने का निर्णय लिया है और राज्य सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा आंदोलन मे शामिल होने वाले अधिकारी – कर्मचारियों की सूची विभाग से मंगाई गई है। इसी क्रम में डीपीआई ने हड़ताल मे शामिल होने वाले शिक्षकों और शिक्षा विभाग के कर्मियों को जानकारी मंगाई गई है। इस संबंध में सभी जिला शिक्षा अधिकारियों और संभागीय संयुक्त संचालकों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

सरकार की दंडात्मक नीति का कोई असर नहीं

हालाकि सरकार ने हड़तालियों के प्रति अभी तक जो रुख अपनाया है वह डरा देने वाला है , लेकिन हड़ताली इसे सिर्फ धमकी – चमकी और गैर कानूनी मान रहे हैं । कर्मचारी इसे डराकर हड़ताल को रोकने की कोशिश मात्र मान रहे हैं और इसका उन पर कोई असर नहीं पड़ रहा है। वे हड़ताल पर एड हुए है और यदि सरकार द्वारा तत्काल कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया जाता तो तो कल से राज्य भर में सभी सरकारी काम ठप्प हो जाएंगे।