Latest:
local news

प्रबंधन समिति किसानों के खून पसीने की कमाई पर डाल रहे हैं खुलेआम डाका,धान खरीदी केंद्र में किसानों से डेढ़ किलो अधिक वजन ले रहे प्रभारी

आशीष यादव की रिपोर्ट

सक्ती-बाराद्वार। उपार्जन केंद्र नया बाराद्वार में सूखती के नाम से अधिक धान लिया जा रहा हैं। प्रति बोरे में किसानों से 1 किलो अतिरिक्त धान लिया जा रहा है और किसानों के खून पसीने की कमाई पर खुलेआम डाका डाला जा रहा है। वहीं जिम्मेदार अधिकारी कमीशन रूपी प्रसाद पाकर धृतराष्ट्र बने बैठे हैं। नतीजन धान खरीदी केंद्र नया बाराद्वार के भोले भाले किसान भूपेश शासन काल में स्वयं को ठगा महसूस कर रहे हैं, जिससे वर्तमान सरकार के प्रति किसानों के मन में विश्वास एवं जागरूकता खत्म होने लगा है

गौरतलब है कि जब मीडिया की टीम धान खरीदी केंद्र नया बाराद्वार पहुंची तो देखा कि धान खरीदी केंद्र में कहीं धान का तौल नहीं हो रहा था तो कुछ किसानों से जानकारी लेने पर पता चला कि किसान अपने घर से 41 किलो 500 ग्राम धान को तौलकर लाते हैं और यहां लाकर पलटी कर देते हैं। किसानों को यह भी पता है कि 40 किलो 500 ग्राम धान तौलकर देना है लेकिन 1 किलो अधिक धान यहां लिया जा रहा है। इससे साफ पता चलता है कि तौल मशीन केवल औपचारिकता पूरी करने के लिए है। तय मात्रा से ज्यादा धान देना किसानों की मजबूरी बन गई है।

भूपेश सरकार से नाराज किसान
एक तरफ भूपेश सरकार अपने सरकार को किसानों की हितैषी बताती है तो वहीं उनके प्रशासन में काम कर रहे धान खरीदी प्रभारियों द्वारा खुलेआम किसानों से तय मात्रा से अधिक धान तौल कर अपनी जेब भरने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। वहीं किसान भी सरकार के प्रति खासे नाराज नजर आ रहे हैं। जिम्मेदार अधिकारी दोषी खरीदी प्रभारियों के खिलाफ न तो जांच कर रहे हैं और न ही कार्रवाई कर रहे हैं। कार्रवाई न होने से इनके हौसले और बुलन्द होते जा रहे हैं।अगर ऐसा ही हाल रहा तो आगामी विधानसभा चुनाव में वर्तमान सरकार को इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ सकता है।

कलेक्टर ने पाई थी गड़बड़ी, कार्रवाई शून्य?
लगभग महीने भर बीतने को है जब कलेक्टर एवं एसडीएम द्वारा धान खरीदी केंद्र तुषार में खरीदी प्रभारी द्वारा तय मात्रा से अधिक धान तौलते पाया गया था और खरीदी प्रभारी को फटकार लगाकर औपचारिकता निभा दी गई थी। अभी तक उक्त प्रभारी के खिलाफ गड़बड़ी पाए जाने के बाद भी खरीदी प्रभारी के खिलाफ कार्रवाई न करना उनके कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रहे हैं। कार्रवाई न होने के कारण खरीदी प्रभारियों के हौसले इतने बुलंद हो गए हैं कि शासन के नियमों को खुलेआम चुनौती दे रहे हैं।

नया बाराद्वार धान खरीदी केंद्र में चल रहे गड़बड़ झाले की सूचना दो बार जिम्मेदार अधिकारी को दी गई। सूचना पाकर भी जिम्मेदार अधिकारी ने कोई जांच कार्यवाही करना उचित नहीं समझा गया। जिससे अंदेशा लगाया जा सकता है की धान खरीदी केंद्र में हो रहे लूट पर प्रशासन कितना सक्रिय है। सबकी सामूहिक मिलीभगत से धान खरीदी केंद्र नया बाराद्वार में किसानों को लूटने का काम चल रहा है। मौके पर जिम्मेदार अधिकारी किसी भी बोरे की परीक्षण करेंगे तो एक से दो किलो अधिक धान ही मिलेगा।