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वन विभाग की कार्यशैली संदेह के दायरे में: खतरनाक तेंदुआ लगातार जानवरों और इंसानों को बना रहा अपना शिकार और एक्सपर्ट ने कहा था- ये आदमखोर नहीं

मनेंद्रगढ़ । वर्तमान भारत ।

आदर्श सिंह की रिपोर्ट

छत्तीसगढ़ राज्य के मनेंद्रगढ़ – चिरमिरी – भरतपुर जिले के लोग विगत एक महीने से भय के साए में जी रहे हैं।यहां एक तेंदुए ने आतंक मचा रखा है और अब तक तीन इंसानों और दो गायों को अपना शिकार बना चुका है।अभी ताजा मामला जनकपुर इलाके है जहां तेंदुए ने खेत में काम कर रहे एक किसान पर हमला कर दिया और उसकी गर्दन दबोचकर उसे मार डाला।

प्राप्त जानकारी के अनुसार रविवार शाम को जनकपुर निवासी रनबदन अपने खेत में फसल की रखवाली कर रहा था। उसी वक्त अचानक से तेंदुआ पहुंच गया और उसने अधेड़ पर हमला कर दिया। घटना का पता तब चला, जब कुछ ग्रामीण उस खेत के पास पहुंचे थे। वहां पर रनबदन का शव पड़ा हुआ था। इसके बाद वन विभाग को इस बात की सूचना दी गई थी। खबर मिलते ही मौके पर वन विभाग की टीम पहुंची और शव को पोस्मार्टम के लिए भेजा गया।

रात के अंधेरे में खानापूर्ति करता वन अमला

दूसरी ओर क्षेत्र के विधायक गुलाब कमरो ने वन मंत्री को पत्र लिखकर इलाके में लगातार हो रहे तेंदुए के हमले से निजात दिलाने की बात कही है। उन्होंने लिखा है कि तेंदुए आदमखोर हो चुका है उसे जल्द पकड़ने की व्यवस्था की जाए।

अलग-अलग इलाकों में घूम रहा तेंदुआ

यह तेंदुआ जिले के अलग-अलग इलाकों में विचरण कर रहा है। इसके पहले 3 जनवरी को इसने सिंगरौली गांव में एक महिला की जान ली थी। तब भी लोगों ने मांग की थी कि इसे जल्द पकड़ लिया जाए। फिर इसे पकड़ने जंगलों में पिंजरे लगाए गए थे। फिर भी तेंदुआ पकड़ में नहीं आया।

एक्सपर्ट ने कहा -ये आदमखोर नहीं

दहशत में जी रहे ग्रामीणों ने अब इस तेंदुए को मारने की मांग कर रहे हैं। दो दिन पहले ही कांकेर से तेंदुए को पकड़ने आई एक्सपर्ट टीम वापस चली गई थी। उस दौरान एक्सपर्ट टीम ने कहा था कि वह आदमखोर नही है, जबकि वह बार-बार गांव में घुसकर ग्रामीणाें पर हमला कर उन्हें मौत के घाट उतार रहा है। एक्सपर्ट टीम के जाते ही जनकपुर वन परिक्षेत्र में अब तेंदुए ने एक अधेड़ को मार दिया है। ऐसे में लोग वन विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठा रहे हैं।

तेंदुए ने तीन इंसान और दो गाय की जान ली

वनांचल कुंवारपुर व जनकपुर वनपरिक्षेत्र में कांकेर से पहुंची वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट की चार सदस्यीय टीम पांच दिन से सिर्फ पंजों के निशान से तेंदुए की पहचान करने में जुटी है। हालांकि फॉरेस्ट टीम तेंदुए को पकड़ने के लिए जनकपुर और कुंवारपुर में आधा दर्जन पिंजरा लगा रखा है। लेकिन तेंदुआ पिंजरे में नहीं फंस रहा है।

हमले में अब तक घायल-मौत

11 दिसंबर- कुंवारपुर वनपरिक्षेत्र के गौधोरा में फुलझरिया की मौत।
23 दिसंबर- कुंवारपुर वनपरिक्षेत्र के छपराटोला में बालक सुरेश घायल।
3 जनवरी- जनकपुर वनपरिक्षेत्र के ग्राम सिंगरौली में उमा बाई बैगा की मौत।
15 जनवरी- जनकपुर वनपरिक्षेत्र के ग्राम कुंवारी में रमदमन बैगा की मौत।

एक बच्चा भी घायल हुआ

इससे पहले 11 दिसम्बर 2022 को इसी तेदुए ने कुंवारपुर के गोधौरा में एक महिला पर हमला कर मौत के घाट उतार दिया था। दूसरी घटना 24 दिसम्बर को कुंवारपुर के छपराटोला में हुई। उस वक्त तेंदुआ 8 साल के बच्चे को अपने जबड़े में फंसाकर ले जा रहा था। मगर दीवार फांदने के वक्त बच्चा उसके जबड़े से छूट गया और बच्चा बच गया था। वहीं तेंदुआ भाग निकला था। 3 जनवरी को सिंगरौली में भी तेंदुए ने एक महिला को मार डाला था। इसके बाद तेंदुए को पकड़ने के लिए तीन अलग-अलग लोकेशन में पिंजरे और ट्रेस करने के लिए कैमरा लगाया गया, लेकिन तेंदुआ पकड़ में नहीं आया है।