विश्व दिव्यांग दिवस पर बीआरसी खरसिया में हुए विविध कार्यक्रम
आशीष यादव की रिपोर्ट
खरसिया। विश्व दिव्यांग दिवस पर शनिवार को बीआरसी कार्यालय में विभिन्न शालाओं में अध्ययनरत दिव्यांग छात्र-छात्राओं के लिए विभिन्न प्रकार के खेलकूद एवं स्पर्धा का आयोजन किया गया।
बच्चों ने लंबी कूद, जलेबी दौड़, मटकी फोड़, कुर्सी दौड़, रंगोली प्रतियोगिता, गुलदस्ता बनाना, मेहंदी प्रतियोगिता में बढ़-चढ़कर भाग लिया। दिव्यांग छात्रों में इस प्रकार की प्रतियोगिता आयोजित करने से सभी उत्साहित रहे। वहीं प्रतियोगिता संपन्न होने के उपरांत सभी को स्वल्पाहार कराया गया। स्वल्पाहार के पश्यात प्रतियोगिता में विजयी एवं सम्मिलित सभी दिव्यांग छात्र-छात्राओं को पुरस्कार वितरण किया गया। विकासखंड शिक्षाधिकारी एलएन पटेल, विकास खण्ड स्त्रोत समन्वयक प्रदीप कुमार साहू, संकुल-नवागांव प्राचार्य जी.एस.तिवारी, संकुल मूरा प्राचार्य एसके. पटेल के हाथों पुरस्कृत किया गया।
▪️ थोड़े प्रयास से जी सकते हैं सामान्य जीवन : साहू
विश्व दिव्यांग दिवस के अवसर पर विकासखंड स्रोत समन्वयक प्रदीप कुमार साहू ने कहा कि आमतौर पर दिव्यांगों को लेकर लोग दया या हीन भाव रखते हैं। लोगों को लगता है कि यदि कोई व्यक्ति दिव्यांग है तो इसका मतलब है कि वह निश्चित तौर पर दूसरों पर बोझ बना रहेगा, जो सही नहीं है। थोड़े से प्रयास से दिव्यांग व्यक्ति भी सामान्य जीवन जी सकते हैं। लोगों में इसी सोच को लेकर जागरूकता फैलाने, दुनिया भर में दिव्यांगजनों के अक्षमता से जुड़े मुद्दों की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित करने तथा उनके उचित आर्थिक व सामाजिक विकास के लिए प्रयास करने के उद्देश्य से हर साल 3 दिसंबर को दुनिया भर में विश्व विकलांग दिवस या विश्व दिव्यांग दिवस मनाया जाता है। वहीं विकासखंड शिक्षाधिकारी एलएन पटेल के द्वारा विश्व दिव्यांग दिवस के अवसर पर सभी छात्र छात्राओं का उत्साहवर्धन किया गया। वहीं कहा कि इरादे मजबूत हों तो शारीरिक अक्षमता को भी हार मानना पड़ता है। आज ऐसे लोग भी हैं जो अपनी दिव्यांगता को कमजोरी न मान, जिंदगी में आगे बढ़ कुछ करने की कोशिश करते हैं और इस कोशिश में शासन की योजनाएं भी दिव्यांगजनों की सपनों में उड़ान भरने का कार्य कर रही हैं। कार्यक्रम में बीईओ, बीआरसीसी के अलावा समावेशी शिक्षा बीआरपी अनुसुइया पांडे, रजनी जांगड़े, अटेंडर – रागिनी राठौर, एमआईएस दुष्यंत सूर्यवंशी और मैसेंजर विशाल सारथी का विशेष सहयोग रहा।